भारतीय टीम के पूर्व बैट्समैन गौतम गंभीर ने क्रिकेट के मैदान पर हमेशा ही शानदार प्रदर्शन कर करोड़ों फैंस के दिलों में अपनी जगह बनाई.
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नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व बैट्समैन गौतम गंभीर ने क्रिकेट के मैदान पर हमेशा ही शानदार प्रदर्शन कर करोड़ों फैंस के दिलों में अपनी जगह बनाई. हाल ही में गौतम गंभीर ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान कोरोना वायरस (Coronavirus) के बारे में बात की, जिसमें उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को आने वाले समय में कोरोनावायरस के साथ रहने की आदत डालनी होगी.
ये तो हम सभी जानते हैं कि इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस की महामारी की वजह से परेशान हो चुकी है, जिससे हर तरफ लोगों की परेशानी सिर्फ बढ़ती ही जा रही है. कारोबार ठप्प हो चुके हैं, मनोरंजन और खेल की दुनिया भी पूरी ठप्प पड़ी हुई है, ऐसा लग रहा है कि जैसे इस महावारी ने हर किसी की जिंदगी पर रोक लगा दी है. साथ ही कोविड-19 (Covid-19) ने क्रिकेट के कैलेंडर पर भी रोक लगा दी है, जिसकी वजह से कई अंतर्राष्ट्रीय सीरीज पर रोक लग चुकी है. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल भी गेंद को लार से चमकाने की जगह कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है. सभी क्रिकेट बोर्ड में इस वक्त खेल में होने वाले इन्हीं बदलावों पर चर्चा कर रहे हैं.
इसी के चलते टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने भी इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा है कि अब क्रिकेट के खिलाड़ियों को बॉल पर लार लगाने या थूक लगाने को लेकर कोई विकल्प मिल सकता है, साथ ही गौतम ने कहा कि, उन्हें ऐसा नहीं लगता कि इस नियम को लेकर खेल में कुछ ज्यादा फेरबदल होगा.
क्रिकेट की एक बार फिर शुरुआत होने पर कई नियमों को बदलने पर चर्चा हो रही है. खासकर बॉल को चमकाने के लिए सलाइवा यानि लार के इस्तेमाल पर खूब चर्चा हो रही है. अब इस बारे में गौतम गंभीर ने भी बात की है, उन्होंने कहा है कि- 'मुझे नहीं लगता कि खेल के ज्यादा नियम बदलेंगे. शायद उनके पास सलाइवा को लेकर दूसरा विकल्प हो.'
साथ ही गौतम ने कहा कि- 'खिलाड़ियों के साथ-साथ बाकी लोगों को भी इस वायरस के साथ जीना सीखना पड़ेगा. ये भी हो सकता है कि ये वायरस खिलाड़ियों को पकड़ ले. हो सकता है हमें इसके साथ रहना पड़े. वैसे बाकी खेलों की अपेक्षा सोशल डिस्टेंसिंग क्रिकेट के खेल में आसानी से लागू की जा सकती है.'
गौतम ने इस इंटरव्यू में कहा कि- 'सोशल डिस्टेंसिंग बाकी खेलों में लागू करना इतना आसान नहीं होगा जितना क्रिकेट में होगा. क्रिकेट में इसे लागू करना आसान होगा, वहीं फुटबाल, हॉकी और बाकी दूसरे खेलों में इसे कैसे लागू करेंगे. इसी वजह से मुझे लगता है कि हमें इस वायरस के साथ रहना सीखना पड़ेगा. जितनी जल्दी आप और हम इसे मान लेंगे उतना अच्छा होगा.'
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