INDvsSA: भारत के खिलाफ विदेशी टीमों का नया ट्रेंड, अफ्रीकी टीम ने भी खेला वही कार्ड
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INDvsSA: भारत के खिलाफ विदेशी टीमों का नया ट्रेंड, अफ्रीकी टीम ने भी खेला वही कार्ड

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 15 सितंबर से टी20 सीरीज और दो अक्टूबर से टेस्ट सीरीज खेली जानी है. 

INDvsSA: भारत के खिलाफ विदेशी टीमों का नया ट्रेंड, अफ्रीकी टीम ने भी खेला वही कार्ड

नई दिल्ली: लोहा, लोहे को काटता है. विदेशी टीमें भारत के खिलाफ कुछ बरसों से इसी फॉर्मूले पर काम कर रही हैं. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) भी ऐसा ही कर रहा है. उसने भारत दौरे (India vs South Africa) पर जीत दर्ज करने के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेटर पर ही दांव खेला है. दक्षिण अफ्रीका ने इस दौरे के लिए अमोल मजूमदार (Amol Muzumdar) को अपना बैटिंग कोच बनाया है. अब देखना है कि उसका यह दांव कितना कारगर साबित होता है. 

वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब किसी विदेशी टीम ने भारत दौरे पर भारतीय क्रिकेटर या कोच को अपने कोचिंग स्टाफ से जोड़ा हो. भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) बरसों से अपने घर पर बेहद मजबूत रही है. किसी भी विदेशी टीम के लिए भारत में जीत दर्ज करना आसान नहीं रहा है. इसी कारण विदेशी टीमें भारतीय परिस्थितियों को समझने के लिए भारत के ही क्रिकेटर या कोच को अपने साथ जोड़ती रही हैं. 

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हालिया उदाहरण दक्षिण अफ्रीका का अमोल मजूमदार से करार करना है. क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट (कार्यकारी) कोरी वान जिल ने कहा, ‘मजूमदार बैटिंग कोच की भूमिका के लिए पूरी तरह फिट हैं. उन्हें भारतीय परिस्थितियों की जबरदस्त जानकारी है. उन्हें पता है कि हमारे बल्लेबाजों को वहां किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में वे हमारे लिए बेहद मददगार साबित हो सकते हैं.’ 

 

दक्षिण अफ्रीका से पहले 2017 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत दौरे पर श्रीधरन श्रीराम (Sridharan Sriram) को अपना स्पिन बॉलिंग कोच बनाया था. हालांकि, इसका उसे बहुत फायदा नहीं हुआ था. ऑस्ट्रेलिया तब चार मैचों की टेस्ट सीरीज 1-2 से हार गया था. 

कर्नाटक के ऑलराउंडर सुनील जोशी भी बांग्लादेश टीम के साथ जुड़ रहे हैं. बांग्लादेश को इसका फायदा भी हुआ है और स्पिन गेंदबाजी उसकी बड़ी ताकत है. यह अलग बात है कि बांग्लादेश की टीम 2015 के बाद से भारत को नहीं हरा सकी है. 

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अफगानिस्तान की टीम को मनोज प्रभाकर और लालचंद राजपूत ट्रेनिंग दे चुके हैं. प्रभाकर 2015 में अफगानिस्तान के बॉलिंग कोच नियुक्त किए गए थे, जिसका टीम को फायदा हुआ. इसी से प्रेरित होकर अफगानिस्तान ने 2016 में लालचंद राजपूत को अपना मुख्य कोच बनाया. साल 2017 में लालचंद राजपूत जिम्बाब्वे के कोच बन गए थे.

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