1981 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के कप्तान गावस्कर ने भी अंपायर के फैसले से नाराज होकर अपने साथी खिलाड़ी चेतन चौहान को मैदान से बाहर चलने को कहा था.
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नई दिल्ली: निडास ट्रॉफी में बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ हुए रोमांचक मुकाबले में मेहमान टीम ने मेजबान टीम को 2 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया. बांग्लादेश को जीतने के लिए दो गेंदों में छह रन चाहिए थे. पांचवीं गेंद पर महामुदुल्लहा ने छक्का मार अपनी टीम को जीत दिलाई. बांग्लादेश की टीम ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया और फाइनल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही. बांग्लादेश का मुकाबला फाइनल में रविवार को भारत से है. मैच जीतने के बाद बांग्लादेश के खिलाड़ियों ने पहले मैदान पर नागिन डांस किया और फिर ड्रेसिंग रूम के शीशे भी तोड़े. इसके अलावा कप्तान शाकिब उल हसन ने भी मैच के दौरान कुछ ऐसा किया, जिससे बांग्लादेश के टीम के खिलाड़ियों की हर ओर आलोचना हो रही है.
श्रीलंका क्रिेकेट ने बांग्लादेशी खिलाड़ियों के आचरण पर खेद जताया है. श्रीलंका क्रिकेट के प्रमुख थिलंगा सुमतिपाला ने टी-20 मैच के दौरान बांग्लादेश के खिलाड़ियों के बर्ताव को‘‘ अफसोस जनक और अस्वीकार्य’’ करार दिया.
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दरअसल, मैच के अंतिम ओवर में अंपायरों के फैसले से खफा शाकिब पवेलियन से उतरकर सीमा रेखा के पास पहुंच गए और उन्होंने अपने बल्लेबाजों को वापस लौटने का इशारा किया. बांग्लादेश के खिलाड़ियों ने दावा किया कि पारी के अंतिम ओवर में जब जीत के लिए12 रन चाहिए थे. मैदानी अंपायरों ने इसुरू उदाना की जान बूझकर की गयी लगातार दूसरी शार्ट पिच गेंद को नोबॉल नहीं दिया.
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इन दोनों गेंद पर कोई रन नहीं बना और बांग्लादेश का एक खिलाड़ी रन आउट हो गया. सुमतिपाला ने कहा, ‘‘अंपायर के फैसले के खिलाफ ऐसा आचरण कहीं से स्वीकार्य नहीं है और यह खेदजनक है.’’
शाकिब उल हसन के इस व्यवहार की आलोचना टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी की है. सुनील गावस्कर की इस आलोचना से एक क्रिकेट फैन काफी नाराज हो गया है. इस शख्स ने गावस्कर का 37 साल पुराना एक वीडियो शेयर करते हुए उनके कुछ याद दिलाया है. दरअसल, 1981 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के कप्तान गावस्कर ने भी अंपायर के फैसले से नाराज होकर अपने साथी खिलाड़ी चेतन चौहान को मैदान से बाहर चलने को कहा था.
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इस शख्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है- सुनील गावस्कर से इतिहास को सीखना चाहिए. यह दोहरी मानसिकता वाली सोच है. मुझे लगता है कि शाकिब उल हसन की आलोचना से पहले सुनील जी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.
#banvsl lets learn history from sunil gavaskar. What a double standard approach!!!! I think, suni ji should bear in mind before critics sakib al hasan. #NidahasTrophy #NidahasTrophy2018 @ICC @sanjaymanjrekar @ pic.twitter.com/I8b5Fk1lql
— Ashik ahmed galib (@ashikgalib) March 17, 2018
बता दें कि 1981 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट मैच के दौरान टीम के कप्तान सुनील गावस्कर को अंपायर ने एलबीडब्ल्यू आउट दिया था. गावस्कर इस बात से काफी खफा हो गए थे. उन्हें लग रहा था कि गलत आउट दिया गया है, लेकिन अंपायर ने अपना फैसला नहीं बदला. ऐसे में नाराज गावस्कर ने अपने साथ बल्लेबाजी कर रहे चेतन चौहान को मैच छोड़कर अपने साथ चलने के लिए कहा था.
चेतन चौहान भी उनके साथ चल दिए थे, लेकिन उन्हें बाउंड्री लाइन पार नहीं की थी, इसलिए यह मुकाबला जारी रहा. इस मुकाबले में भी भारतीय टीम ने 143 रन के मामूली से लक्ष्य को डिफेंड करते हुए जीत हासिल की थी.