INDvsAUS: अगर टीम इंडिया को जीतनी है टेस्ट सीरीज तो नहीं होनी चाहिए ये गलतियां
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INDvsAUS: अगर टीम इंडिया को जीतनी है टेस्ट सीरीज तो नहीं होनी चाहिए ये गलतियां

6 दिसंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में भले ही टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया से कमजोर न हो, लेकिन कुछ कमजोरियां ऐसी हैं जिनपर काबू किए बिना वह जीत नहीं सकती.

टीम इंडिया को सीरीज जीतने के लिए अपनी कुछ कमजोरियों को ठीक करना होगा.  (फोटो : IANS)

नई दिल्ली: भारत के ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज आगामी 6 दिसंबर को एडिलेड में हो रहा है. इस सीरीज के बारे में कहा जा रहा है कि टीम इंडिया के पास इस बार यह सीरीज जीतने का सुनहरा मौका है. इस बात से ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ और दिग्गज डीन जोंस पूरी तरह से सहमत हैं. हालाकि कई लोगों का मानना यह भी है कि ऑस्ट्रेलिया को इस बार भी टीम इंडिया नहीं हरा पाएगी, लेकिन सभी लोग इस बात से सहमत जरूर हैं कि ऑस्ट्रेलियाई टीम बल्लेबाजी के लिहाज से इतिहास में अब तक की सबसे कमजोर टीम है. 

  1. 6 दिसंबर से हो रहा है टेस्ट सीरीज का आगाज
  2. पहले टेस्ट एडिलेड में होगा दोनों टीमों के बीच
  3. विराट पर होगा दबाव, टीम को करना होगा परफॉर्म

माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया टीम में स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की गैरमौजूदगी ऑस्ट्रेलियाई टीम को काफी महंगी पड़ सकती है. वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली अपने करियर के श्रेष्ठ फॉर्म में चल रहे हैं और वैसे भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वे अब तक बेहतरीन रहे हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए उनका तोड़ निकालना मुश्किल होगा.

विराट कोहली पर निर्भरता पड़ेगी महंगी
इन सब बातों के अलावा टीम इंडिया के लिए इस सीरीज में कुछ चुनौतियां हैं जो उसके लिए राह आसान नहीं बनने देंगी. अगर टीम इंडिया इन चुनौतियों को पार पाने में कामयाब रही तो इतिहास रच सकती है. इनमें सबसे अहम है विराट कोहली पर निर्भरता. टीम के बल्लेबाजों को विराट पर निर्भरता खत्म करनी होगी जिससे कि कप्तान पर दबाव कम हो. पृथ्वी शॉ का अभ्यास मैच में पहले टेस्ट में बाहर होना झटका था, लेकिन मुरली विजय का फॉर्म में आना बढ़िया संकेत हैं. वहीं अब केएल राहुल ने भी अभ्यास मैच की दूसरी पारी में हाफ सेंचुरी लगाकर अपनी वापसी का इशारा किया. 

टेल एंडर्स को जल्दी समेटना होगा
इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया ने इंग्लैंड को कड़ी टक्कर दी और कुछ नजदीकी मुकाबले भी गंवाए. इस टेस्ट सीरीज में दोंनों टीमों के बीच एक बड़ा अंतर निचले क्रम की बल्लेबाजी रहा. जहां टीम इंडिया के निचले क्रम के बल्लेबाज पिच पर ज्यादा देर टिकने में भी नाकाम रहे, वहीं भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड के निचले क्रम को समेटना तो दूर उनके बनाए रन रोकने में संघर्ष करते दिखे. ऐसा ऑस्ट्रेलिया में होने देना भारत को काफी भारी पड़ सकता है.

नहीं चलेगा तू चल मैं आया वाला हाल
कई बार ऑस्ट्रेलिया में और बाकी विदेशी पिचों पर देखा गया है कि एक बार विकेटों के गिरने का सिलसिला चलता है तो वह निचले क्रम तक होता है. टीम इंडिया ने ज्यादातर टेस्ट ऐसे ही गंवाए हैं. इंग्लैंड में लॉर्ड्स टेस्ट इसका ताजा और सटीक उदाहरण हैं जहां टीम इंडिया पहली पारी में 107 और दूसरी पारी में 130 रनों पर सिमट गई थी. इस सीरीज में टीम के हर बल्लेबाज को जिम्मेदारी का खेल दिखाना होगा. टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर को अभी अपनी मजबूती साबित ही करनी है.

फील्डिंग और विकेटकीपिंग
इस दौरे में टीम इंडिया की सबसे बड़ी चिंता विकेटकीपिंग की होगी. ऋषभ पंत ने बतौर बल्लेबाज तो उम्मीदें काफी जगाई हैं, लेकिन विकेटकीपर के तौर पर न तो वे, ना ही दिनेश कार्तिक ही खुद को बढ़िया विकेटकीपर साबित कर सके हैं. पार्थिव पटेल भी जैसा कि कई दिग्गज कह चुके हैं आउटस्टैंडिंग यानि कि बेहतरीन तो नहीं हैं. इसके अलावा फील्डिंग भी टीम इंडिया के लिए एक चुनौती होगी. ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजों के साथ फिल्डर्स के धैर्य की भी परीक्षा होती है, जहां कई बार नतीजे केवल फील्डिंग के अंतर से तय होते हैं.

विराट को हालातों का भी रखना होगा ध्यान
विराट कोहली को इस बार साबित करना होगा कि वे कप्तान के तौर पर बेहतर फैसले ले सकते हैं और परिपक्व हो गए हैं. इंग्लैड टूर में लॉर्ड्स टेस्ट में पहला दिन बारिश में धुलने के बाद टॉस से पहले वे प्लेइंग इलेवन में दो स्पिनर्स के साथ मैदान में उतरे थे जबकि बारिश ने हालात काफी बदल दिए थे. विराट के मैच में अश्विन के बाद एक और स्पिनर को खिलाने की काफी आलोचना की गई थी.  विराट को इस तरह के फैसलों में संवेदनशीलता दिखानी होगी.

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