दिल्ली के चयनकर्ताओं ने रणजी सत्र के लिए टीम में मनजोत कालरा का चयन यह कहते हुए नहीं किया था कि अंडर-19 टीम को उनकी ज्यादा जरूरत हैं.
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नई दिल्ली: भारत ने 'मैन ऑफ द मैच' सलामी बल्लेबाज मनजोत कालरा की शतकीय पारी की बदौलत बे ओवल मैदान पर आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर चौथी बार खिताब अपने नाम किया. इस टूर्नामेंट में खिताबी जीत के साथ टीम इंडिया और खिलाड़ियों ने भी कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. मैच के 'हीरो' रहे मनजोत कालरा ने फाइनल में शतकीय पारी खेली और इसी के साथ वर्ल्ड कप के खास क्लब में भी शामिल हो गए.
ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 217 रनों के लक्ष्य को भारत ने मनजोत कालरा के नाबाद 101 रनों की बदौलत 38.5 ओवरों में आठ विकेट रहते ही हासिल कर लिया. कालरा के अलावा भारत के लिए शुभमन गिल ने 31 और विकेटकीपर हार्विक देसाई ने 47 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया खिताबी मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 47.2 ओवरों में 216 रनों पर सिमट गई. ऑस्ट्रेलिया के लिए जोनाथन मेर्लो ने 76 और परम उप्पल ने 34 रनों का योगदान दिया.
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बता दें कि आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में अभी तक केवल पांच बल्लेबाज ही शतक जड़ने का कारनामा कर चुके हैं. इस एलीट क्लब अब तक सिर्फ एक ही भारतीय का नाम शामिल था, लेकिन अंडर-19 वर्ल्ड कप 2018 के फाइनल मैच मनजोत कालरा शतक जड़कर इस क्लब में शामिल हो गए हैं. मनजोत से पहले इस क्लब में भारतीय खिलाड़ी उनमुक्त चंद का नाम शामिल था.
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उनमुक्त चंद ने 2012 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 111 रनों की पारी खेली थी.
अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में शतक जड़ने वाले बल्लेबाज:
108 ब्रेट विलियमसन, ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान (1988)
107 स्टीफन पीटर, इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड (1998)
100* जारद बर्क, ऑस्ट्रेलिया बनाम साउथ अफ्रीका (2002)
111* उन्मुक्त चंद, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (2012)
101* मनजोत कालरा, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (2018)
ऐसे बने 'शतकवीर'
आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को कप्तान पृथ्वी शॉ (29) और कालरा ने मजबूत शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी हुई. इस बीच हालांकि बारिश भी आई, लेकिन उसका असर मैच पर नहीं पड़ा. कप्तान पृथ्वी को विल सदरलैंड ने बोल्ड कर भारत को पहला झटका दिया. उनके जाने के बाद मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए शुभमन गिल ने कालरा का साथ दिया और टीम का स्कोर 131 तक पहुंचा दिया. यहीं गिल उप्पल की गेंद पर क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौट लिए.
कालरा को फिर देसाई का साथ मिला और यहां से दोनों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 89 रनों की साझेदारी करते हुए भारत को विश्व विजेता बनाया और ऑस्ट्रेलिया के सपने को चकनाचूर कर दिया. कालरा ने अपनी नाबाद पारी में 102 गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके और तीन छक्के जड़े.
मैच खत्म होने के बाद कालरा ने मीडिया से कहा, "मैंने लुत्फ उठाया. यहां की परिस्थति अच्छी है. बल्लेबाजी के लिए मुश्किल विकेट नहीं है. यह पाटा और अच्छी विकेट है. उन्होंने कहा, "टीम के भीतर अच्छा माहौल है. मैंने इसका लुत्फ उठाया."
Manjot Kalra played the innings of his life to help guide India to #U19CWC glory! pic.twitter.com/E0U7ojRbPS
— ICC (@ICC) February 3, 2018
Manjot Kalra became the fifth batsman to score a century in a #U19WCFinal. We look at how the other four fared https://t.co/J1NWSTZp98 pic.twitter.com/3R9NqUMrXI
— Cricket World Cup (@cricketworldcup) February 3, 2018
मनजोत मुश्किल हालत से निकल कर बने टीम के 'हीरो'
दिल्ली के क्रिकेट में एक कहावत है कि आप तभी सफल हो सकते है जब व्यवस्था आपके खिलाफ होती है और अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में 'मैन ऑफ द मैच रहे' मनजोत कालरा इसके सटीक उदाहरण है. दिग्गज वीरेन्द्र सहवाग से विराट कोहली तक सब की दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से जूनियर या सीनियर स्तर पर कोई ना कोई शिकायत जरूर रही है. कोहली ने यहां तक कहा था कि वह उस वक्त काफी निराश हुए थे, जब रनों का अंबार लगने के बाद भी दिल्ली अंडर-15 टीम में उनका चयन नहीं हुआ था.
मनजोत कालरा पर लगा था धोखाधड़ी का आरोप
सहवाग और गौतम गंभीर को भी डीडीसीए प्रशासन से परेशानी हुई है. कालरा का मामला भी ज्यादा अलग नहीं है, उन पर उम्र संबंधी धोखाधड़ी का आरोप लगा. कुछ अभिभावकों ने डीडीसीए प्रशासक सेवानिवृत न्यायाधीश विक्रमजीत सेन से मनजोत के खिलाफ शिकायत की. डीडीसीए के एक धड़े ने कई जूनियर क्रिकेटरों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जिसमें मनजोत का भी नाम था.
हालांकि, इससे पहले बीसीसीआई ने उनका आयु-सत्यापन परीक्षण करा लिया था जिसमें वह सफल रहे. दिल्ली अंडर-19 टीम में चयन के लिए उनसे फिर से चिकित्सा रिपोर्ट देने के लिए कहा गया जबकि वह भारत के अंडर-19 विश्व कप टीम के संभावितों में शामिल थे.
दिल्ली के चयनकर्ताओं ने रणजी में नहीं किया था सलेक्शन
इसके बाद दिल्ली के चयनकर्ताओं ने रणजी सत्र के लिए टीम में उनका चयन यह कहते हुए नहीं किया कि अंडर-19 टीम को उनकी ज्यादा जरूरत हैं. यह ऐसा समय था जब अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी रणजी मैच खेले.
भारत चौथी बार बना विश्वविजेता
भारत ने चौथी बार अंडर-19 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है. इससे पहले वह, 2000 में मोहम्मद कैफ की कप्तानी में, 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में और 2012 में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में विश्व विजेता बन चुका है. वहीं भारत ने लगातार दूसरी बार फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दी. 2012 में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को मात देते हुए खिताबी जीत हासिल की थी.