कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ पहले वनडे में 48 रन देकर 2 विकेट चटकाए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके इस प्रदर्शन के पीछ कौन से दिग्गज का हाथ है?
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कोलंबो: टीम इंडिया के स्पिनर कुलदीप यादव उन खिलाड़ियों से अलग हैं जो कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद खुद को नाकाम मानने लगते हैं. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि जब किसी खिलाड़ी को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता है तो व खुद पर शक करने लगता है.
कुलदीप यादव का वनडे वर्ल्ड कप 2019 तक सेलेक्शन तय माना जाता था लेकिन अभी ऐसा नहीं है और उन्हें मेन टीम में जगह नहीं मिलती है. इस साल के शुरू में इंग्लैंड के खिलाफ पुणे में खराब प्रदर्शन से उनके करियर को धक्का लगा था. उस मैच में उन्होंने 84 रन लुटाए थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था.
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कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ रविवार को पहले वनडे में 9 ओवर में 48 रन देकर 2 विकेट लेकर अच्छी वापसी की थी. टीम इंडिया ने ये मैच 7 विकेट से जीता और सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई.
कुलदीप ने मैच के बाद मीडिया से कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाफ उस मैच के बाद मुझे किसी भी वक्त ऐसा नहीं लगा कि सीमित ओवरों का मेरा करियर समाप्त हो गया है. कई बार ऐसा होता है जबकि आप रन लुटाते हो. मैंने मैचों में चार और पांच विकेट भी लिए हैं और अगर लोग उनके बारे में भी चर्चा करें तो बेहतर होगा.’
बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने कहा, ‘एक या दो खराब मैचों से किसी का करियर समाप्त नहीं हो जाता है. मुझे लगता है कि जिसने भी यह खेल खेला होगा या इस खेल की जानकारी रखता होगा वह इससे भी वाकिफ होगा.’
अब तक 64 वनडे में 107 विकेट लेने वाले कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने कहा, ‘पुणे (इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज) का विकेट बल्लेबाजी के लिये बहुत अच्छा था और उससे स्पिनरों को खास मदद नहीं मिल रही थी. जब विकेट आपके अनुकूल नहीं हो तो ऐसा हो सकता है.’
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौर में खिलाड़ियों को बायो बबल (Bio Bubble) में रहना पड़ रहा है. कुलदीप इस बीच टीम में अंदर-बाहर होते रहे लेकिन उन्हें खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले जिसके गलत असर भी पड़ा.
कुलदीप ने कहा, ‘बायो बबल में जिंदगी काफी मुश्किल होती है और तब और परेशानी होती है जब आप खेल नहीं रहे हों क्योंकि आप खुद पर शक करने लगते हैं. कई लोग आपकी मदद करना चाहते हैं, आपसे बात करना चाहते हैं लेकिन जब आप बहुत लोगों से बात करते हो तो नए तरह का शक पैदा होने लगता हैं.’
कुलदीप ने माना है कि टीम खेल में संयम बनाए रखना जरूरू होता है. वो रविवार को हुए वनडे मैच से पहले दबाव में थे लेकिन कोच राहुल द्रविड़ ने इससे उबरने में उनकी मदद की. कुलदीप ने कहा, ‘जब आप लंबे वक्त के बाद खेलते हो तो दबाव होता है और मैं लंबे समय बाद खेल रहा था. ऐसा होता है क्योंकि आप अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हो. शुरू में राहुल सर ने मेरा हौसला बढ़ाया. उन्होंने मुझसे अपने खेल का आनंद उठाने के लिये कहा और मुझे खुशी है इससे फायदा मिला.’