जब सौरव गांगुली टीम के कप्तान थे तो वो युवाओं को मौका देना पसंद करते थे और साथ ही साथ वो खिलाड़ियों को अपना नेचुरल गेम खेलने की सलाह देते थे.
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नई दिल्ली: टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने बीसीसीआई (BCCI) के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कैप्टन सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को अपनी कामयाबी का श्रेय दिया है. हरभजन ने माना कि गांगुली ने करियर के दौरान हर पल उनका सपोर्ट किया. इतना ही नहीं गांगुली का हरभजन पर काफी प्रभाव पड़ा और इसी वजह से हरभजन को एक गेंदबाज के रूप में काफी कामयाबी हासिल हुई.
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गांगुली को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए हरभजन ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा को बताया, 'मेरे करियर में सौरव गांगुली की अहम भूमिका रही. मेरे जीवन में एक बार ऐसा समय भी आया जब मुझे नहीं पता था कि कौन मेरे साथ है और कौन नहीं. उस समय कई लोग सामने से कह रहे थे कि वे मेरे साथ हैं, लेकिन उनमें से कई उस समय मेरे साथ नहीं थे. उस समय, गांगुली ने मुझे सपोर्ट दिया जब मेरे पास कोई नहीं था. चयनकर्ता मेरे खिलाफ थे, उन्होंने मुझे अपने चेहरे पर बहुत सी बातें बताईं, जिनका मैं खुलासा नहीं कर सकता. मैं गांगुली की जितनी भी तारीफ करूं तो वह कम होगी. यदि वह उस समय कप्तान नहीं होते, तो मुझे नहीं पता कि उस समय कोई भी अन्य कप्तान मेरा समर्थन करता या नहीं.'
हरभजन ने कहा, 'अगर किसी खिलाड़ी ने मेरे करियर को सबसे ज्यादा आगे बढ़ाया है, तो वह सौरव गांगुली हैं. अगर वह नहीं होते तो मैं 100 टेस्ट नहीं खेल पाता. सौरव हमेशा गेंदबाजों के लिए खड़े होते थे. वह आपको गेंदबाजी करने की आजादी देते थे और आपका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए गेंदबाज के रूप में जरूरत की सभी चीजें देते थे.'
इससे पहले हरभजन ने टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल (Greg Chappell) पर अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम को बर्बाद करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही हरभजन ने यह भी कहा था कि ये भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा दौर था. 2007 वर्ल्ड कप में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए हरभजन ने सिर्फ और सिर्फ चैपल को दोषी ठहराया था.