पाकिस्तान की टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 1999 के वर्ल्ड कप फाइनल मैच में 179 गेंद शेष रहते हुए खिताब जीत लिया था.
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नई दिल्ली: क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में वैसे तो फाइनल मुकाबले अपने जबरदस्त रोमांच और गेंद-बल्ले के शानदार संघर्ष के लिए ही याद किए जाते हैं. लेकिन आज तक खेले जा चुके 12 वर्ल्ड कप फाइनल में एक मुकाबला ऐसा भी रहा है, जब क्रिकेट प्रेमियों को एक टीम के बारे में ये सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा कि आखिर ये टीम फाइनल में पहुंची कैसे. हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड में 21 साल पहले ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच खेले गए आईसीसी वर्ल्ड कप फाइनल मैच की, जिसे क्रिकेट इतिहास के सबसे एकतरफा फाइनल मुकाबलों में से एक गिना जाता है. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने स्टीव वॉ (Steve Waugh) की कप्तानी में बेहद कातिलाना अंदाज में पाकिस्तानी टीम को 179 गेंद शेष रहते 8 विकेट से ऐसी पटखनी दी, जिसकी कोई और मिसाल देखने को नहीं मिलती है. आइए आपको बताते हैं कि क्या हुआ था 1999 में खेले गए इस सबसे एकतरफा फाइनल मुकाबले में.
on this day in 1999,#Australia won their second #icc worldcup title by defeating #Pakistan by 8 wickets in
the final chasing down target of 133. pic.twitter.com/Vn1FHryAzJ— Saikiranreddy (@imKiranreddyk) June 20, 2020
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर ली थी बल्लेबाजी
ये फाइनल मुकाबला क्रिकेट के मक्का कहलाने वाले लॉडर्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा था. वही ऐतिहासिक मैदान जहां एशेज ट्रॉफी में स्टंप को जलाकर उसकी राख भरते हुए इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया की पारंपरिक क्रिकेट 'दुश्मनी' शुरू की गई थी. इस मैदान पर कहा जाता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम अतिरिक्त जोश में होती है. लेकिन पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम (Wasim Akram) को शायद किसी ने ये जानकारी नहीं दी थी.
Today in 1999.
Australia Restricted Pakistan for 132,which was lowest total by team in World Cup finals & Won 2nd World Cup.#Cricket pic.twitter.com/WaaGtT7MpC
— P A N T H E R™ (@CricSurya07) June 20, 2020
यही कारण है कि उन्होंने स्विंग और सीम गेंदबाजी को मदद देने वाली बेहद नम परिस्थितियों में ऑस्ट्रेलियाई टीम में ग्लेन मैक्ग्रा (Glen McGrath), डेमियन फ्लेमिंग (Damien Fleming) और पॉल रिफैल (Paul Reiffel) जैसे तेज गेंदबाजों की मौजूदगी के बावजूद पहले बल्लेबाजी का फैसला कर लिया. नतीजा ये रहा कि पाकिस्तानी टीम सिर्फ 132 रन ही बना सकी, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान 25 अतिरिक्त रन का रहा था.
एकतरफा सरेंडर कर गई पाकिस्तानी बल्लेबाजी
पहले बल्लेबाजी करने का फैसला मैक्ग्रा ने 5वें ओवर तक 1-1 रन को तरस रहे ओपनर वजातुल्लाह वस्ती (Wajahatullah Wasti) को महज 1 रन पर वापस लौटाकर गलत साबित कर दिया. अगले ही ओवर में सईद अनवर (Saeed Anwar) भी महज 15 रन बनाकर फ्लेमिंग की गेंद पर अपना स्टंप उखड़वा बैठे. दरअसल अनवर बेहद खूबसूरत स्विंग गेंद का शिकार बने. फ्लेमिंग की राउंड द विकेट फेंकी गई ये गेंद खब्बू बल्लेबाज अनवर के लिए इनस्विंगर की तरह अंदर आई, जिसे कवर ड्राइव करने में वे चूक गए और बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर गेंद स्टंप उखाड़ ले गई.
एजाज अहमद (Ijaz Ahmed) और अब्दुल रज्जाक (Abdul Razzaq) ने स्कोर को 60 के पार पहुंचाया. यहां से शेन वार्न (Shane Warne) की लेग स्पिन का कहर बरपा और उन्होंने एजाज अहमद (22) को पवेलियन लौटा दिया. एजाज का ये स्कोर अतिरिक्त रनों के बाद किसी पाकिस्तानी बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर रहा. टॉम मूडी (Tom Moody) ने रज्जाक को तो रिफैल ने इंजमाम-उल-हक ( Inzamam-ul-haq) को वापसी की राह दिखाकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी. इसके बाद पाकिस्तान की टीम महज 39 ओवर में महज 132 रन पर सिमट गई. वार्न ने 33 रन देकर 4 विकेट झटके, जबकि मूडी-मैक्ग्रा को 2-2 और फ्लेमिंग-रिफैल को 1-1 विकेट मिला.
गिलक्रिस्ट ने एकतरफा बना दिया मुकाबला
पाकिस्तान के फैन अपनी टीम के कम स्कोर के बावजूद उनसे 1983 के वर्ल्ड कप में इसी मैदान पर टीम इंडिया की तरफ से दिखाए गए करिश्मे जैसी उम्मीद लगा रहे थे. उम्मीद का कारण था पाकिस्तानी टीम में अकरम, शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar), रज्जाक , अजहर महमूद (Azhar Mahmood) जैसे तेज गेंदबाजों और सकलैन मुश्ताक (Saqlain Mushtaq) जैसे दिग्गज ऑफ स्पिनर की मौजूदगी.
लॉडर्स की पिच बल्लेबाजी के लिए मुश्किल भी दिख रही थी. लेकिन एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) ने कोई चमत्कार नहीं होने दिया. गिली ने क्रीज पर आते ही पाकिस्तानी गेंदबाजों की जोरदार धुलाई शुरू कर दी और महज 36 गेंदों में 8 चौके और एक छक्के की मदद से 54 रन ठोक डाले. मार्क वॉ (Mark Waugh) ने 37 और रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने 24 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया ने महज 20.1 ओवर में मुकाबला और उसी के साथ 12 साल बाद अपना दूसरा वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया.
आज तक लगते हैं इस मैच में फिक्सिंग के आरोप
वसीम अकरम के लिए इस फाइनल मुकाबले को हारने की बेइज्जती ही कम नहीं थी कि उन पर आज तक मैच फिक्सिंग के आरोप लगाए जाते हैं. हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज सरफराज नवाज (Sarfaraz Nawaz) ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी टीम ने 1999 वर्ल्ड कप का फाइनल और बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में मैच फिक्सिंग की थी. हालांकि वो कोई सबूत पेश नहीं कर पाए थे.