गौतम गंभीर ने पेश की रक्षाबंधन पर अनोखी मिसाल, अपने संदेश में दी चुनौती
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गौतम गंभीर ने पेश की रक्षाबंधन पर अनोखी मिसाल, अपने संदेश में दी चुनौती

 टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने रक्षाबंधन के त्यौहार को एक नया मानवीय आयाम देते हुए एक अनोखी मिसाल कायम की हैं. 

गौतम गंभीर ने समाजिक मिसाल करते हुए लोगों की सोच को चुनौती दी है.  (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश भर में रविवार को रक्षाबंधन का त्यौहार बहुत उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को हर तरह की सुरक्षा का भरोसा देते हैं. लेकिन इस उत्सव को एक पूर्व क्रिकेटर ने इस उत्सव को एक नया आयाम देने की  कोशिश की है.  टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने रक्षाबंधन के त्यौहार को एक नया मानवीय आयाम देते हुए एक अनोखी मिसाल कायम की हैं. 

यह हमारे समाज की वि़डम्बना है कि लोग ट्रांसजेंर्स को स्वीकार करना, उन्हें समाज में स्थान देना पसंद नहीं करते. इस दिशा में कई लोग लोगों और समाज की मूल सोच को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. गंभीर ने उसी दिशा में एक साहसी कदम उठाया है. 

अनोखी सामाजिक मिसाल पेश की गौतम ने
गौतम गंभीर ने रक्षाबंधन के पर्व में ट्रांसजेडर्स से राखी बंधवाई और अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर एक भावुक संदेश दिया है. गंभीर ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा है, “यह पुरुष और महिल के बारे में नहीं है. यह सिर्फ इंसानों के बारे में है.  गर्व के साथ ट्रांसेजेंडर अभीना अहेर और सिमर शेख और हाथ में उनकी राखी का प्यार. मैंने उन्हें स्वीकार किया है जैसे वे हैं. क्या आप करेंगे?”

गौतम ने अपनी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट की हैं. 

 

हमारे समाज में भी बदलाव आ रहा है. भले ही धीमी गति से है नतीजे उत्साहजनक नहीं हैं, लेकिन ट्रांसजेंडर्स की समाज में स्वीकार्यता बढ़ने की ओर है. हाल ही में सरकारी फॉर्म में ‘जेंडर’ या ‘सेक्स’ के कॉलम में एक मेल या फीमेल यानि पुरुष और महिला के अलावा एक और बॉक्स दिया जाने लगा है और वह ट्रांसजेंडर है. इसके अलावा कुछ स्थानीय निकायों में ट्रांसजेंडर भी चुनाव जीत कर समाज की मुख्यधारा में काम कर रहे हैं. गंभीर के संदेश को मिला समर्थन भी इसका सबूत है. 

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