टीम इंडिया के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है इंग्लैंड का यह मैदान
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टीम इंडिया के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है इंग्लैंड का यह मैदान

इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच एक अगस्त से शुरू हो रहा है. 

 

पहली बार विराट कोहली की कप्तानी में इंग्लैंड में खेल रही टीम इंडिया (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज एक अगस्त से एजबेस्टन, बर्मिंघम में हो रहा है, लेकिन आपको याद दिला दें कि बर्मिंघम का मैदान टीम इंडिया के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है. विराट कोहली की कप्तानी में भारत को इंग्लैंड में 11 सितंबर तक टेस्ट मैच खेलने हैं. भारत ने इस मैदान पर 6 टेस्ट मैच खेले हैं और वह एक भी टेस्ट मैच यहां नहीं जीत पाया हैं. इस मैदान पर खेले गए टेस्ट मैचों में से टीम इंडिया को 5 मैचों में यहां हार का सामना करना पड़ा है. यानि भारत ने एजबेस्टन में 83.33 प्रतिशत मैच हारे हैं. भारतीय टेस्ट इतिहास में बर्मिंघम उसके लिए सबसे बुरा मैदान साबित हुआ है. इस मैदान पर भारतीय हार का प्रतिशत सबसे ज्यादा है. 

  1. 1 अगस्त से शुरू होगी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज
  2. भारत-इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज
  3. 11 सितंबर को खत्म होगी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज

बता दें कि ब्रिसबेन, गाबा में भी भारत ने 6 टेस्ट मैच खेले हैं और 5 हारे हैं. दोनों ही मैदानों पर एक एक मैच ड्रॉ हुए हैं. इसके अलावा बारबडोस (9), मैनचेस्टर (9) और लाहौर (7) में भारत ने छह से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं और यहां एक भी मैच जीतने में नाकाम रहा है. बर्मिंघम में भारत की हार का अंतर भी बहुत ज्यादा रहा है.

1974-79 सीरीज में भारत यहां पारी से अधिक रनों से हारा. 2011 में भारत बर्मिंघम में एक पारी और 242 रनों से हारा. एलिएस्टर कुक ने 294 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड ने रिकॉर्ड 7 विकेट पर 710 रन बनाए. भारत दोनों पारियों में 250 से भी कम रनों पर ढेर हुआ. 

1967 में पहले टेस्ट मैच में भारत 400 से अधिक रनों का पीछा करते हुए करते हुए हारा और 1996 में सचिन तेंदुलकर के शतक के बावजूद भारत 8 विकेट से हारा. केवल 1986 में भारत इस स्थान पर हार को टाल पाया. 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में इंग्लैंड ने दोनों टेस्ट मैच जीते थे. तीसरा टेस्ट बर्मिंघम में खेला गया. 

कप्तान माइक गैटिंग ने नाबाद 183 रन बनाए और इंग्लैंड ने पहली पारी में 390 रन बनाए थे. भारतीय टीम में माइक गैटिंग जैसा कोई बल्लेबाज नहीं था, लेकिन हर बल्लेबाज द्वारा बनाए गए रनों ने टीम इंडिया का स्कोर ठीक 390 रनों तक पहुंचा दिया. 

इंग्लैंड ने दूसरी पारी बिना किसी लीड के शुरू की. टेस्ट क्रिकेट में यह केवल 5वां मौका था जब दोनों टीमों ने पहली में बराबर स्कोर बनाया था. इंग्लैंड दूसरी पारी में 235 रन बनाकर आउट हो गया. भारत को जीत के लिए 236 रन बनाने थे. 

ओपनर सुनील गावस्कर (54) और श्रीकांत (23) ने अच्छी शुरुआत की. टीम इंडिया का स्कोर एक विकेट पर 101 था, लेकिन फिल एडमंड ने चार विकेट लेकर भारत का स्कोर 5 विकेट पर 105 कर दिया. इस स्थिति में मोहम्मद अजहरुद्दीन और किरण मोरे ने जीत के लिए न खेलकर ड्रॉ के लिए खेलने का फैसला किया. अजहरुद्दीन ने 106 गेंदों पर 29 और मोरे ने 125 गेंदों पर 31 रन बनाए. इस जोड़ी ने 23 ओवरों में 52 रनों की साझेदारी की. इस तरह यह मैच ड्रॉ हो गया और भारत क्लीन स्वीप से बच गया.

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