दिनोंदिन 'विराट' हो रहे कप्तान कोहली, ये हैं उनकी टॉप 5 जीत
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दिनोंदिन 'विराट' हो रहे कप्तान कोहली, ये हैं उनकी टॉप 5 जीत

भारतीय कप्तानों में विराट कोहली से अधिक टेस्ट जीत सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी के नाम दर्ज हैं, जिनकी अगुआई में टीम इंडिया ने 60 मैच खेले जिसमें से 27 में उसे जीत जबकि 18 में हार मिली और 15 मैच ड्रॉ रहे. 

कप्तानी के इस रिकॉर्ड में विराट ने सौरव गांगुली को पीछे छोड़ा (PIC : PTI)

नई दिल्ली: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को बेशक टेस्ट टीम की कमान संभाल तीन साल से कुछ ज्यादा ही समय हुआ है, लेकिन इन सालों में उन्होंने अपनी और टीम की विश्व क्रिकेट में जो जगह बनाई है, वह अद्भुत है. कप्तान के रूप में अब उनकी तुलना रिकी पोन्टिंग, स्टीव वॉ और सौरव गांगुली जैसे महान कप्तानों से होने लगी है. विराट कोहली ने नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट में 203 रन की जीत के साथ भारत के सबसे सफल कप्तानों की सूची में सौरव गांगुली को पछाड़कर दूसरे स्थान पर पहुंच गए. भारत ने तीसरे क्रिकेट टेस्ट में इंग्लैंड को 203 रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज में स्कोर 1-2 कर दिया है. कोहली के नेतृत्व में यह भारत की 22वीं जीत है. उन्होंने अब तक 38 मैचों में टीम की अगुआई की है जिसमें से भारत को सात में हार मिली जबकि नौ मैच ड्रॉ रहे.

भारतीय कप्तानों में विराट कोहली से अधिक टेस्ट जीत सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी के नाम दर्ज हैं, जिनकी अगुआई में टीम इंडिया ने 60 मैच खेले जिसमें से 27 में उसे जीत जबकि 18 में हार मिली और 15 मैच ड्रॉ रहे. कोहली और धोनी के अलावा भारत ने सिर्फ गांगुली के नेतृत्व में 20 से अधिक जीत दर्ज की हैं. भारत ने गांगुली की कप्तानी में 49 मैच खेले जिसमें से 21 में उसे जीत जबकि 13 में हार मिली और 15 मैच बराबरी पर छूटे.

विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में परंपरा के अनुसार स्पिनरों का शानदार इस्तेमाल किया. विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में अब तक मिली पांच बड़ी जीतों पर नजर डालते हैः 

नॉटिंघम में इंग्लैंड को 203 रनों से हराया (2018)
वर्तमान सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद भारत ने शानदार वापसी की. कोहली ने पहली पारी में 97और दूसरी पारी में 103रन बनाए. दूसरी पारी में ही पुजारा ने शॉनदार 81 रनों की पारी खेली. भारत ने इंग्लैंड को 521 रनों का लक्ष्य दिया. इंग्लैंड की ओर से जोस बटलर और बेन स्टोक्स ने काफी संघर्ष किया. इसके बाद आदिल राशिद ने भी लड़ने का जज्बा दिया. मैच पांचवें दिन तक खिंचा. भारत को जीत के लिए केवल एक विकेट लेनी थी. और मैच के पांचवें दिन अश्विन ने अंतिम विकेट लेकर टीम इंडिया को जीत दिला दी. टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 203 रनों से हाराया.

कोलंबो में श्रीलंका को 117 रनों से हराया (2015)
कप्तान के रूप में कोहली के यह पहली टेस्ट सीरीज थी. सीरीज 1-1 से बराबर थी. भारत के पास मौका था कि 22 साल में पहली बार श्रीलंका में सीरीज जीत सके. साथ ही उनके भीतर हमेशा की ही तरह सीरीज हारने का डर भी था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 312 रन बनाए. चेतेश्वर पुजारा ने 145 रन की पारी खेली. ईशांत शर्मा, उमेश यादव और स्टुअर्ट बिनी की शानदार गेंदबाजी की बदौलत श्रीलंका की टीम 201 रन पर ढेर हो गई. भारत की दूसरी पारी में श्रीलंका ने वापसी की और टीम इंडिया के 4 विकेट पर 64 रन हो गए. लेकिन मध्यक्रम और निचले बल्लेबाजों ने टीम की लीड को 386 रनों तक पहुंचा दिया. चौथी पारी में कप्तान एंजेले मैथ्यूज ने शानदार 110रन बनाए लेकिन वह अपनी टीम को हार से नहीं बचा पाए. श्रीलंका 117 रनों से मैच हार गई. 

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दिल्ली में दक्षिण अफ्रीका को 337 रनों से हराया (2015)
भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह सीरीज पहले ही जीत चुका था. 2-0 से लीड लेने के बाद यह सवाल था कि क्या भारत अंतिम टेस्ट मैच जीत कर क्लीन स्वीप कर सकता है. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 334 रन बनाए. अजिंक्य रहाणे ने शानदार शतक जमाया. जवाब में अफ्रीका की टीम केवल 121 रन बना सकी. रहाणे के दूसरी पारी में लगाए गए शतक की बदौलत भारत ने 481 रनों की लीड ले ली और एशियाई ट्रेक पर छह सेशन बिताना आसान काम नहीं था. एबी डिविलियर्स ने छह घंटे बल्लेबाजी की और हाशिम अमला ने पांच घंटे, लेकिन रविचंद्रन अश्विन ने डिविलियर्स को आउट करके संघर्ष समाप्त कर दिया. भारत यह टेस्ट 337 रनों से जीत गया.
 
बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया को 75 रन से हराया (2017)
पहला टेस्ट 333 रनों से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया को भारत दौरे की सबसे कमजोर टीम बताया गया था. भारत दूसरे टेस्ट के लिए तैयार था. भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट केवल 33रन पर खो दिए थे, लेकिन अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा ने बिना विकेट गिरे दो सेशन गुजारे. दोनों के बीच लगभग राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसी भागीदारी हुई. ऑस्ट्रेलिया को चौथी पारी में जीत के लिए 188 रन बनाने थे. 3 विकेट पर ऑस्ट्रेलिया 74 रन बना चुका था. इसी समय कोहली उमेश यादव को गेंदबाजी के लिए लाए और अंतिम छह विकेट ऑस्ट्रेलिया ने केवल 38 रनों पर खो दिए. भारत यह टेस्ट 75 रनों से जीत गया. 

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जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका को 63 रनों से हराया (2018)
दो नजदीकी मुकाबले हारने के बाद भारत सीरीज में 2-0 से पीछे था. यानी टीम इंडिया यह सीरीज गंवा चुकी था. अब केवल सम्मान बचाने की लड़ाई थी. वांडर्स की पिच पर भारत केवल 187 रन बना पाया. अगर भुवनेश्वर कुमार ने 30 रन न बनाए होते तो भारत का स्कोर और भी कम होता. जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार ने अफ्रीका को जल्द आउट करके मैच में भारत को बनाए रखा. दूसरी पारी में कप्तान विराट कोहली ने अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर शानदार पारी खेली. भारत ने दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 241 रनों का लक्ष्य दिया. एक समय दक्षिण अफ्रीका 1 विकेट खोकर 124 रन बना चुका था, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की. अंतिम 8 बल्लेबाज केवल 22 रन बनाकर आउट हो गए और भारत ने यह टेस्ट 63 रन से जीत लिया.

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