युवराज के करिअर पर संकट के बादल, यो यो टेस्ट में फेल, अश्विन और पुजारा पास
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युवराज के करिअर पर संकट के बादल, यो यो टेस्ट में फेल, अश्विन और पुजारा पास

अभी हाल में हुए यो यो टेस्ट में युवराज सिंह फेल हो गए हैं. वहीं चेतेश्वर पुजारा और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पास हो गए हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : टीम इंडिया के सबसे शानदार खिलाड़ियों में शुमार युवराज सिंह की टीम में वापसी को लेकर संदेह के बादल और गहरे होते जा रहे हैं. कारण है वह फिटनेस टेस्ट, जिसमें युवराज सिंह फेल हो गए हैं. जब से वह कैंसर से  लड़कर टीम में वापस लौटे, उनकी जगह कभी भी स्थाई रूप से पक्की नहीं हो पाई. इस दौरान वह कई बार अंदर बाहर होते रहे. बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकादमी में अभी हाल में यो यो टेस्ट हुआ. इस टेस्ट में युवराज सिंह फेल हो गए हैं, वहीं टीम इंडिया के मध्यक्रम के मजबूत बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पास हो गए हैं.

  1. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले हुए टेस्ट में भी फेल हुए थे युवी
  2. बेंगलुरु की क्रिकेट अकादमी में हुआ था ये टेस्ट
  3. रविचंद्रन अश्विन ने अपने पास होने की खुशी ट्विटर पर शेयर की

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले मंगलवार को कई खिलाड़ियों का फिटनेस टेस्ट हुआ था. इस फिटनेस टेस्ट को पास करने में युवराज सिंह  नाकाम रहे. इससे पहले भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीरीज से पहले जब टीम का सिलेक्शन हुआ था, उस समय युवराज और सुरेश रैना इस टेस्ट को पास नहीं कर पाए थे, जिसके कारण उनका टीम इंडिया में चयन नहीं हो पाया था. युवराज सिंह अब पंजाब की ओर से रणजी मैच खेल सकते हैं. ये मैच 14 अक्टूबर को शुरू होगा.

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वहीं दूसरी ओर टीम से बाहर चल रहे रविचंद्रन अश्विन ने इस टेस्ट को पास कर लिया है. उन्होंने इस बात का ऐलान ट्विटर पर किया. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि बेंगलुरु की ट्रिप काफी अच्छी रही, यो-यो टेस्ट को 'डन एंड डस्टड' कर दिया है.

क्या है यो-यो टेस्ट
टीम इंडिया के लिए खिलाड़ियों की फिटनेस को परखने के लिए यो यो टेस्ट की शुरुआत 2012 में श्रीलंका दौरे के समय की गई. हालांकि 2009 में एक फिटनेस टेस्ट होता था, लेकिन उसमें बीप का इस्तेमाल नहीं होता था. इसी टेस्ट को और इंप्रूव कर यो यो टेस्ट किया गया.  इस टेस्ट में कई 'कोन' की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं. खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है. निर्देश मिलते ही वह दौड़ना शुरू करता है. खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है तो उसने मुड़ना होता है. हर एक मिनट में तेजी बढ़ती जाती है. अगर समय पर सीमा रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और 'बीप' के बीच में तेजी पकड़नी होती है. अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो परीक्षण रोक दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं.

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