क्रिकेट की दुनिया में हर खिलाड़ी मैदान पर बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहता है, लेकिन कई ऐसे रिकॉर्ड्स भी हैं, जिन्हें कोई भी खिलाड़ी कभी भी बनाना नहीं चाहेगा. क्योंकि ये रिकॉर्ड असफलता की निशानी माने जाते हैं.
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नई दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया में हर खिलाड़ी बड़े से बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहता है, लेकिन कई रिकॉर्ड्स ऐसे हैं, जिनको कोई भी क्रिकेटर अपने नाम नहीं करना चाहेगा. इन रिकॉर्ड्स को नाकामयाबी की निशानी माना जाता है. आइए जानते हैं, इन रिकॉर्ड्स के बारे में और उन खिलाड़ियों के बारे में, जिनके नाम ये रिकॉर्ड्स हैं.
सनथ जयसूर्या (Sanath Jayasuriya) ने श्रीलंका की क्रिकेट को पूरी तरीके से बदल ही दिया. वह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण पूरी दुनिया में जाने जाते थे और उन्होंने अपने दम पर श्रीलंका (Srilanka) टीम को कई मैच जिताए हैं. जयसूर्या पावरहिटिंग बैट्समैन थे, लेकिन इस दिग्गज खिलाड़ी के नाम ही सबसे ज्यादा जीरो पर आउट (most duck) होने का रिकॉर्ड है. ये तूफानी बल्लेबाज अपने करियर में 53 बार जीरो पर आउट हुआ है.
इस रिकॉर्ड को कोई भी क्रिकेटर अपने नाम नहीं करना चाहता है. नर्वस नाइंटीज वह होता जब बल्लेबाज 90 से 99 रनों के बीच आउट हो जाए. इंटरनेशल क्रिकेट (international cricket) में शतक लगाना हर बल्लेबाज का ख्वाब होता है, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को सेंचुरी किंग माना जाता है, लेकिन ये बल्लेबाज अपने करियर में सबसे ज्यादा नर्वस नाइंटीज (Nervous nineties) का शिकार हुआ है. सचिन अपने करियर में कल 28 बार नर्वस नाइंटीज का शिकार हुए हैं. वह टेस्ट में 18 और वनडे क्रिकेट में 10 बार इस तरह से आउट हुए हैं.
भारत के स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2007) में इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) के एक ओवर में छ छक्के जड़े थे. वनडे क्रिकेट में ये रिकॉर्ड हॉलैंड के वान बंग्ज के नाम पर है, जिनकी गेंदों पर 2007 वर्ल्ड कप में सेंट किट्स के मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज हर्शल गिब्स (Herschelle Gibbs)ने एक ओवर में छह छक्के लगा दिए थे. ये रिकॉर्ड कोई भी गेंदबाज अपने नाम नहीं करना चाहेगा.
क्रिकेट का कोई भी फॉर्मेट हो अतिरिक्त रन देने वाले गेंदबाज को कभी पसंद नहीं किया जाता. फिर यदि वो रन नो बॉल के तौर पर आ रहा हो तो सबसे ज्यादा बुरा समझा जाता है, क्योंकि उस गेंद पर बल्लेबाज के आउट होकर भी नॉटआउट दिए जाने की संभावना होती है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में एक ओवर में सबसे ज्यादा बार नो बॉल फेंकने का रिकॉर्ड अपने नाम पर रखने वाले वेस्टइंडीज (West Indies) के कर्टले एंब्रोस (Curtly Ambrose) हैं. इसके बावजूद अपने कप्तानों के सबसे फेवरेट बॉलर थे. टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में 400 से ज्यादा विकेट लेने वाले खौफनाक गेंदबाज एंब्रोस ने ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ 1993 की सीरीज के पर्थ टेस्ट में एक ओवर में 9 नो बॉल फेंकी थी. यह ओवर 15 गेंद का रहा था, जो टेस्ट क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक में सबसे लंबे ओवर के तौर पर दर्ज हैं. हालांकि एंब्रोस के इस खराब प्रदर्शन के बावजूद वेस्टइंडीज ने ये मैच 10 विकेट से जीता था और एंब्रोस ही पारी में 5 विकेट लेने के लिए मैन ऑफ द मैच चुने गए थे.