Cricket Australia: क्रिकेट में बदलाव के लिए जो मसौदा तैयार किया गया है, उसमें IPL की तरह अन्य टी20 लीग के लिए भी अतिरिक्त ‘विंडो’ रखने, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंक प्रणाली में बदलाव करने, वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में ओवरों की संख्या घटाकर 40 करने, टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से जुड़ी आशंकाएं आदि शामिल हैं.
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Cricket Australia: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के सीईओ निक हॉकले ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने जो मसौदा पेश किया था उस पर तीन प्रमुख देशों भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने गौर नहीं किया. सिडनी मार्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार क्रिकेट के तीन शक्तिशाली बोर्ड ने उस दस्तावेज को नजरअंदाज कर दिया जिसे न्यूजीलैंड क्रिकेट के अध्यक्ष मार्टिन स्नेडेन ने तैयार किया था और जिसमें टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए भविष्य के दौरा कार्यक्रम (FTP) में बदलाव करने की सिफारिश की गई थी.
निक हॉकले का बड़ा बयान
निक हॉकले ने एसईएन क्रिकेट से कहा,‘स्पष्ट रूप से मुझे लगता है कि इस बारे में गलत रिपोर्टिंग की गई है. निश्चित तौर पर अभी हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्रिकेट कैलेंडर को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है और विश्व भर में क्रिकेट को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है.’ क्रिकेट में बदलाव के लिए जो मसौदा तैयार किया गया है, उसमें इंडियन प्रीमियर लीग की तरह अन्य टी20 लीग के लिए भी अतिरिक्त ‘विंडो’ रखने, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंक प्रणाली में बदलाव करने, वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में ओवरों की संख्या घटाकर 40 करने, टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से जुड़ी आशंकाएं आदि शामिल हैं.
आलोचकों को CA ने दिया करारा जवाब
निक हॉकले ने कहा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया खेल के तीनों प्रारूपों को आगे बढ़ाने में आईसीसी की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. निक हॉकले ने कहा,‘हम इस काम में पूरी तरह से शामिल हैं. मुझे लगता है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का अच्छा प्रभाव है और मेरा मानना है कि खेल को आगे बढ़ाने के संबंध में हमें आईसीसी के साथ वास्तव में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.’ निक हॉकले ने कहा,‘मेरा मानना है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस खेल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है फिर चाहे वह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हो. मैं आईसीसी के एफटीपी कार्य समूह का हिस्सा हूं तथा यह सुनिश्चित कर रहा हूं कि हम तीनों प्रारूपों को मजबूत बनाए रखें.’