इंग्लैंड में यार्कशायर के काउंटी क्रिकेट खेलने वाले भारत के चेतेश्वर पुजारा ने हाल ही में काउंटी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. यार्कशायर के निदेशक ने कहा है कि इसकी वजह उनकी तकनीक नहीं है
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नई दिल्ली : काफी लंबे समय से टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे की चर्चा हो रही थी. सबसे ज्यादा बातें टीम इंडिया के इस दौरे के लिए तैयारियों की हुई. चेतेश्वर पुजारा अप्रैल से ही इंग्लैंड में रहे और यार्कशायर के लिए काउंटी मैच भी खेले लेकिन उनका प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा. इसके बाद वे इंग्लैंड की स्थानीय टीम एसेक्स के खिलाफ भी पहली पारी में केवल 1 रन और दूसरी पारी में केवल 23 रन बनाकर आउट हो गए. इस निराशाजनक प्रदर्शन से पुजारा की काफी आलोचना हो रही है. उनके बचाव में उनकी काउंटी टीम यार्कशायर के निदेशक मार्टिन मोक्सोन आए हैं.
टीम इंडिया की आधुनिक दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा के बारे में कहा जा रहा था कि वे टेस्ट सीरीज में सबसे मजबूत बल्लेबाज माने जा रहे थे. इसकी वजह उनका पुराना रिकॉर्ड ही नहीं बल्कि काफी समय से इंग्लैंड में होना (अफगानिस्तान टेस्ट को छोड़कर) भी माना जा रहा था. जब पुजारा ने यार्कशायर से करार किया तब कहा जा रहा था कि पुजारा को इसका टेस्ट सीरीज में बहुत फायदा मिलेगा.
भारत के लिए अब केवल टेस्ट क्रिकेट ही खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा टेस्ट सीरीज से एक हफ्ते पहले ही एसेक्स के खिलाफ हुए अभ्यास मैच में नाकाम रहे. इससे उनके टेस्ट सीरीज में बढ़िया प्रदर्शन करनी की संभावनाओं को गहरा झटका लगा. करीब एक महीने इंग्लैंड में यार्कशायर के लिए खेलते हुए पुजारा 12 पारियों में 14.33 के औसत से केवल1 72 रन बना सके.
पुजारा की काउंटी टीम यार्कशायर के निदेशक मार्टिन मोक्सोन ने इंडियन एक्प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में पुजारा के निराशाजनक प्रदर्शन पर उनका एक तरह से बचाव करते दिखे. मोक्सोन का मानना है कि इस प्रदर्शन के पीछे पुजारा की कोई तकनीक में खामी नहीं है. मोक्सोन ने माना कि पुजारा उनकी या लोगों की उम्मीदों के मुताबिक रन नहीं बना सके, लेकिन वास्तव में उन्होंने हमारे लिए 50 ओवर मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया. शुरुआत में कुछ बदकिस्मत एलबीडब्ल्यू और रनआउट के बावजूद वे सीजन में अपनी लय पाने से दूर नहीं रह सके. जब शुरू में वे खेल रहे थे तब काफी बारिश हुई थी और पिचें सीमर्स के लिए मददगार थीं. ईमानदारी से कहूं तो ऐसे में किसी भी बल्लेबाज के लिए खेलना आसान नहीं था. उनके स्कोर न कर पाने के पीछे कारण हैं. जिन पिचों पर वे खेले वे काफी ट्रिकी थीं.
पुजारा के आउट होने के अंदाज के बारे में सवाल पर मोक्सोन ने कहा कि उनकी तकनीक में कोई खामी नहीं थी. उनका संतुलन और अलाइन्मेंट इस बार काफी बढ़िया रहा. उन्होंने खेल के लिए काफी मेहनत की. इस लिहाज से वे आदर्श रहे. जब भी लगा वे बढ़िया करेंगे वे आउट हो गए. वे उतने ही निराश थे जितने कि हम हुए, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं थी कि जिससे उनकी तकनीक में कोई चिंता की जाए.चाहे जल्दी आउट होने की बात हो या स्कारब्रो के खिलाफ 42 गेंदों के बाद खाता खोलने के बाद आउट होने की बात हो, मोक्सोन ने कहा कि इन सबके लिए तकनीक नहीं बल्कि कंडीशन्स जिम्मेदार थीं.
क्यों चुने गए थे पुजारा काउंटी में
इस सवाल के जवाब में कि पिछले कुछ समय से पुजारा फॉर्म में नहीं हैं, क्या आपको उनकी बल्लेबाजी के बारे में चिंतित करता है, मोक्सोन ने कहा कि पुजारा को टीम में रखने का मकसद एक यह भी था कि गेंदबाज को उनका विकेट कमाना पड़ेगा. वे आसानी से अपना विकेट नहीं फेंकते हैं. काफी बल्लेबाज आजकल आक्रमक होते हैं, लेकिन आक्रमक होने और लापरवाह होने की लकीर बड़़ी महीन है. लेकिन पुजारा के बारे में यही मुझे बहुत पसंद है कि वे अपने विकेट की कीमती बना देते हैं. उनकी बल्लेबाजी के अंदाज के कारण ही हमने उन्हें चुना था.