रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने आखिरी वनडे मैच जून 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. उस मैच में उनका प्रदर्शन शानदार रहा, लेकिन फिर भी उन्होंने नजरअंदाज किया गया.
Trending Photos
नई दिल्ली: भारत और दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज (ODI Series) का पहला मुकाबला एक सीनियर प्लेयर के लिए सकून लेकर आया क्योंकि उन्हें एक अर्से बाद वनडे टीम में जगह मिली है.
हम बात कर रहे हैं मौजूदा टीम इंडिया (Team India) के सबसे सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) की जिन्होंने करीब साढे चार साल बाद भारतीय वनडे टीम में वापसी की और प्लेइंग 11 (Team India Playing 11) में खेलने का मौका मिला.
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने इससे पहले आखिरी वनडे मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ एंटीगा (Antigua) के सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम (Sir Vivian Richards Stadium) में खेला था.
यह भी पढ़ें- ICC ने चुनी साल की बेस्ट टी-20 प्लेइंग 11, सेलेक्शन में दिखा IND vs PAK मैच का असर
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने वो मैच एमएस धोनी की कप्तानी में खेला था तब उन्होंने अपने 10 ओवर के स्पैल में बेहद किफायती गेंदबाजी करते हुए 2.80 की इकॉनमी रेट से 28 रन देकर 3 विकेट हासिल किए थे. उनके इस प्रदर्शन की बदौलत भारत को 93 रन से शानदार जीत मिली थी.
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने जेसन होल्डर (Jason Holder) को 6 रन के निजी स्कोर पर एमएस धोनी के हाथों स्टंप कराया, फिर एश्ले नर्स (Ashley Nurse) को 6 रन पर उमेश यादव के हाथों कैच आउट कराया फिर मेगुएल कमिंस (Miguel Cummins) को महज 1 रन पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया.
इतनी घातक गेंदबाजी करने के बावजूद रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को अगले साढ़े चार साल तक नजरअंदाज किया गया. इस दौरान विराट कोहली लिमिटेड ओवर्स कैप्टन बन गए और अश्विन को आराम देने के नाम पर टेस्ट क्रिकेट तक सीमित कर दिया गया.
विराट कोहली के वनडे कैप्टनसी से हटते ही रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) की न सिर्फ इस फॉर्मेट में वापसी हुई बल्कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ पार्ल में खेले गए पहले वनडे में प्लेइंग 11 में जगह दी गई.
केएल राहुल के भरोसे पर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) खरे उतरे उन्होंने इस मैच में 10 ओवर के स्पैल में 5.30 की इकॉनमी रेट से 53 रन देकर 1 विकेट लिए. उन्होंने क्विंटन डिकॉक (Quinton de Kock ) जैसे खतरनाक बल्लेबाज को पवेलियन की राह दिखाई.