एशियन गेम्स में भारत को फुटबॉल का गोल्ड दिलाने वाले प्रदीप कुमार बनर्जी का निधन हो गया. सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, बाईचुंग भूटिया ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है.
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नई दिल्ली: एशियन गेम्स में भारत को फुटबॉल का गोल्ड दिलाने वाले प्रदीप कुमार बनर्जी का शुक्रवार को निधन हो गया. इससे भारतीय खेलजगत में शोक की लहर व्याप्त है. पीके बनर्जी ऐसे शख्सियत थे, जो सिर्फ फुटबॉलरों ही नहीं, दूसरे खेल के खिलाड़ियों को भी प्रेरित करते थे. सौरव गांगुली ने माना कि बनर्जी का उनके करियर पर बड़ा प्रभाव था. सचिन तेंदुलकर, बाईचुंग भूटिया, श्याम थापा से लेकर तमाम दिग्गज खिलाड़ियों ने पीके बनर्जी के निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है.
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पीके बनर्जी के निधन पर शोक जताया. उन्होंने ट्वीट किया, "आज मैंने एक बेहद करीबी इंसान को खो दिया.. ऐसे इंसान को जिसको मैं बेहद प्यार करता था और सम्मान देता था. मैं जब 18 साल का था तब से उनका मेरे करियर पर काफी प्रभाव रहा है. उनकी सकारात्मकता बहुत बड़ी बात थी. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.. इस सप्ताह दो करीबी लोगों को खो दिया." पीके बनर्जी का शुक्रवार को सीने में संक्रमण के कारण 83 साल की उम्र में निधन हो गया.
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, पूर्व फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया, सुब्रत भट्टाचार्य और भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने भी पीके बनर्जी के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है. तेंदुलकर ने ट्वीट किया, "भारत के महान फुटबाल खिलाड़ी पीके बनर्जी के निधन पर उनको श्रद्धांजलि. उनसे मुलाकात की और उन्होंने जो सकारात्मकता मुझे दी उसकी मेरे पास शानदार यादें हैं."
Lost a very dear person today .. someone who I loved and respected enormously.. someone who had so much influence in my career when I was a 18 year old boy .. his positivity was infectious .. may his soul rest in peace .. lost two vry dear persons ths week https://t.co/unRE125C9w
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) March 20, 2020
वहीं सुनील छेत्री ने लिखा, "मैं बनर्जी के निधन पर उनके परिवार साथ ही साथ भारतीय फुटबाल को अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं. वे हर तरीके से मार्गदर्शक थे और उनकी उपलब्धियां हमेशा भारतीय फुटबाल के इतिहास में रहेंगी."
बाईचुंग भूटिया ने कहा, "वे बेहद शानदार इंसान थे. काफी खुश शख्सियत और मेरे लिए मेरे पिता समान. मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने अपने सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक उनके मागदर्शन में खेला. उनका जाना भारतीय फुटबाल के लिए बड़ा नुकसान है. वह भारत के महानतम खिलाड़ी और प्रशिक्षकों में हैं." 1997 फेडरेशन कप के सेमीफाइनल में कोच बनर्जी की ईस्ट बंगाल ने मोहन बागान को 4-1 से हरा दिया था. 1,31,000 दर्शकों के सामने खेले गए इस मैच में भूटिया ने हैट्रिक लगाई थी.
भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व डिफेंडर सुब्रत भट्टाचार्य ने कहा कि बनर्जी ने ही उन्हें पेले जैसे दिग्गज फुटबालर के खिलाफ खेलना सिखाया और वो स्टार बनाया जो वो बनना चाहते थे. सुब्रत ने कहा, "उन्होंने हमें वो सिखाया जो किसी और ने नहीं सिखाया. एक खिलाड़ी और कोच के तौर पर प्रदीप दा का भारतीय फुटबाल में योगदान अतुलनीय है और मुझे इस बात को कहने की जरूरत नहीं है."
बनर्जी, मोहन बागान की उस टीम के कोच थे जिसने पेले की टीम न्यूयार्क कोस्मोस को 2-2 से ड्रॉ पर रोक दिया था. सुब्रता उस मोहन बागान टीम के कप्तान थे. इस टीम में शिबाजी बनर्जी, प्रसून बनर्जी, गौतम सरकार, बिदेश बोस, श्याम थापा और प्रदीप चौधरी थे.