बेटी सना की पोस्ट के बाद सौरव गांगुली ने सफाई देते हुए कहा कि सना को इन विवादों में घसीटा न जाए, उसकी उम्र अभी बहुत छोटी है.
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली की बेटी सना (Sana Ganguly) ने भी इस मामले पर पोस्ट किया. उनकी पोस्ट नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर सवाल उठाने वाली थी. जल्दी ही यह वायरल हो गया. विवाद बढ़ता देख सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को सामने आना पड़ा. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि सना को इन विवादों में घसीटा न जाए, उसकी उम्र अभी बहुत छोटी है.
सना गांगुली ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया. सना ने इसमें लेखक खुशवंत सिंह की किताब ‘द एंड ऑफ इंडिया’ का एक पेज पोस्ट किया था. इसमे लिखा है, ‘हर फासीवादी शासन के फलने-फूलने के लिए ऐसे समुदायों और समूहों की जरूरत होती है जिन पर अत्याचार कर सके. इसकी शुरुआत एक या दो समूहों से होती है, लेकिन यह कभी समाप्त नहीं होता. नफरत के आधार पर शुरू हुआ आंदोलन तभी तक चल सकता है जब तक भय और संघर्ष का माहौल बना रहे. आज हममें से जो लोग यह सोच कर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि वे मुस्लिम या ईसाई नहीं हैं, वो मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं.’ सना का यह पोस्ट अब इंस्टाग्राम में नहीं है. इसे डिलीट कर दिया है. हालांकि, उनके पोस्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया गया.
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सना के इस पोस्ट की अगली लाइन में संघ पर निशाना साधा गया है. इसमें कहा गया है, ‘संघ हमेशा से ही उन युवाओं को निशाना बनाता रहा है, जो वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हैं. भविष्य में उन महिलाओं को निशाना बनाएगा जो स्कर्ट पहनती हैं या उन्हें निशाना बनाएगा जो मांस खाते हैं, जो शराब पीते हैं, दो विदेशी फिल्में देखते हैं, जो मंदिर नहीं जाते हैं, जो दंत मंजन की जगह टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं, जो वैद्य के बजाय एलोपैथिक डॉक्टर से इलाज कराते हैं, जो किसी से मिलने पर जय श्री राम कहने की बजाय उनसे हाथ मिलाते हैं. कोई सुरक्षित नहीं है. यदि हम भारत को जिंदा रखने की उम्मीद करते हैं तो यह समझना होगा.’
जब सना का यह पोस्ट वायरल हो गया तो उनके पिता सौरव गांगुली ने मामला संभालने की कोशिश की. पूर्व क्रिकेटर और बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली ने ट्वीट किया, ‘कृपया, सना को ऐसे मामलों में ना घसीटा जाए... उसका यह पोस्ट सही नहीं है... अभी राजनीति समझने के लिहाज से उसकी उम्र अभी बहुत कम है.’
Please keep Sana out of all this issues .. this post is not true .. she is too young a girl to know about anything in politics
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) December 18, 2019
बता दें कि ज्यादातर खिलाड़ियों ने नागरिकता संशोधन कानून पर चुप्पी साध रखी है. इरफान पठान और आकाश चोपड़ा ने जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर लाठीचार्ज होने पर जरूर ट्वीट किया था.
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