...तो क्या एटीट्यूड है हार्दिक पांड्या को टीम में रखने की वजह?
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...तो क्या एटीट्यूड है हार्दिक पांड्या को टीम में रखने की वजह?

ऑल राउंडर शॉन पोलक ने कहा था, मुझे लगातार यह संकेत मिल रहे हैं कि विराट कोहली हार्दिक पांड्या को उनके एटीट्यूड की वजह से पसंद करते हैं.

दक्षिण अफ्रीका दौरे पर हार्दिक पांड्या असफल साबित हुए हैं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: जब भारतीय क्रिकेट टीम दक्षिण अफ्रीका रवाना हो रही थी तो सबसे ज्यादा चर्चा हार्दिक पांड्या को लेकर हो रही थी. कहा जा रहा था कि हार्दिक पांड्या खुद को वहां की परिस्थतियों में ढाल लेंगे और खुद को उसके अनुकूल बना लेंगे. बतौर गेंदबाज वह बल्लेबाजों के लिए खतरा साबित होंगे और बतौर बल्लेबाज पांड्या गेंदबाजों को छक्के छुड़ाएंगे. 2017 में हुई सीरीज के बाद क्रिकेट को लेकर हार्दिक पांड्या के एटीट्यूड को भी पसंद किया जा रहा था. उनकी आक्रामकता, उनकी फील्डिंग, ऐसा लग रहा था कि इस दौरे के बाद पांड्या सचमुच एक बेहतरीन ऑल राउंडर के रूप में उभर जाएंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. 

  1. पांड्या ने पहले टेस्ट में 93 रनों की पारी खेली थी 
  2. पांच टेस्ट पारियों में उन्होंने 1, 15, 6, 0 और 4 रन बनाए
  3. वनडे में भी हार्दिक पांड्या के बल्ले से निकले रन

पहले टेस्ट मैच में जगाई उम्मीदें 
पहले टेस्ट मैच की पहली ही पारी में पांड्या ने कठिन समय में शानदार 93 रनों की पारी खेलकर यह दिखा दिया था कि उनसे जो उम्मीदें लगाई जा रही हैं, वे उन्हें पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, लेकिन 93 रनों की इस पारी को छोड़ दें तो हार्दिक पांड्या इस दौरे पर कुछ नहीं कर पाए हैं बल्कि वह लगातार असफल साबित हुए हैं. फिर चाहे वह बल्लेबाज हो या गेंदबाजी.

टेस्ट में पांड्या से बेहतर बल्लेबाज साबित हुए भुवनेश्वर कुमार
इसके बाद की पांच टेस्ट पारियों में उन्होंने 1, 15, 6, 0 और 4 रन बनाए. सच तो यह है कि उनसे बेहतर बल्लेबाजी भुवनेश्वर कुमार ने करके दिखाई. लेकिन लगातार असफल होने के बावजूद पांड्या टीम में बने हुए हैं. पहले तीन वनडे मैचों में केदार जाधव गेंदबाजी करते रहे. ऐसा लग रहा था कि विराट कोहली पांड्या से 10 ओवर का कोटा पूरा नहीं कराएंगे, लेकिन जाधव के चोटिल होने के बाद पांड्या को मौका मिल गया. एक अच्छे खिलाड़ी की तरह पांड्या ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया. कठिन परिस्थितियों में उन्होंने न केवल विकेट निकाले बल्कि अपनी शानदार फील्डिंग से भी टीम में अपनी जगह बनाए रखी. 

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कभी-कभी चलता है पांड्या का जादू 
जोहानिसबर्ग में खेले गए चौथे वनडे में दक्षिण अफ्रीका रनों का पीछा कर रहा था. बारिश के कारण मैच रुक गया और बाद में इसे 28 ओवरों तक सीमित कर दिया गया. भारत 7.2 ओवर फेंक चुका था. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह चार-चार ओवर करा चुके थे. वे केवल दो-दो ओवर ही फेंक सकते थे. इस मौके पर हार्दिक पांड्या ने बढ़िया गेंदबाजी की. पांचवें वनडे में भी पांडया ने 30 रन देकर दो विकेट लिए. उन्होंने अपने कोटे के पूरे 10 ओवर फेंके. इस मैच में एबी डिविलियर्स की विकेट लेने और हाशिम अमला को रन आउट करना दो ऐसे टर्निंग प्वाइंट रहे, जिन्होंने मैच को पूरी तरह भारत की झोली में डाल दिया और इन दोनों ही मौकों पर पांड्या नायक थे. 

बल्ले से दक्षिण अफ्रीका में असफल रहे पांड्या 
रोहित शर्मा ने भी हार्दिक पांड्या की तारीफ करते हुए कहा था कि, हार्दिक खेल और परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझने लगे हैं. वह एक परफेक्ट ऑल राउंडर हैं. लेकिन सच यह है कि पांड्या बल्ले से तो बिलकुल ही असफल रहे. वनडे में भी उनके बल्ले से रन नहीं निकले. जहां तक विकेटों को सवाल है तो भी उन्हें दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर एक सफल गेंदबाज नहीं माना जा सकता. कम से कम उन्हें महान ऑल राउंडर कपिल देव के समकक्ष तो नहीं खड़ा किया जा सकता. 

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क्या एटीट्यूड की वजह से टीम में बने हुए हैं पांड्या? 
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान और ऑल राउंडर शॉन पोलक ने कहा था, मुझे लगातार यह संकेत मिल रहे हैं कि विराट कोहली हार्दिक पांड्या को उनके एटीट्यूड की वजह से पसंद करते हैं. पांड्या का एटीट्यूड कोहली की तरह है. कोहली जैसी आक्रामकता पांड्या में भी दिखाई पड़ती है, लेकिन कोहली जैसी परफोर्मेंस कहां से लाएंगे पांड्या? 

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इन खिलाड़ियों को भी मिलना चाहिए मौका
इस समय भारतीय टीम में बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपनी बारी का इंताजार कर रहे हैं. अगर पांड्या की जगह उन्हें मौका दिया जाए तो संभव है कोई बेहतर ऑल राउंडर सामने आए. सिर्फ एटीट्यूड के भरोसे तो किसी खिलाड़ी को बार बार मौके नहीं दिए जाने चाहिए. युवा ऑलराउंडर्स में वाशिंगटन सुंदर, विजय शंकर, क्रुणाल पांड्या, अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं.

रोजर बिन्नी ने भी कहा था कि, हार्दिक पांड्या भाग्यशाली हैं कि उन्हें एक ऑलराउंडर के रूप में देखा जा रहा है, जबकि वह बल्ले से बिलकुल असफल रहे हैं. उन्होंने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा कि वह क्यों और कैसे टीम में बने हुए हैं. बता दें कि हार्दिक पांड्या ने छह वनडे में 8.66 की औसत से महज 26 रन बनाए हैं.

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