टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का कार्यकाल काफी विवादों से भरा रहा, चैपल के खिलाफ हरभजन समेत कई खिलाड़ी बयान दे चुके हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने ग्रेग चैपल (Greg Chappell) पर टीम इंडिया को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. यहां आपको याद दिला दें कि चैपल 2005-07 तक भारतीय टीम के कोच थे. हरभजन ने चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक बुरा सपना बताया. हरभजन ने उस समय को याद करते हुए खुलासा किया है कि जब भारतीय टीम 2007 वर्ल्ड कप में पहले ही राउंड में हारकर बाहर हो गयी थी तो उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में विचार करना शुरू कर दिया था क्योंकि उन्हें अपने खेल पर संशय होने लगा था.
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हरभजन की मानें तो ग्रेग चैपल का कार्यकाल टीम इंडिया के लिए एक अभिशाप की तरह था क्योंकि चैपल भारतीय क्रिकेट का भला नहीं चाहते थे. ऐसे में उन्होनें टीम में फूट डालने का काम किया और टीम को पूरी तरह से बिखेरकर रख दिया. गौरतलब है कि चैपल ही वो भारतीय कोच थे जिसकी वजह से सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को भारतीय टीम से निकाल दिया गया था.
हरभजन ने कहा, 'इससे पहले बहुत कुछ हुआ था. जब ग्रेग चैपल हमारी टीम के कोच के रूप में आए, तो उन्होंने पूरी टीम को तितर-बितर कर दिया. कोई नहीं जानता कि जब वह हमारे कोच बनकर आए, तो उनका मकसद क्या था. कोई नहीं जानता कि किसी मजबूत टीम को उनसे बेहतर कैसे खराब किया जाए. वह जो चाहते थे, करते थे.'
हरभजन ने चैपल के समय में भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा दौर देखा और 4 साल बाद महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में जब भारतीय टीम वर्ल्ड चैंपियन बनी तो उन्हें टीम इंडिया का सबसे खुशनुमा पल जीने को भी मिला. इस सबके बावजूद हरभजन ने आजतक चैपल को माफ नहीं किया है क्योंकि हरभजन को ये यकीन है कि चैपल टीम इंडिया को बरबाद करने के लिए आए थे. चैपल की कोचिंग ही वर्ल्ड कप 2007 में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण थी.
भज्जी ने कहा, '2007 का 50 ओवर वर्ल्ड कप मेरे करियर का सबसे खराब समय था. हम बहुत कठिन समय से गुजर रहे थे और मैंने यह भी सोचा कि शायद भारत के लिए खेलने का यह सही समय नहीं हैं. ग्रेग चैपल कौन हैं और वह क्या करने की कोशिश कर रहे हैं. ग्रेग चैपल की फूट डालो और राज करो की नीति थी, वह ऐसे ही काम करते थे.'