मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) ने दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) के ब्लैकमेल वाले कमेंट का करारा जवाब दिया है. बता दें कि पहले आमिर ने पाकिस्तान टीम के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए थे.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) ने हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बारे में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए थे. जिसके बाद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) ने आमिर पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए थे.
अब मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) ने कनेरिया (Danish Kaneria) पर पलटवार किया है और उनको करारा जवाब दिया है.
मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) अपने ट्विटर हैंडल एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने कहा, ‘ओह, क्या वह अब भी पाकिस्तान में है. समझ तो गए होंगे सारे कि हम पाकिस्तानी उसके साथ अच्छा नहीं कर रहे थे. तभी इस जनाब ने कुछ महीने पहले ऐसा बयान दिया था. इसलिए मुझे लगता है कि कौन ब्लैकमेलिंग कर रहा है'.
दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) ने मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) पर गंभीर आरोप लगाए थे. कनेरिया (Danish Kaneria) ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मैं मोहम्मद आमिर की बात पर यही कहना चाहता हूं कि हर कोई अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं. मुझे ऐसा लगता है कि वह दूसरों को अपने बयानों से ब्लैकमेल करना चाहते हैं ताकि टीम में उनकी वापसी हो सके. वह इंग्लैंड में रहेंगे, नागरिकता हासिल करेंगे और फिर आईपीएल में खेलेंगे इससे आप उनके विचारों को समझ सकते हैं'.
कनेरिया (Danish Kaneria) ने कहा, 'मोहम्मद आमिर को अहसास होना चाहिए कि स्पॉट-फिक्सिंग कांड के बाद उन्हें टीम में वापस लाकर पाकिस्तान ने काफी उदारता दिखाई थी. लेकिन उनका प्रदर्शन पिछले करीब डेढ़ साल से जीरो रहा है. मानता हूं कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आई है'.
पहले आमिर (Mohammad Amir) ने कहा था, ‘अगर मैं विस्तृत जानकारी में जाऊं और उन चैप्टर को दोबारा खोलूं तो यह काफी भयावह हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे खिलाड़ी, विशेषकर युवा भविष्य में इन चीजों का सामना नहीं करेंगे जो मुझे करना पड़ा. मैं नहीं चाहता कि हमारे युवा खिलाड़ी अपने करियर का बलिदान दें जैसा मैंने किया’.
आमिर ने कहा, ‘मेरे लिए सम्मान ज्यादा मायने रखता है और मुझे लगता है कि मुझे वो सम्मान नहीं मिला जिसका मैं हकदार था और इसलिए मैंने संन्यास लेने का फैसला किया.