#MeToo पर बुरे फंसे बीसीसीआई सीईओ, महिला ने कहा- जौहरी का रंगीन इतिहास रहा है
Advertisement
trendingNow1517688

#MeToo पर बुरे फंसे बीसीसीआई सीईओ, महिला ने कहा- जौहरी का रंगीन इतिहास रहा है

याचिका में कहा गया, "धमकी, जबरदस्ती या लालच के दम पर जौहरी खुद पर लगे सेक्सुअल हैरेसमेंट के सभी आरोपों से बचकर निकलने में सफल रहे हैं.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सीईओ राहुल जौहरी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के आरोपों का हवाला देते हुए एक वकील ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सीईओ राहुल जौहरी की निरंतरता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. रश्मि नायर नामक महिला कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए इस पर जोर दिया कि बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन को जौहरी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दोबारा ध्यान देना चाहिए.

याचिका में कहा गया, "जौहरी का हर एक संगठन में रंगीन इतिहास रहा है और वह धमकी, जबरदस्ती या लालच द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से बचकर निकलने में सफल रहे हैं. याचिकाकर्ता ने यह भी जानने की मांग की है कि इस मामले को जांच के लिए हाल में नियुक्त लोकपाल क्यों नहीं सौंपा गया?

नायर ने अपनी याचिका में उन तीन महिलाओं का हवाला दिया जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था. याचिका के अुनसार, "तीनों महिलाएं बयान देने के लिए आई थीं, लेकिन किसी कारण से एक महिला ने बयान नहीं दिया जबकि अन्य दो ने जौहरी के खिलाफ बयान दिया."

BCCI के सीईओ राहुल जौहरी को #Metoo मामले में क्लीनचिट, जांच के नतीजे पर CoA में मतभेद

याचिका में कहा गया, "टीम के जांच पूरा करने के बाद उसके सदस्यों के बीच मतभेद था. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा, बरखा सिंह और वीना गौड़ा में से एक सदस्य (गौड़ा) ने जौहरी को दोषी पाया, लेकिन फिर भी उसे क्लीन चिट दे दी गई."

स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट में राकेश शर्मा और बरखा सिंह ने जौहरी को क्लीन चिट दे दी जबकि गौड़ा ने कहा था कि 'बर्मिघम में जौहरी का आचरण, बीसीसीआई जैसी संस्था के सीईओ के रूप में पेशेवर और उचित नहीं है. यह संस्था की प्रतिष्ठा को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा और इस पर संबंधित अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए.'

जौहरी उस समय 2017 चैंपियन ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड गए हुए थे.

(इनपुट-आईएएनएस)

Trending news