'विराट ही नहीं बीसीसीआई को भी पसंद नहीं थे कुंबले, इसीलिए जाना पड़ा'
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'विराट ही नहीं बीसीसीआई को भी पसंद नहीं थे कुंबले, इसीलिए जाना पड़ा'

अब इस बात का खुलासा हुआ है कि सिर्फ विराट कोहली ही नहीं बल्कि बीसीसीआई भी चाहती थी कि कुंबले को टीम के कोच पद से हटा दिया जाए.

कुंबले के हटने के बाद रवि शास्त्री को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था. फाइल फोटो

नई दिल्ली : टीम इंडिया के सबसे विवादित पलों में से एक अनिल कुंबले की टीम के कोच के पद से विदाई है. उन्हें जितनी धूमधाम से टीम के साथ जोड़ा गया था, उतनी बेकदरी से उन्हें टीम से रुखसत होना पड़ा. जाहिर अनिल कुंबले जैसे खिलाड़ी के साथ जब ये सब कुछ हुआ तो क्रिकेट फैंस को ये बात कतई रास नहीं आई. तब यह कहा गया कि ये सब विराट कोहली की इच्छा के अनुसार हुआ. उनकी इच्छा के आगे ही बीसीसीआई को भी झुकना पड़ा और दुनिया के महान स्पिनरों में शामिल कुंबले को टीम से निकलना पड़ा.

  1. पहले दो साल के लिए कोच बने थे अनिल कुंबले
  2. सचिन, सौरव और लक्ष्मण की टीम ने उन्हें चुना था
  3. एक साल बाद ही पद से हटना पड़ा था कुंबले को

अब इस बात का खुलासा हुआ है कि सिर्फ विराट कोहली ही नहीं बल्कि बीसीसीआई भी चाहती थी कि कुंबले को टीम के कोच पद से हटा दिया जाए. इतना ही नहीं पहले उनका कॉन्ट्रेक्ट दो साल के लिए हुआ था, लेकिन उन्हें एक साल के भीतर ही उनके पद से हटा दिया गया.  

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इस बात पर मुहर लगाई है सीओए प्रमुख विनोद राय ने. उन्होंने यहां दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान इस बात का खुलासा किया. भारतीय टीम के कोच के चयन के दौरान हुए विवाद के बारे में उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से बीसीसीआई में ऐसा कोई तंत्र नहीं है कि एक कोच की नियुक्ति कैसे की जानी चाहिए. लेकिन मुझे लगता है कि सीएसी का गठन करने का कदम अच्छा है.  

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अनिल कुंबले को कुछ समय के लिये भारतीय टीम कोच बनाया गया, लेकिन इसके बाद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने रवि शास्त्री की नियुक्ति की. उन्होंने कहा, तीन महान खिलाड़ियों ने पिछले साल कोच का चयन किया. उन्होंने ऐसे व्यक्ति का चयन किया जो दुर्भाग्य से बीसीसीआई को स्वीकार्य नहीं था. सीएसी ने उनकी दो साल के लिये सिफारिश की थी, लेकिन फिर बीसीसीआई ने कहा, ‘नहीं नहीं’, यह एक साल के लिये था.

महिला खिलाड़ियों की फीस दोगुनी की
राय ने यह भी कहा कि भारत अगले साल से महिलाओं की इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘डायना एडुल्जी (सीओए सदस्य), मिताली राज और झूलन गोस्वामी के साथ हमने टूर्नामेंट की योजना तैयार की है, जो आप महिला क्रिकेट या फिर आप एक आईपीएल के रूप में भी देख सकते हो.’ राय ने कहा, ‘‘महिला क्रिकेटरों की मैच फीस भी हमने पिछले तीन महीनों में दोगुनी कर दी है.’ राय ने यह भी कहा कि सीओए ने पूर्व सदस्य रामचंद्रन गुहा द्वारा उठाये गये हितों के टकराव के संबंध में अपनी सिफारिशें सौंप दी है.

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