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जब IPL में अलग-अलग टीमों से खेली भाइयों की ये 7 जोड़ियां

2008 से अब तक कई सीजन ऐसे रहे हैं, जब खून के रिश्ते में "एक" रहने वाले क्रिकेटर्स के "दिल" का "बंटवारा" टीमों ने करा दिया.

पठान ब्रदर्स से ही शुरू हो सकती है कहानी

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पठान ब्रदर्स से ही शुरू हो सकती है कहानी

भारतीय क्रिकेट की बात हो और वह भी 2000 के दशक में तो 'पठान ब्रदर्स' से पहले भाइयों की जोड़ी के तौर पर किसी का नाम आ ही नहीं सकता. यूसुफ पठान (Yusuf Pathan) और इरफान पठान (Irfan Pathan) कई साल तक आईपीएल में अपनी छाप छोड़ते रहे. खास तौर पर राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के आईपीएल-2008 में पहला खिताब जीतने में यूसुफ के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता, जब  उन्होंने फाइनल मैच में 22 रन देकर 3 विकेट लेने के अलावा 39 गेंद में 56 रन की धुआंधार पारी भी खेली थी.

आईपीएल-2009 में यूसुफ ने 37 गेंद में शतक लगाया था, जो तब आईपीएल का सबसे तेज शतक था. इसके अलावा एक समय सबसे तेज आईपीएल फिफ्टी का रिकॉर्ड भी अपने नाम रखने वाले यूसुफ ने आईपीएल में 16 'मैन ऑफ द मैच' अवॉर्ड भी जीते थे. इरफान भी अपने भाई से कम साबित नहीं हुए. अपने पहले ही सीजन में 2 बार 'मैन ऑफ द मैच' रहे इरफान ने गेंद और बल्ले, दोनों से लीग में अपनी छाप छोड़ी थीं. यूसुफ ने जहां 174 मैच में 3204 रन बनाने के अलावा 158 छक्के भी अपने बल्ले से लगाए, जबकि गेंद से भी 42 विकेट उनके खाते में रहे. इरफान ने 103 मैच में 1124 रन और 80 विकेट का शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन आईपीएल की रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराया है. (फोटो- Twitter/@iamyusufpathan)

चाहर भाइयों के खेल से जगमगाएगी यूएई

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चाहर भाइयों के खेल से जगमगाएगी यूएई

यूएई में होने जा रहे आईपीएल के 13वें सीजन में भी दो भाई अलग-अलग टीमों से मौजूद हैं. चेन्नई सुपर किंग्स के लिए दिखाई देंगे दीपक चाहर (Deepak Chahar), तो मुंबई इंडियंस की टीम में मौजूद रहेंगे राहुल चाहर (Rahul Chahar). दोनों भाई पिछले 2-3 सीजन से अपनी-अपनी टीमों के गेंदबाजी आक्रमण की बैकबोन बने हुए हैं. हालांकि दोनों सगे नहीं चचेरे भाई हैं, लेकिन कंबाइंड परिवार से आने के कारण सगे भाइयों से कम भी नहीं हैं. मध्यम गति के स्विंग गेंदबाज दीपक ने आईपीएल में अपना डेब्यू 2012 सीजन में राजस्थान रॉयल्स के लिए कर लिया था, लेकिन दो सीजन तक टीम में रहने पर भी उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले. 

इसके बाद उनका करियर चोट और बीमारी से प्रभावित रहा. लेकिन आईपीएल-2018 में अपनी वापसी के समय चेन्नई ने दीपक को भी टीम में एंट्री दी और उन्होंने 12 मैच में 10 विकेट लेकर टीम की खिताबी वापसी में बेहतरीन योगदान दिया. इसके चलते टीम इंडिया में एंट्री पाने वाले दीपक के नाम पर इस समय इंटरनेशनल टी20 क्रिकेट के सबसे बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन का रिकॉर्ड दर्ज है. आईपीएल-2019 में दीपक ने 17 मैच में 22 विकेट चटकाए थे. इसके उलट उनके छोटे भाई राहुल ने आईपीएल-2017 में मुंबई टीम के लिए एंट्री ली थी. लेकिन तब इस युवा लेग स्पिनर को महज 3 मैच ही मिल पाए. इसके बाद आईपीएल-2018 में भी वे पूरे सीजन बैंच पर बैठे, लेकिन आईपीएल-2019 में राहुल ने मुंबई के लिए 13 मैच खेलकर 16 विकेट चटकाते हुए उसकी चौथी खिताबी जीत में अहम योगदान दिया था. (फोटो- Twitter/@rdchahar1)

पांड्या भाई हैं मुंबई इंडियंस की जान

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पांड्या भाई हैं मुंबई इंडियंस की जान

मुंबई इंडियंस टीम के लिए जितना जिक्र कप्तान रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह का होता है, उससे शायद ही कम जिक्र पांड्या भाइयों का होता होगा. हालांकि दोनों भाइयों में ज्यादा चर्चा हार्दिक पांड्या ( Hardik Pandya) को अपने विस्फोटक खेल के लिए मिलती रही है, लेकिन उनके बड़े भाई क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) ने भी खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. दोनों भाई गेंद व बल्ले से ऑलराउंडर होने के चलते टीम की जान जैसे हैं. 

आईपीएल-2015 में डेब्यू करने वाले हार्दिक ने अपने पहले ही मैच की दूसरी गेंद पर छक्का ठोककर खुद को साबित कर दिया था. उस सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 2 ओवर में 30 रन की जरूरत के सामने महज 8 गेंद में 21 रन ठोककर हार्दिक ने साबित कर दिया था कि उनका करियर लंबा चलेगा. आईपीएल-2019 में 402 रन बनाने के साथ ही 14 विकेट लेने वाले हार्दिक ने अब तक 66 मैच में 154.78 के स्ट्राइक रेट से 1068 रन बनाए हैं, तो 42 विकेट भी उनके नाम पर चढ़ चुके हैं. इसके उलट क्रुणाल ने 2016 सीजन से शुरुआत की थी. उनके खाते में सबसे शानदार प्रदर्शन आईपीएल-2017 के फाइनल मैच में मुंबई को चैंपियन बनाने का रहा है. अब तक क्रुणाल ने 55 मैच में 146.06 के स्ट्राइक रेट से 891 रन बनाने के साथ ही 40 विकेट भी लिए हैं. (फोटो- Twitter/@krunalpandya24)

मार्श बंधुओं का भी रहा है जलवा

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मार्श बंधुओं का भी रहा है जलवा

ऑस्ट्रेलिया के मार्श परिवार ने भी आईपीएल पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है. शॉन मार्श (Shaun Marsh) और मिचेल मार्श (Mitchell Marsh) कई सीजन तक अलग-अलग टीमों के लिए खेलकर दर्शकों को लुभाते रहे थे. खास बात ये थी कि कुछ सीजन उनके पिता ज्यौफ मार्श (Geoff Marsh) भी कोच के तौर पर लीग का हिस्सा रहे. शॉन मार्श ने तो अपना जलवा आईपीएल-2008 में ही सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज की ऑरेंज कैप हासिल करते हुए दिखा दिया था. शॉन ने उस सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 616 रन ठोके थे. इसके बाद भी कई सीजन तक उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और 9 'मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड' हासिल किए.

अपने भाई के उलट मिचेल एक बेहतरीन ऑलराउंडर थे. उन्होंने भी आईपीएल में कई बार बेहतरीन खेल दिखाया. हालांकि उन्होंने आईपीएल से ज्यादा तवज्जो इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में खेलने को दी. शॉन मार्श ने 71 मैच में 20 फिफ्टी और 1 शतक के साथ 39.95 के जोरदार औसत से 2477 रन अपने खाते में जोड़े थे, तो मिचेल ने 20 मैच में 226 रन बनाने के साथ ही 20 विकेट भी चटकाए थे. (फाइल फोटो)

हसी भाइयों को नहीं भुला सकते आप

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हसी भाइयों को नहीं भुला सकते आप

आईपीएल में भाइयों की अगली जोड़ी भी ऑस्ट्रेलियाई धरती की ही देन थी. ये थे माइक हसी (Mike Hussey), जिन्हें दुनिया बेहतरीन जानकारी के चलते 'मिस्टर क्रिकेट' कहकर बुलाती थी और उनके भाई डेविड हसी (David Hussey) ने आईपीएल में भी बेहतरीन छाप छोड़ी थी. माइक हसी ने मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल डेब्यू किया, लेकिन उन्हें असली उड़ान चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ मिली. चेन्नई के लिए माइक ने अपने पहले ही मैच में नॉटआउट 116 रन की पारी खेली थी, जो आखिर तक उनका बेस्ट स्कोर और इकलौता शतक रहा. अपने आईपीएल करियर में 15 फिफ्टी ठोककर कुल 11 मैन ऑफ द मैच जीते माइक चेन्नई के लिए आज भी तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले क्रिकेटर हैं. फिलहाल चेन्नई के सहायक कोच माइक ने 59 आईपीएल मैच में 38.76 के औसत व 122.64 के स्ट्राइक रेट से 1977 रन बनाए थे. 

माइक के उलट डेविड ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए शुरुआत की और फिर किंग्स इलेवन पंजाब में रहने के बाद आखिर में चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ आईपीएल करियर पूरा किया. मजे की बात ये है कि आईपीएल-2014 में ड्वेन ब्रावो के चोटिल होने पर चेन्नई टीम का हिस्सा मिडसीजन में बने बेहतरीन ऑलराउंडर डेविड को फाइनल इलेवन में उनके भाई माइक हसी की ही जगह मिली थी. डेविड ने 64 मैच में 1322 रन बनाने के अलावा 8 विकेट भी आईपीएल में लिए. (फाइल फोटो)

मोर्कल भाइयों के बिना बात होगी अधूरी

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मोर्कल भाइयों के बिना बात होगी अधूरी

दक्षिण अफ्रीका के मोर्कल भाइयों ने भी आईपीएल में अपनी छाप जमकर छोड़ी है. एल्बी मोर्कल (Elbie Morkal) ने जहां ऑलराउंडर के तौर पर चेन्नई सुपर किंग्स की सफलताओं में योगदान दिया, वहीं तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल (Morne Morkal) ने दिल्ली, कोलकाता और राजस्थान के लिए कई बेहतरीन प्रदर्शन किए. एल्बी ने 91 मैच में 974 रन बनाने के साथ ही 85 विकेट लिए थे, जबकि मोर्ने के खाते में 70 मैच में 77 विकेट दर्ज किए गए. (फाइल फोटो)

मैक्कुलम भाइयों ने भी दिखाए अपने रंग

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मैक्कुलम भाइयों ने भी दिखाए अपने रंग

आईपीएल के पहले सीजन के उद्घाटन मैच में ही 158 रन की जबरदस्त पारी से सारे रिकॉर्ड तोड़ देने वाले ब्रैंडन मैक्कुलम (Brendon Mccullum) ने 2018  के सीजन तक लीग पर अपनी जोरदार छाप छोड़ी थी. उन्होंने 109 मैच में 131.74 के स्ट्राइक रेट से 2880 रन बनाए थे. हालांकि उनके भाई नाथन मैक्कुलम (Nathan Mccullum) ऑफ स्पिनर थे, जो अपने भाई जैसी सफलता हासिल नहीं कर सके. वे आईपीएल-2011 में पुणे वारियर्स इंडिया के लिए महज 2 मैच खेल पाए. अपने इस 2 मैच के आईपीएल करियर में नाथन विकेट का खाता नहीं खोल सके और उनके नाम पर महज 26 रन ही दर्ज हैं. (फाइल फोटो)

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