Mohammad Shami: टी20 विश्व कप के लिए मोहम्मद शमी को जसप्रीत बुमराह के फ्रैक्चर, दीपक चाहर को लगी चोट और युवा पेसर आवेश खान की खराब फॉर्म के कारण टीम मैनेजमेंट को बुलाना पड़ा. वह अच्छी लय में दिख रहे हैं.
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Mohammad Shami in T20 World Cup 2022: टीम इंडिया के स्टार पेसर मोहम्मद शमी को एक साल बाद टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका मिला लेकिन उन्होंने खुद को बखूबी साबित किया. वह फिलहाल टी20 वर्ल्ड कप-2022 के लिए टीम इंडिया के साथ ऑस्ट्रेलिया में हैं. शमी ने कहा है कि वह भले ही टीम इंडिया में नहीं थे लेकिन मानसिक रूप से हमेशा तैयार थे. उन्होंने साथ ही बताया कि टीम मैनेजमेंट और उनके बीच अच्छा संवाद बना हुआ था.
एक साल बाद टी20 में मौका
32 साल के शमी ने आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच यूएई में वर्ल्ड कप के दौरान खेला था जिसके बाद तय किया गया कि वह टेस्ट और वनडे ही खेलेंगे. जसप्रीत बुमराह के फ्रैक्चर, दीपक चाहर को लगी चोट और युवा पेसर आवेश खान की खराब फॉर्म के कारण टीम प्रबंधन को टी20 विश्व कप के लिए शमी को बुलाना पड़ा. शमी ने बांग्लादेश पर पांच रन से मिली जीत के बाद कहा, ‘यह सब तैयारी पर निर्भर करता है. टीम प्रबंधन आपसे हमेशा तैयार रहने के लिये कहता है.’
प्रैक्टिस कभी नहीं छोड़ी
शमी ने कहा, ‘जब टीम को जरूरत होगी, आपको बुलाया जाएगा और यह आपको हमेशा बताया जाता है. अगर आपने मेरे वीडियो देखे हों तो मैंने अभ्यास कभी नहीं छोड़ा था. मैं लगातार अभ्यास कर रहा था.’ इंग्लैंड दौरे के बाद से टीम से बाहर रहे शमी को दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया लेकिन फिर वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए. शमी ने कहा, ‘एक फॉर्मेट से दूसरे के अनुकूल ढलना हमेशा आसान नहीं होता. यह इस पर निर्भर करता है कि टीम से आपका तालमेल कितना है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले टी20 विश्व कप के बाद टी20 खेल रहा हूं और यह सही है कि खिलाड़ी को आत्मविश्वास की जरूरत होती है. इसके साथ ही अभ्यास बनाए रखना जरूरी है.’
हुनर और अनुभव काम आता है
पहले बदलाव के रूप में गेंदबाजी कर रहे शमी ने कहा, ‘इसे आप अनुभव कह सकते हैं कि मैं हमेशा तैयार रहता हूं. मैंने हमेशा नयी गेंद से गेंदबाजी की है लेकिन अभ्यास में मैं पुरानी गेंद से गेंदबाजी करता हूं. मैच के हालात में अच्छे प्रदर्शन के लिये आत्मविश्वास की जरूरत होती है. मेरा हमेशा से मानना है कि अपने हुनर पर भरोसा होना चाहिए. दबाव के पलों में शांत रहना जरूरी है और अनुभव तो काम आता ही है.’ अर्शदीप सिंह को आखिरी ओवर दिए जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश को 20 रन की जरूरत थी और कप्तान ने उन्हें (अर्शदीप) चुना क्योंकि उनके यॉर्कर सही लग रहे थे. उनका आत्मविश्वास भी बढाना था.’
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