David Warner Captaincy: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साल 2018 में बॉल टैंपरिंग में शामिल होने के कारण तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान वॉर्नर को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. वॉर्नर ने इसके खिलाफ अपील की लेकिन फिर उसे वापस ले लिया.
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Ian Chappell on David Warner : धुरंधर बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने उस वक्त सनसनी मचा दी, जब उन्होंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) पर गंभीर आरोप लगाए. वॉर्नर ने अपनी कप्तानी पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटाने के लिए अपील की थी लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. माइकल क्लार्क समेत कई पूर्व खिलाड़ियों ने वॉर्नर का सपोर्ट किया था. अब इस लिस्ट में पूर्व कप्तान इयान चैपल का नाम भी जुड़ गया है. चैपल का मानना है कि सीए ने कभी अपने खिलाड़ियों के हितों की रक्षा नहीं की. उन्होंने कहा कि डेविड वॉर्नर ने खुद पर लगे कप्तानी प्रतिबंध पर कड़ी प्रतिक्रिया करके अधिकारियों की अपना बचाव करने की प्रवृत्ति का खुलासा किया.
वॉर्नर ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया
36 साल के डेविड वॉर्नर ने बुधवार को अपनी कप्तानी पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटाने की अपील वापस ले ली. उनका कहना था कि समीक्षा पैनल उन्हें सार्वजनिक शर्मिंदगी से गुजारना चाहता है और वह नहीं चाहते कि उनकी फैमिली ‘क्रिकेट की गंदी लॉन्ड्री के लिए वॉशिंग मशीन’ बने. इसके बाद कई पूर्व खिलाड़ियों ने वॉर्नर का समर्थन किया. इस कड़ी में चैपल का नाम भी जुड़ गया है. चैपल ने क्रिकइन्फो में अपने कॉलम में लिखा कि वॉर्नर का यह फैसला सही था.
चैपल ने किया सपोर्ट
इयान चैपल ने लिखा, ‘मुझे तब अच्छा नहीं लगा जब डेविड वॉर्नर ने कप्तानी प्रतिबंध की समीक्षा करने के आग्रह को वापस लेने का फैसला करते हुए सीए को आड़े हाथों लिया था. इससे पता चलता है कि डेविड का उनके हितों को लेकर अधिकारियों पर भरोसा नहीं था. वॉर्नर का यह बुद्धिमतापूर्ण फैसला था क्योंकि सीए केवल अपने हितों की रक्षा करता है, खिलाड़ियों की नहीं. युवा खिलाड़ियों को वॉर्नर का आभार व्यक्त करना चाहिए क्योंकि उन्होंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की केवल अपना बचाव करने की प्रवृत्ति का खुलासा किया. उन्हें भविष्य में इसको ध्यान में रखना चाहिए.’
बैन को बताया गलत
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने चैपल ने कहा, ‘सबसे जरूरी बात यह है कि वॉर्नर का समीक्षा वापस लेने से पता चलता है कि उन पर कप्तानी को लेकर लगाया गया आजीवन प्रतिबंध का फैसला कितना गलत था.’ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2018 में बॉल टैंपरिंग में शामिल होने के कारण तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान वॉर्नर को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. स्मिथ पर जहां कप्तानी का बैन केवल दो साल के लिए लगा था तो वहीं वॉर्नर को इस मामले में आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया था. चैपल का कहना है कि स्मिथ और वॉर्नर पर कप्तानी को लेकर एक जैसा प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए था. उनकी नजर में स्मिथ का अपराध वॉर्नर से बड़ा था क्योंकि तब वह टीम की कप्तानी संभाल रहे थे.
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