महिला क्रिकेट कोच चयन पर मतभेद जारी, एडुल्जी ने कहा- मिला रंगास्वामी का साथ
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महिला क्रिकेट कोच चयन पर मतभेद जारी, एडुल्जी ने कहा- मिला रंगास्वामी का साथ

एडुल्जी ने ईमेल में बताया कि रंगास्वामी का मानना है कि महिला क्रिकेट के जरिए उन्हें निशाना बनाया गया है. 

एडुल्जी के मुताबिक उन्हें रंगास्वामी का समर्थन मिला है.  (फोटो: IANS)

नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान और नया कोच चुनने वाली समिति की सदस्य शांता रंगास्वामी का मानना है कि महिला क्रिकेट का मसला उनकी पूर्व साथी खिलाड़ी डायना एडुल्जी को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया. प्रशासको की समिति की सदस्य एडुल्जी ने यह बात कही. भारत के लिए 16 टेस्ट और 19 वनडे खेल चुकीं 64 बरस की रंगास्वामी उस तीन सदस्यीय समिति में थीं जिसने डब्ल्यू वी रमन को भारतीय टीम का नया कोच चुना. 

  1. एडुल्जी चयन प्रक्रिया पर शुरू से थीं खिलाफ
  2. एडुल्जी कोच पद पर पोवार की नियुक्ति चाहती थीं
  3. विरोध के बाद भी चयन प्रक्रिया पूरी हो गई है

पूरी प्रक्रिया में प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय और एडुल्जी के बीच वाकयुद्ध जारी रहा. एडुल्जी चाहती थी कि पूर्व कोच रमेश पोवार ही पद पर बने रहे जबकि राय ने नई प्रक्रिया का समर्थन किया था. पोवार के साथ मतभेद सार्वजनिक होने पर भारत की वनडे कप्तान मिताली राज ने एडुल्जी पर पक्षपात का आरोप लगाया था. एडुल्जी ने कहा कि रंगास्वामी ने उस ईमेल में उनका समर्थन किया है जो सीओए और बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी को भेजा गया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘शांता रंगास्वामी ने हमें भेजे ईमेल में कहा है कि महिला क्रिकेट का मसला सीओए सदस्य पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया गया क्योंकि वह सीईओ के खिलाफ खड़ी हुई थी.’’ 

पूरे मामले की यह जड़ बताई एडुल्जी ने
एडुल्जी ने कहा कि महिला क्रिकेट का पूरा मसला बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी पर लगे यौन उत्पीड़न के कथित आरोपों पर से ध्यान हटाने के लिए इस्तेमाल किया गया. उल्लेखनीय है कि पूर्व कप्तान कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और एस रंगास्वामी की चयन समिति ने दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन पर तरजीह देते हुए पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था. पैनल ने बोर्ड को तीन नाम -कर्स्टन, रमन और वेंकटेश प्रसाद (तरजीह के आधार पर) की सिफारिश की. लेकिन बीसीसीआई ने पद के लिए रमन को चुना. 

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चयन प्रक्रिया रोकने को कहा था
प्रशासकों की समिति (सीओए) के बीच इस मुद्दे पर विभाजित विचारों के बावजूद यह नियुक्ति गई जिसमें डायना एडुल्जी ने चेयरमैन विनोद राय को चयन प्रक्रिया रोकने को कहा था. बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाए और कहा कि इसे राय की मंजूरी मिली थी, एडुल्जी की नहीं. इस पहले इस चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बीसीसीआई के कार्यवाहक कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी और एडुल्जी ने सीओए प्रमुख विनोद राय को आड़े हाथों लिया था. एडुल्जी ने राय को पत्र लिखकर साक्षात्कार की प्रक्रिया रोकने के लिए कहा था लेकिन भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी एम श्रीकृष्णा से राय लेने के बाद साक्षात्कार प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दे दी. 

चौधरी ने किया था एडुल्जी का समर्थन
चौधरी का मानना है कि राय के साक्षात्कार प्रक्रिया जारी रखने के फैसले से एडुल्जी ठगी हुई सी महसूस कर रही हैं. एडुल्जी ने पहले भी साक्षात्कार रोकने की अपील की थी. चौधरी ने लिखा, ‘‘सीओए की सदस्या डायना एडुल्जी ने जो मेल भेजा है उसमें उन्होंने कुछ बेहद मौलिक मुद्दों को उठाया है. यह मेल सभी पदाधिकारियों को भी भेजा गया है. इससे हमें सीओए, पेशेवर प्रबंधन और बीसीसीआई की कानूनी टीम के कामकाज के तरीकों की जानकारी पता चली है.’’ 

चीजों को हलके में लिया जा रहा है
चौधरी ने कहा, ‘‘मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि बीसीसीआई प्रशासन के संबंध में यह अच्छी तस्वीर पेश नहीं करता. इससे लगता है कि चीजों को हल्के से लिया जा रहा है, निर्णय करने में अनिमियतता लगती है जिसका परिणाम गैरकानूनी हो साबित हो सकता है.’’ उच्चतम न्यायालय से नियुक्त सीओए में कोच चयन प्रक्रिया को लेकर मतभेद थे. एडुल्जी पोवार को बनाए रखना चाहती थीं जबकि राय ने बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों को नए आवेदन मंगवाने के निर्देश दिये थे. 

(इनपुट भाषा)

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