INDvsENG: ओपनिंग से लेकर लोअर-मिडिल ऑर्डर तक सब फेल, टीम इंडिया की हार के 5 कारण
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INDvsENG: ओपनिंग से लेकर लोअर-मिडिल ऑर्डर तक सब फेल, टीम इंडिया की हार के 5 कारण

भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में 60 रन से हार गई. इसके साथ ही इंग्लैंड ने सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त ले ली. 

विराट कोहली ने चौथे टेस्ट में 46 और 58 रन की पारियां खेलीं, लेकिन यह टीम इंडिया की जीत के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुईं. (फोटो: Reuters)

साउथम्पटन: भारतीय टीम रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में 60 रन से हार गई. इसके साथ ही उसने सीरीज भी गंवा दी. भारतीय टीम चौथे टेस्ट में कई बार जीत की ओर बढ़ती हुई नजर आई, लेकिन अहम मौकों पर चूकती रही. इंग्लैंड ने 86 रन पर छह विकेट गंवाकर भी 200 का आंकड़ा पार किया. ऐसे ही कई और पल आए, जब भारत मैच पर नियंत्रण कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भारतीय टीम के हार के 5 कारण...

  1. भारत शुरुआती विकेट जल्दी लेकर भी इंग्लैंड को 200 के स्कोर से पहले नहीं रोक सका 
  2. भारतीय ओपनर शिखर धवन और केएल राहुल एक बार फिर अच्छी शुरुआत नहीं दे सके
  3. हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत और रविचंद्रन अश्विन के फेल होने से टीम जल्दी बिखर गई

भारतीय ओपनर फिर फेल
भारतीय ओपनर एक बार फिर फेल हुए और टीम की हार की राह प्रशस्त की. शिखर धवन दोनों पारियों में 23 और 13 रन ही बना सके. जबकि, केएल राहुल के नाम के सामने 19 और शून्य का स्कोर दर्ज हुआ. पहली पारी में 37 और दूसरी पारी में चार रन की ओपनिंग पार्टनरशिप हुई. दूसरी पारी में शुरुआती झटका लगने के बाद टीम के 23 रन पर ही तीन विकेट गिर गए थे. ध्यान रहे, भारतीय टीम ने सीरीज में एकमात्र जीत तीसरे टेस्ट में दर्ज की. उस मैच में भारतीय ओपनरों ने दोनों पारियों में 60-60 रन की पार्टनरशिप की थी. 

विराट पर जरूरत से निर्भरता
विराट कोहली इस समय भारत ही नहीं, दुनिया के नंबर-1 एक गेंदबाज हैं. उन्होंने सीरीज के 4 मैच में 68.00 की औसत से 544 रन बनाए हैं. लेकिन टीम का कोई भी और बल्लेबाज 250 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सका है. कोहली पर यही निर्भरता ने ना सिर्फ भारतीय कप्तान पर दबाव बनाया, बल्कि दूसरी टीम को यह भरोसा भी दिया कि भारतीय बल्लेबाजी कमजोर है. 

अश्विन का टर्निंग ट्रैक पर खराब खेल 
चौथे टेस्ट में हार की बड़ी वजह रविचंद्रन अश्विन की असरहीन गेंदबाजी रही. इंग्लैंड के औसत दर्जे के स्पिनर मोईन अली ने मैच में कुल 9 विकेट लिए. उन्होंने भारत की दोनों पारियों को तहस-नहस करने में अहम भूमिका निभाई. दूसरी ओर, रविचंद्रन अश्विन पूरे मैच मे महज तीन विकेट ले पाए. जिस विकेट पर उनसे मैच जिताने की उम्मीद की जा रही थी, उस मैच में वे अपनी टीम के सिर्फ हार्दिक पांड्या से ज्यादा विकेट ले सके. उनसे ज्यादा विकेट मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह ने लिए. 

6,7,8 नंबर की बैटिंग ने पैदा किया फर्क 
इस मैच में और साथ-साथ सीरीज में दोनों टीमों के बीच बड़ा अंतर नंबर-6,7,8 की बैटिंग का भी रहा. इंग्लैंड के आखिरी चार बल्लेबाजों ने पहली पारी में 160 रन जोड़े. इसी तरह उसने दूसरी पारी में 122 रन पर पांच विकेट गंवाने के बावजूद 271 रन बनाए. सीरीज के अन्य मैचों में भी यह देखने को मिला, जब इंग्लैंड के लोअर-मिडिल ऑर्डर ने मैच का नक्शा पलट दिया. इंग्लैंड के लिए इन नंबरों पर जोस बटलर, सैम करेन, बेन स्टोक्स ने शानदार प्रदर्शन किया. भारत के लिए इन नंबरों पर पांड्या, पंत, अश्विन और दिनेश कार्तिक ने बैटिंग की, लेकिन कोई भी असरदार नहीं रहा. 

विराट की कमजोर कप्तानी 
विराट कोहली भले ही दुनिया के नंबर-1 बल्लेबाज हों, लेकिन यह तय है कि उनकी कप्तानी अब भी भरोसा नहीं जीत पा रही है. वे प्लेइंग इलेवन को बार-बार बदलकर अपने खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी कम कर रहे हैं. इसके अलावा लगभग हर मैच में भारत ने इंग्लैंड को शुरुआती झटके दिए. जैसा कि उसने इसी मैच में इंग्लैंड के छह विकेट 86 रन पर झटक लिए थे, लेकिन बाकी चार बल्लेबाजों ने अपनी टीम को 200 के पार पहुंचा दिया. जाहिर है, इसके दो कारण हो सकते हैं. पहला, भारतीय गेंदबाजों किलिंग इंस्टिंक्ट की कमी और दूसरा कमजोर कप्तानी. 

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