रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ की कोचिंग में क्या फर्क? Shikhar Dhawan ने दिया जवाब
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रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ की कोचिंग में क्या फर्क? Shikhar Dhawan ने दिया जवाब

 शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने बताया है कि कैसे रवि शास्त्री (Ravi Shastri) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का कोचिंग का तरीका अलग है. 

(FILE PHOTO)

नई दिल्ली: पहली बार भारत की दो अलग-अलग टीमें एक ही वक्त पर अलग-अलग फॉर्मेट की सीरीज के लिए दो देशों में मौजूद हैं. शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की कप्तानी में टीम इंडिया श्रीलंका दौरे पर है. वहीं विराट की कप्तानी में एक भारतीय टीम इंग्लैंड में मौजूद है. इंग्लैंड में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) हैं तो राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) कोच के तौर पर श्रीलंका में टीम के साथ हैं.  

  1. धवन का बड़ा बयान
  2. धवन ने शास्त्री और द्रविड़ ने दोनों के बीच के अंतर को समझाया
  3. 18 जुलाई से शुरू होगा भारत बनाम श्रीलंका

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Final) के फाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ शर्मनाक हार के बाद रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को कोच पद से हटाने की मांग हुई थी और फैंस ने राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को उनकी जगह लेने की बात कही थी. ऐसे में अब धवन से कोच के बारे में सवाल पूछा गया तो इस क्रिकेटर ने दोनों के बीच के अंतर को समझाया है.

धवन ने बताया शास्त्री और द्रविड़ मे फर्क!

श्रीलंंका के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों कोच की खूबियों और अलग-अलग काबिलियतों के बारे में बात की. धवन ने कहा, 'उन दोनों की अपनी-अपनी खूबी हैं और दोनों काफी सकारात्मक इंसान हैं. मैंने रवि भाई के साथ काफी वक्त गुजारा है और उनका प्रोत्साहित करने का तरीका अलग है. रवि भाई की ऊर्जा काफी जोरदार है, वहीं राहुल भाई काफी शांत हैं, संयमित हैं और मजबूत भी हैं. हर किसी अपना-अपना तरीका है और मुझे उन दोनों के नेतृत्व में खेलने में मजा आता है’.

रवि शास्त्री के पद को खतरा

रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के कोच रहते हुए टीम इंडिया कोई बड़ी आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर पाई है. 2015 वर्ल्ड कप, 2016 टी-20 वर्ल्ड कप, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 वर्ल्ड कप और 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप, टीम इंडिया ने इस मौकों को गंवाया. ऐसे में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के पद को खतरा है. दरअसल शास्त्री का कार्यकाल टी-20 वर्ल्ड कप-2021 तक है. ऐसे में उनके लिए इस बार सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा होगी. अगर शास्त्री अपनी कोचिंग में भारत को टी-20 वर्ल्ड कप-2021 का खिताब दिलाने में नाकाम रहे तो BCCI उनका कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाने के लिए शायद ही सोचे.

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