Paris Olympics 2024: पिता टीचर.. मां सरपंच, पेरिस ओलंपिक में दिखा दूसरा 'धोनी', रच दिया इतिहास
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Paris Olympics 2024: पिता टीचर.. मां सरपंच, पेरिस ओलंपिक में दिखा दूसरा 'धोनी', रच दिया इतिहास

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन कंपटीशन में स्वप्निल सिंह ने शानदार खेल दिखाया. वे ओलंपिक्स की इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय शूटर बने और ब्रॉन्ज मेडल भी नाम किया. वह भले ही एक छोटे गांव से आते हैं लेकिन उनकी कहानी कुछ टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से मिलती-जुलती है.   

 

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Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में स्वप्निल सिंह ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन कंपटीशन में शानदार खेल दिखाया. अब वे ओलंपिक्स की इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय शूटर बन गए हैं. गुरुवार को उन्होंने इसके फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को सीजन का तीसरा मेडल दिलाया। वह भले ही एक छोटे गांव से आते हैं, लेकिन उनकी कहानी कुछ टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से मिलती-जुलती है. ये वो खिलाड़ी है जिसने धोनी की बायोपिक से काफी प्रेरणा ली और एक बड़ी वजह उनकी जॉब है जिससे उनका नाम धोनी से जुड़ने लगा है.

भारत को दिलाया तीसरा मेडल

स्वप्निल सिंह ने भारत को पेरिस ओलंपिक का तीसरा मेडल दिलाते हुए 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन इवेंट के फाइनल में ब्रॉन्ज जीता. इससे पहले भी शूटिंग में ही दो मेडल आए हैं. मनु भाकर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में ब्रॉन्ज जीता था. वहीं, दूसरा मेडल मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ भारत को दिलाया.

12 साल बाद कर पाया डेब्यू

स्वप्निल कुसाले महाराष्ट्र के कोल्हापुर के एक छोटे से गांव कंबलवाडी से आते हैं. एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जहां पिता और भाई शिक्षक हैं और मां गांव की सरपंच हैं. साल 2012 में स्वप्निल ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है और अब पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. उन्हें ओलंपिक्स में डेब्यू करने के लिए 12 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा.

एमएस धोनी से क्यों जुड़ रहा नाम?

स्वप्निल की कहानी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से काफी मिलती-जुलती है. दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने से पहले एक छोटे परिवार से आते थे. स्वप्निल एक टिकट कलेक्टर हैं जिसके चलते उनका नाम एमएस धोनी से जोड़ा गया. धोनी ने भी अपने करियर के साथ कुछ समय तक रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम किया है. स्वप्निल ने कई बार धोनी की बायोपिक फिल्म को कई बार देखा है.

शूटिंग नहीं, क्रिकेट में धोनी के फैन हैं स्वप्निल

स्वप्निल ने धोनी को लेकर कहा, 'मैं शूटिंग में किसी विशेष एथलीट को फॉलो नहीं करता. मैं शूटिंग से बाहर धोनी के व्यक्तित्व का फैन हूं. जैसे धोनी क्रिकेट फील्ड पर शांत रहते हैं, वैसे ही मेरे खेल में भी शांत और धैर्यपूर्ण स्वभाव की जरूरत होती है. मैं खुद को उनकी कहानी से जोड़ पाता हूं क्योंकि मैं भी उनकी तरह टिकट कलेक्टर के रूप में काम करता हूं.

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