ICC की सदस्य देशों को सलाह, द्विपक्षीय सीरीज के खर्चे पर लगाए लगाम
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ICC की सदस्य देशों को सलाह, द्विपक्षीय सीरीज के खर्चे पर लगाए लगाम

सिंगापुर में समाप्त हुई आईसीसी बोर्ड बैठक के दौरान यह मामला चर्चा में आया.

द्विपक्षीय क्रिकेट को और अधिक किफायती बनाने के प्रयास करने चाहिए : आईसीसी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के लिए दुनिया भर में द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज के लिए कम होते दर्शक चिंता का कारण बन गए हैं और विश्व संस्था ने अपने सदस्यों को सलाह दी की कि उन्हें लंबे समय तक बने रहने के लिए अपने बजट में और अधिक समझदार होना होगा. 

सिंगापुर में समाप्त हुई आईसीसी बोर्ड बैठक के दौरान यह मामला चर्चा में आया. 

यह देखा गया है कि द्विपक्षीय सीरीज (टेस्ट, वन-डे, टी-20) के दौरान मेहमान टीम बड़े दल के साथ यात्रा करती हैं, जिससे समझौते पत्र के अनुसार उनका सारा खर्चा मेजबान संघ द्वारा उठाया जाता है. 

इस बढ़ते खर्चे से मेजबान संघों को वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, ''यह सहमति बनी है कि पूरी दुनिया में बढ़ते खर्चे को देखते हुए सदस्यों को दीर्घकालिक स्थायित्व की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय क्रिकेट को और अधिक किफायती बनाने के प्रयास करने चाहिए.'' 

टी-20 लीगों की बढती तादाद के मद्देनजर मान्यता के लिए कड़े मानदंड अपनाएगी आईसीसी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की सिलसिलेवार बैठकों में दुनिया भर में तेजी से बढ़ती जा रही टी-10 और टी-20 लीगों पर नकेल कसने पर बातचीत की जाएगी. आईसीसी के कई सदस्यों ने आईपीएल की सफलता को देखते हुए अपनी अपनी टी-20 लीगें शुरू कर दी. अफगानिस्तान ने अपनी टी-20 लीग यूएई में कराने का फैसला किया है.

टी-20 प्रारूप की बढ़ती लोकप्रियता के बाद आईसीसी को अब टी-10 लीग पर भी नजर रखनी होगी जिसे पिछले साल मंजूरी दी गई. बैठक से पहले आईसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक ज्यौफ एलार्डिस ने स्वीकार किया कि इस तरह की लीगों की तादाद बढ़ना जोखिमभरा है.

अलार्डिस ने कहा कि टी-20 लीगों को आईसीसी से मान्यता मिलना अब कठिन होगा. 

उन्होंने कहा, ''हर किसी के लिए हमारे दरवाजे खुले नहीं होंगे. भविष्य में मान्यता मिलना कठिन होगा और किसी भी टूर्नामेंट को घरेलू बोर्ड तथा आईसीसी दोनों से मान्यता लेनी होगी.''

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