Opinion: मुंबई का किंग कौन? हार्दिक-रोहित मसले पर फैंस का नुकसान नहीं हुआ है..
Advertisement
trendingNow12189439

Opinion: मुंबई का किंग कौन? हार्दिक-रोहित मसले पर फैंस का नुकसान नहीं हुआ है..

Mumbai Indians: सवाल यही है कि मुंबई का असली किंग कौन है? कम से कम पांच नजरिए से इस मसले को देखने की जरूरत है. इसमें हार्दिक, रोहित, मुंबई इंडियंस और आईपीएल के अलावा बतौर एक फैन का भी नजरिया शामिल होना चाहिए. फिर शायद पिक्चर क्लियर हो जाए.

Opinion: मुंबई का किंग कौन? हार्दिक-रोहित मसले पर फैंस का नुकसान नहीं हुआ है..

भारत-इंग्लैंड के बीच 1984 वाली होम टेस्ट सीरीज शुरू हुई तो कपिल देव और सुनील गावस्कर के फैंस के बीच 'अदावत' चरम पर थी. मुंबई टेस्ट में टीम के हारने के बाद अगले कोलकाता टेस्ट में कपिल देव को ड्रॉप कर दिया गया था. इसके बाद फैंस का गुस्सा सुनील गावस्कर के खिलाफ यूं भड़का जिसकी चर्चा उन दिनों क्रिकेट के गलियारों में खूब रही. फैंस तब भी थे जब सहवाग और धोनी की खबरें आती रहीं, फैंस तब भी थे जब रोहित और कोहली के बीच खबरें आती रहीं. फैंस अब भी हैं जब रोहित और हार्दिक का मसला छाया हुआ है. लेकिन इस बार बैकग्राउंड में आईपीएल है. यह तो तय है कि मुंबई इंडियंस के मिजाज इस बार जरूर बदले नजर आ रहे हैं, जिनमें उनके फैंस भी शामिल हैं.

असल में मुंबई इंडियंस के फैनबेस को ध्यान में रखा जाना सर्वथा उचित है. अब कप्तान हार्दिक पांड्या हैं, लेकिन आखिर किंग कौन है. हार्दिक पांड्या पहले मुंबई में थे फिर गुजरात की नई नवेली टीम के कप्तान बने वहां उन्होंने दो बार फाइनल तक पहुंचाया. वे दो साल खुद को प्रूव कर चुके थे, टीम इंडिया की टी20 कप्तानी भी कर चुके हैं. उन्हें ही टीम का भविष्य का कप्तान भी माना जा रहा है. लेकिन फिर चूक कहां हो रही है.

बदले बदले से अंदाज यूं ही नहीं.. 

यह भी सही है, पुरी दुनिया देख रही है कि हार्दिक को हूट किया जा रहा है, मुंबई इंडियंस का ड्रेसिंग रूम असहज दिख रहा है, मलिंगा और पोलार्ड के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई हैं. मार्क बाउचर के माथे सिकुड़े हैं. रोहित सामान्य दिखने की कोशिश कर रहे हैं, बाउंड्री पर फील्डिंग करते हुए कैमरे उनकी तरफ फोकस दिख रहे हैं, कई बार तो उन्होंने फैंस को शांत रहने का इशारा भी किया. ताजा बात तो यह भी है कि फिर से कप्तानी के लिए उन्हें अप्रोच किया गया और उन्होंने मना कर दिया. लेकिन इस लाइन की पुष्टि नहीं है.

हार्दिक पांड्या से नाराज होना फैंस के लिए बड़ी बात नहीं है, नाराज होने या खुश होने में उनका फायदा-नुकसान भी नहीं है. यही हार्दिक जब वर्ल्ड कप में छक्के उड़ाएंगे तो वही फैंस ताली पीटेंगे. हार्दिक गुजरात से मुंबई में इसीलिए आए कि उनकी पुरानी टीम है, कप्तानी मिल रही है, अच्छा कर ही रहे हैं, चलो एक प्रमोशन और ले लिया जाए. फिर उधर मुंबई इंडियंस मैनेजमेंट ने सोचा कि हार्दिक टीम इंडिया के लगभग कप्तान बन ही चुके हैं, उन्हीं पर दांव लगाना ठीक है. उन्होंने भविष्य के कप्तान को ग्रूम करने के नाम पर रोहित की जगह हार्दिक को कमान दे दी.

मामला मजेदार कहां से हुआ.. 
इधर बीसीसीआई ने ऐसा निर्णय ले लिया जिसकी मजेदार चर्चा हो गई, उधर हार्दिक को मुंबई ने कप्तान बनाया ही था, इधर जय शाह ने ऐलान कर दिया कि रोहित ही अगले टी20 वर्ल्ड कप में भारत के कप्तान होंगे. इन दोनों निर्णयों का आपस में क्या संबंध है, यह समझते हुए कि गुजरात छोड़कर ही हार्दिक मुंबई के कप्तान बने थे, इसकी व्याख्या भी फैंस के ऊपर ही छोड़ देते हैं. इतना तय है कि इसमें भी फैंस का नुकसान नहीं हुआ है. 

मसले एक नहीं.. अनेक हैं.. 
यह संयोग ही है कि मुंबई अपने शुरुआती मैच इस बार भी हार रही है लेकिन इस बार मसला अलग दिखा रहा है. खिलाड़ियों के बदले मिजाज, ड्रेसिंग रूम का बदला माहौल और आखिर में फैंस की प्रतिक्रिया, सब कुछ अलग है. यहां एक शिकायत संजय मांजरेकर से भी है जब उन्होंने टॉस के समय फैंस को बिहेव करने के लिए बोला तो वे काफी कुछ भूल रहे थे, यही फैंस दुनियाभर में धूम मचा देते हैं, और एक कारपोरेट निर्णय या यूं कहें प्रोफेशनल निर्णय के चक्कर में वे फैंस को बिहेव करने के लिए समझा रहे थे, जबकि फैंस प्रोफेशनल से ज्यादा इमोशनल होते हैं और यही हम फैंस की ताकत भी है.

फिर असली किंग कौन है.. जान लीजिए
तब सवाल यही है कि फिर इन सब के पीछे मुंबई का असली किंग कौन है? इसका जवाब, अश्विन की उस बात में है कि ऐसा पहली बार नहीं है जब कोई सीनियर जूनियर की कप्तानी में खेल रहा है. इसका जवाब, कमेंट्री कर रहे सिद्धू की उस बात में है जिसमें उन्होंने कहा कि अगर कप्तान के तौर पर रोहित असफल होते तो कहानी कुछ और होती. इसका जवाब, चेन्नई की कप्तानी ट्रांसफर प्रक्रिया में छिपा है, जिसमें धूम मचा रहे धोनी मुस्कुराते हुए गायकवाड़ की तरफ देखते हैं. इसका जवाब फैंस की ही प्रतिक्रियाओं में छिपा है. 

सच तो यह है कि मुंबई के असली किंग फैंस ही हैं. इस मसले पर ना तो कोई अमिताभ बच्चन है और ना कोई गब्बर सिंह है, सबका अपना नजरिया है, सबका अपना निर्णय है, बस इस बार सबके नजरिए फेल होते दिख रहे हैं सिर्फ फैंस का नजरिया बढ़त पर है. इसलिए आईपीएल को यूं ही एन्जॉय करिए, वर्ल्ड कप का इंतजार करिए.. जय हो.

Trending news