क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ियों का करियर ज्यादा लंबा नहीं होता. ज्यादा से ज्यादा क्रिकेटर 18 से 20 साल में खेल से सन्यास ले लेते हैं या फिर किसी वजह से बीच में ही खेल छोड़ देते हैं.
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नई दिल्ली: क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ियों का करियर ज्यादा लंबा नहीं होता. ज्यादा से ज्यादा क्रिकेटर 18 से 20 साल में खेल से संन्यास ले लेते हैं या फिर किसी वजह से बीच में ही खेल छोड़ देते हैं. फिर क्रिकेट के मैदान को अलविदा कहने के बाद खेल से जुड़े रहना काफी मुश्किल हो जाता है, मगर जिंदगी को शान से जीने के लिए उन्हें अपने आपको बिजी रखने और पैसों की जरूरत तो होती ही है, इसीलिए क्रिकेट से अलग होने के बाद या तो वो किसी बिजनेस में इनवेस्ट करते हैं या फिर कोई नौकरी कर लेते हैं.
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मगर क्रिकेट की दुनिया के कुछ ऐसे महारथी भी हैं जिन्होंने कोई नौकरी या बिजनेस न करके फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई. जी हां, आज हम जिस भारतीय क्रिकेटर के बारे में बात करने वाले हैं उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) और वसीम अकरम (Wasim Akram) जैसे दिग्ग्ज गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए थे. उस पूर्व भारतीय खिलाड़ी का नाम है सदगोपन रमेश (Sadagoppan Ramesh) जो आज साउथ सिनेमा के जाने-माने स्टार हैं.
तमिलनाडु के रहने वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज सदगोपन रमेश ने न्यूजीलैंड और पाकिस्तान जैसी टीमों के गेंदबाजों की नींद उड़ा दी थी. उन्होंने जनवरी 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी और पहली ही सीरीज में अपना जलवा दिखाते हुए 204 रन बना दिए थे, इस सीरीज में उन्होंने 2 अर्धशतक भी जड़े थे. खास बात ये रही कि रमेश को टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने का मौका इसलिए मिला क्योंकि इस सीरीज से पहले दिग्गज भारतीय ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. सिद्धू की रिटायरमेंट के बाद रमेश को ओपनर बनाया गया था जिस पर वो पूरी तरह से खरे भी उतरे थे. इस सीरीज के बाद रमेश ने एशियन टेस्ट चैंपियनशिप में भी खूब कमाल दिखाया था, जिसमें उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक लगाते हुए 292 रन ठोके थे.
उस वक्त रमेश के नाम की चर्चा पूरे देश में हो रही थी. रमेश ने टीम इंडिया के लिए 19 टेस्ट मैचों में 37.97 की औसत से 1367 रन बनाए. टेस्ट के अलावा वनडे क्रिकेट में भी उन्होंने 24 मैचों में 28 से ज्यादा की औसत से 646 रन बनाए. आपको बता दें कि रमेश के नाम क्रिकेट में काफी अहम रिकॉर्ड भी दर्ज है. दरअसल, रमेश ऐसे पहले भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने पहली ही बॉल पर वनडे क्रिकेट में विकेट लेकर इतिहास रचा था. उन्होंने ये कारनामा वेस्टइंडीज के खिलाफ सिंगापुर में किया था. वहां खेले गए मैच में उन्होंने निक्सन मैकलीन को आउट कर ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था. हालांकि अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद रमेश का करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका और उन्होंने कुछ ही सालों में क्रिकेट के मैदान को अलविदा कह दिया. रमेश को खुद भी ऐसा लगता है कि उन्हें टीम इंडिया के लिए कम से कम 50 टेस्ट मैच तो खेलने ही चाहिए थे और वो खेलना भी चाहते थे मगर उन्हें मौके नहीं मिले.
क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद सदगोपन रमेश ने तमिल सिनेमा की तरफ रूख किया. उन्होंने साल 2008 में 'संतोष सुब्रह्मण्यम' (Santosh Subramaniam) फिल्म में काम किया. इस फिल्म के बाद बतौर लीड हीरो उन्होंने 'पोटा-पोट्टी' (Potta Potti) में काम किया जोकि बॉक्स ऑफिस पर एक बहुत बड़ी हिट साबित हुई. रमेश जेनेलिया डिसूजा, प्रकाश राज और सयाजी शिंदे जैसे कलाकारों के साथ काम कर चुके हैं. साउथ सिनेमा में मशहूर होने के बाद उन्होंने पिछले साल यानि साल 2019 में 'स्वरस' नाम के स्टूडियो में इंवेस्ट किया है.