इनकी धुआंधार बल्लेबाजी के कायल हुए गंभीर, बोले- ओपनिंग में भी गेंदबाज की लाइन-लेंथ बिगाड़ सकता है ये स्टार
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इनकी धुआंधार बल्लेबाजी के कायल हुए गंभीर, बोले- ओपनिंग में भी गेंदबाज की लाइन-लेंथ बिगाड़ सकता है ये स्टार

राजकोट में खेले गए टी-20 सीरीज के आखिरी मुकाबले में एक विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी के लिए आए राहुल त्रिपाठी ने गजब का इंटेंट दिखाया. पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर भी उनकी बल्लेबाजी के कायल हो गए.

इनकी धुआंधार बल्लेबाजी के कायल हुए गंभीर, बोले- ओपनिंग में भी गेंदबाज की लाइन-लेंथ बिगाड़ सकता है ये स्टार

Gautam Gambhir lauds Rahul Tripathi's intent: राजकोट में खेले गए टी-20 सीरीज के आखिरी मुकाबले में सूर्यकुमार की ताबड़तोड़ शतकीय पारी की मदद से टीम इंडिया ने श्रीलंका को हराकर सीरीज पर कब्जा कर लिया. इस जीत में एक अहम भूमिका भारतीय बल्लेबाजों के लिए मंच तैयार करने वाले राहुल त्रिपाठी की भी रही जिन्होंने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए पावरप्ले में 218 की स्ट्राइक रेट से 16 गेंदों पर 35 रन बनाए. राहुल ने अपने दूसरे ही मैच की इस छोटी सी पारी में अपने मंसूबे को साफ कर दिया था. एक विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी के लिए आए राहुल त्रिपाठी ने गजब का इंटेंट दिखाया. पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर भी उनकी बल्लेबाजी के कायल हो गए.

सीरीज के निर्णायक मुकाबले में टीम इंडिया के टी-20 कप्तान हार्दिक पंड्या ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. हालांकि, भारत को पहले ही ओवर में इशान किशन के रूप में बड़ा झटका लगा. इस समय ऐसा लगा कि कहीं पहले बल्लेबाजी का फैसला गले की हड्डी न बन जाए. लेकिन इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए युवा खिलाड़ी राहुल त्रिपाठी ने अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से पहले विकेट के पतन के असर को बेअसर कर दिया.

उन्होंने आते ही अपने कंधे खोल दिए और चौके-छक्के जड़ने लगे. 35 रनों की अपनी छोटी लेकिन इंटेंट भरी पारी में उन्होंने 32 रन बाउंड्री से बटोरे. उन्होंने 5 चौके और 2 छक्के लगाकर टीम इंडिया को एक बेहतरीन शुरुआत दी.

उनकी बल्लेबाजी को देखकर गौतम गंभीर उनके मुरीद हो गए. उन्होंने कहा, 'राहुल त्रिपाठी ऐसा खिलाड़ी है जिसने अपनी फ्रेंचाइजी और राज्य के लिए हर नंबर पर बल्लेबाजी की है. वो ओपनिंग कर सकते है, नंबर 3 पर खेल सकते हैं या फिर उन्हें मध्य क्रम में भी भेजा जा सकता है. आप उन्हें किसी भी नंबर पर खेलने के लिए भेजें, उनका खेलने का तरीका वही रहता है. फिर चाहे वो किसी भी टीम के खिलाफ क्यों न खेलें. वो नई गेंद के गेंदबाज को भी उतना ही सम्मान देते हैं जितना कि पुरानी गेंद को. आप उनके जैसे खिलाड़ियों को देखना चाहते हैं.'

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