शीर्ष क्रिकेटर गौतम गंभीर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में ‘‘सरकार से नामित व्यक्ति’’ के रूप में वापसी करेंगे
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नई दिल्ली : दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के चुनाव के बाद उसके प्राशसनिक हालातों में काफी बदलाव आने वाला है. सोमवार को आए डीडीसीए चुनाव परिणामों के आने के बाद यह नजह भी आने लगा. न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन के 17 महीने के कार्यकाल में नजरअंदाज किए गए शीर्ष क्रिकेटर गौतम गंभीर डीडीसीए में ‘‘सरकार से नामित व्यक्ति’’ के रूप में वापसी करेंगे. डीडीसीए के नव निर्वाचित सचिव विनोद तिहाड़ा ने सोमवार को यह जानकारी दी.
गंभीर को पिछले साल ही सरकार द्वारा नामित व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन न्यायमूर्ति सेन ने तब साफ कर दिया था कि जब तब वह क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में सक्रिय हैं, उन्हें मंजूरी नहीं दी जाएगी. हालांकि रजत शर्मा पैनल के डीडीसीए चुनाव में सभी सीटें जीतने के बाद सचिव तिहाड़ा ने साफ कर दिया कि उनकी गंभीर को लेकर बड़ी योजनाएं हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचित सदस्य प्रशासनिक पक्ष पर ध्यान देंगे लेकिन क्रिकेट संबंधी फैसले क्रिकेट खिलाड़ी (गंभीर) लेंगे. गंभीर दिल्ली क्रिकेट में सबसे बड़े नामों में से एक हैं. यह स्वाभाविक है कि वह एक अहम भूमिका निभाएंगे. आप इसे आधिकारिक समझ सकते हैं, गौतम क्रिकेट से जुड़े सारे नीतिगत फैसले लेंगे.’’
सचिव ने कहा, ‘‘हम के पी भास्कर से जुड़ी घटना कैसे भूल सकते हैं, उन्हें अनुशासनात्मक सुनवाई के लिए तलब किया गया था और बाहर बिठाया गया एवं उनके साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया गया. आप किसी नामी क्रिकेटर के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते.’’ तिहाड़ा ने साफ कर दिया कि गंभीर के फैसले का पूरा सम्मान किया जाएगा और क्रिकेट मामलों की समिति (सीएसी) के सदस्यों को लेकर फैसला वहीं लेंगे.
इस समय पूर्व क्रिकेटर मदन लाल सीएसी के प्रमुख हैं लेकिन उनके पद पर बने रहने की संभावना नहीं है. मदन लाल डीडीसीए के अध्यक्ष पद का चुनाव वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा से हार गए. रजत शर्मा मदन लाल को 517 वोट से हराकर सोमवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के नये अध्यक्ष बने थे. सोमवार को डीडीसीए चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए और रजत शर्मा के समूह ने सभी 12 सीटें जीत लीं. शर्मा को 1,531 वोट मिले जबकि मदन लाल को 1,004 वोट से संतोष करना पड़ा. मुकाबले में खड़े तीसरे उम्मीदवार वकील विकास सिंह को महज 232 वोट मिले.
शर्मा ने पद पर न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की जगह ली जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीडीसीए का प्रशासक नियुक्त किया था. वरिष्ठ पत्रकार ने पदभार संभालने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं डीडीसीए की लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखने के लिए अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करूंगा.’’
वहीं चुनाव की बात करें तो बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना को चुनाव से बड़ा झटका लगा क्योंकि उनकी पत्नी शशि उपाध्यक्ष पद के चुनाव में राकेश बंसल से हार गयीं. राकेश डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष स्नेह बंसल के छोटे भाई हैं. राकेश ने शशि को 278 वोट से हराया. उन्हें 1,364 जबकि शशि को 1,086 वोट मिले. हार के साथ डीडीसीए में खन्ना के लिए अब रास्ते बंद हो सकते हैं जहां करीब तीन दशकों से उनका वर्चस्व रहा है.
सत्तारूढ़ दल के एक बड़े नेता का समर्थन हासिल था शर्मा को
रजत शर्मा और उनके पैनल की उम्मीदवारी को सत्तारूढ़ दल के एक बड़े नेता का समर्थन हासिल था और भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा भी उनका पुरजोर समर्थन कर रहे थे. बत्रा पूर्व में डीडीसीए के कोषाध्यक्ष थे. दूसरे उल्लेखनीय विजयी उम्मीदवारों में खेल समिति के पूर्व अध्यक्ष विनोद तिहाड़ा (1,374 वोट) शामिल हैं जिन्होंने सचिव पद के चुनाव में करीबी प्रतिद्वंद्वी मंजीत सिंह (998) को 376 वोटों से हराया. चुनाव जीतने वाले अन्य उम्मीदवारों में राजन मनचंदा (संयुक्त सचिव), ओमप्रकाश शर्मा (कोषाध्यक्ष), संजय भारद्वाज (निदेशक) शामिल हैं.