Piloo Reporter: 84 साल के पूर्व भारतीय अंपायर पीलू रिपोर्टर का सेरेब्रल कन्फ्यूजन बीमारी के कारण मुंबई में निधन हो गया. वह इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास में पहले दो तटस्थ अंपायरों में से एक थे.
Trending Photos
Piloo Reporter passes away aged 84: इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास में पहले दो तटस्थ अंपायरों (Neutral Umpires) में से एक पीलू रिपोर्टर (Piloo Reporter) का रविवार (3 सितंबर) को बीमारी के कारण मुंबई में निधन हो गया. 84 साल के पीलू रिपोर्टर (Piloo Reporter) सेरेब्रल कन्फ्यूजन बीमारी से पीड़ित थे और उनके घर पर उनकी पत्नी और दो बेटियां उनकी देखभाल कर रही थीं.
1992 वर्ल्ड कप में की अंपायरिंग
1992 वर्ल्ड कप, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेला गया था, 14 टेस्ट मैचों और 22 वनडे मैचों के अलावा उन टूर्नामेंटों में से एक था जिसमें रिपोर्टर ने अंपायरिंग की थी. पीलू रिपोर्टर (Piloo Reporter), 1992 वर्ल्ड कप में एकमात्र भारतीय अंपायर था, जो अपने फुर्तीले संकेत के लिए जाने जाते थे.
पहले दो तटस्थ अंपायरों में से एक
1986 में लाहौर में पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया टेस्ट मैच रिपोर्टर के लिए एक बड़ा अवसर था - यह इंटरनेशनल क्रिकेट में 'तटस्थ' अंपायर (Neutral Umpires) के लिए पहला उदाहरण था. उन्होंने साथी भारतीय वीके रामास्वामी के साथ उस मैच में अंपायरिंग की थी. पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने घरेलू अंपायरों के कथित पूर्वाग्रह के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए बदलाव का सुझाव दिया था. आईसीसी ने दो साल बाद इसे औपचारिक रूप देने से पहले 1992 में टेस्ट क्रिकेट में एक तटस्थ अंपायर का प्रयोग किया था
पहली बार इस मैच में की अंपायरिंग
पीलू रिपोर्टर (Piloo Reporter) ने पहली बार 1984 में इंग्लैंड के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में अंपायरिंग की थी. वह हमेशा मुखर रहते थे और क्रिकेट में मैल्कम मार्शल, विव रिचर्ड्स और इमरान खान जैसे बड़े नामों का सामना करने में कभी भी अभिभूत महसूस नहीं करते थे. 1987 में मिड-डे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'अंपायरिंग काफी हद तक ट्रैफिक को नियंत्रित करने जैसा ही काम है. ट्रैफिक भी चलना चाहिए और खेल भी.'