12 साल बाद भारत पर मंडराया अपने ही घर में टेस्ट सीरीज हारने का खतरा, बदलने जा रहा इतिहास!
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12 साल बाद भारत पर मंडराया अपने ही घर में टेस्ट सीरीज हारने का खतरा, बदलने जा रहा इतिहास!

IND vs NZ 2nd Test: टीम इंडिया पर 12 साल बाद अपने ही घर में टेस्ट सीरीज हारने का खतरा मंडरा रहा है. पुणे में खेले जा रहे 'करो या मरो' के टेस्ट मैच में भारतीय टीम की हालत बेहद खराब है. पुणे की टर्निंग पिच पर भारत की पहली पारी 156 रन पर सिमट गई.

12 साल बाद भारत पर मंडराया अपने ही घर में टेस्ट सीरीज हारने का खतरा, बदलने जा रहा इतिहास!

IND vs NZ 2nd Test: टीम इंडिया पर 12 साल बाद अपने ही घर में टेस्ट सीरीज हारने का खतरा मंडरा रहा है. पुणे में खेले जा रहे 'करो या मरो' के टेस्ट मैच में भारतीय टीम की हालत बेहद खराब है. पुणे की टर्निंग पिच पर भारत की पहली पारी 156 रन पर सिमट गई. टीम इंडिया की तरफ से रवींद्र जडेजा ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाए. न्यूजीलैंड की तरफ से मिचेल सेंटनर ने सबसे ज्यादा 7 विकेट झटके. ग्लेन फिलिप्स ने 2 विकेट और टिम साउदी ने 1 विकेट झटका. न्यूजीलैंड की टीम ने इसी के साथ ही पहली पारी के आधार पर 103 रन की बढ़त हासिल की है. इससे पहले टॉस जीतकर न्यूजीलैंड की टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 259 रन बनाए थे.

टीम इंडिया की वापसी लगभग नामुमकिन

पहली पारी के आधार पर न्यूजीलैंड के पास 103 रन की बढ़त है. पुणे की टर्निंग पिच पर 200 रन का टारगेट भी मैच जीतने के लिए काफी है. न्यूजीलैंड की टीम अगर अपनी दूसरी पारी में 200 रन भी बनाती है तो भारत के सामने जीत के लिए कम से कम 303 रन का टारगेट होगा. पुणे की टर्निंग पिच पर 250 से लेकर 300 रन तक का लक्ष्य हासिल करना भी पहाड़ चढ़ने के बराबर होगा. यहां से अब टीम इंडिया की वापसी लगभग नामुमकिन नजर आ रही है.

भारत पर मंडराया अपने ही घर में टेस्ट सीरीज हारने का खतरा

न्यूजीलैंड की टीम 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से आगे है. भारत अगर पुणे में दूसरा टेस्ट मैच भी हार गया तो वह साल 2012 के बाद अपने ही घर में पहली बार कोई टेस्ट सीरीज गंवा देगा. भारतीय सरजमीं पर इंग्लैंड ने टीम इंडिया के खिलाफ साल 2012 में खेली गई चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी. साल 2012 में खेली गई टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के बल्ले पर अंकुश लगाए रखा. उस टेस्ट सीरीज में ज्यादातर मौकों पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के फ्लॉप होने से भारतीय टीम को नुकसान झेलना पड़ा था.

एलिस्टेयर कुक का कारनामा फिर दोहराया जाएगा

वहीं, इंग्लैंड की तरफ से तत्कालीन कप्तान एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन रनों की बरसात कर रहे थे. एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन ने उस सीरीज में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को बेअसर साबित कर दिया था. न्यूजीलैंड की मौजूदा टीम भी इंग्लैंड का वह साल 2012 वाला कारनामा दोहराने के करीब है. न्यूजीलैंड के स्पिन गेंदबाजों ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को इस सीरीज में अभी तक साधारण बल्लेबाज साबित किया है. इसके बाद पूरा दबाव उन बल्लेबाजों पर आ गया जो टर्निंग पिचों पर ज्यादा रन बनाने का अनुभव नहीं रखते हैं. पुणे की टर्निंग पिच रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और विराट कोहली जैसे बल्लेबाज कीवी स्पिनरों के खिलाफ जूझते नजर आए हैं. यहां से भारत की टेस्ट सीरीज में हार लगभग तय नजर आ रही है. पुणे टेस्ट मैच जीतकर न्यूजीलैंड की टीम तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना सकती है.

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