CWG : सिंधू की मां और सायना के पिता तो जाएंगे, लेकिन उनका खर्च नहीं उठाएगी सरकार
Advertisement

CWG : सिंधू की मां और सायना के पिता तो जाएंगे, लेकिन उनका खर्च नहीं उठाएगी सरकार

खेल मंत्रालय ने अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सोमवार को 221 खिलाड़ियों सहित 325 सदस्यीय भारतीय दल को भेजने की अनुमति दी है.

यह स्पष्ट नहीं था कि सिंधू और सायना के माता पिता के जाने का खर्चा कौन उठाएगा. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सोमवार को 221 खिलाड़ियों सहित 325 सदस्यीय भारतीय दल को भेजने की अनुमति दी. इस सूची से भारतीय ओलंपिक संघ( आईओए) द्वारा नामित दो सदस्यों के नाम हटा दिए गए हैं.  खिलाड़ियों के अलावा भारतीय दल 104 गैर खिलाड़ी शामिल हैं जिसमें 58 कोच, सात मैनेजर, 17 चिकित्सक एवं फिजियोथेरेपिस्ट और 22 अन्य अधिकारियों के नाम हैं. सरकार 221 खिलाड़ियों के अलावा कुल 89 लोगों (54 कोच, 16 चिकित्सक एवं फिजियोथेरेपिस्ट और 19 अन्य अधिकारी) का खर्च वहन करेगी.

  1. मंत्रालय ने 221 एथलीट और 104 अधिकारियों के नाम मंजूर किए
  2. सिंधू की मां और सायना के पिता का खर्च वहन नहीं करेगी सरकार
  3. खेल महासंघों को बाकी लोगों का खर्च वहन करना होगा.

बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू की मां विजया पुसारला और साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह उन 15 अधिकारी/ गैर खिलाड़ियों की सूची में शामिल है जिनका खर्च सरकार वहन नहीं करेगी. मंत्रालय की आज जारी सूची में उन्हें कोई पद नहीं दिया गया है. इसके अलावा सात प्रबंधकों का खर्च भी सरकार नहीं उठाएगी और खेल महासंघों को उनका खर्च वहन करना होगा.

हालांकि खिलाड़ियों के नाम की सूची 219 की हो गयी है क्योंकि ऊंची कूद खिलाड़ी एम श्रीशंकरअपेडिंक्स की सर्जरी के कारण इससे हट गये हैं. वहीं टेबल टेनिस खिलाड़ी सौम्यजीत घोष पर बलात्कार का आरोप लगने के बाद उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है.

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की आपात बैठक, खिलाड़ियों और कोच पर बड़ा फैसला आज

आईओए ने इस सूची में अरूण मेदिंरत्ता का नाम दल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और हेमा वलेचा का नाम फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में शामिल किया था लेकिन मंत्रालय ने उनका नाम की मंजूरी नहीं दी. इसके अलावा सरकार ने सभी अधिकारियों के नामों को 33 प्रतिशत नियम( अधिकारियों की संख्या खिलाड़ियों की संख्या के 33 प्रतिशत) के हिसाब से हरी झंडी दे दी. अधिकारियों की संख्या इससे ज्यादा होने पर उसका खर्च खेल महासंघ को वहन करना होगा.

खेलों के लिए सबसे ज्यादा खिलाड़ी हाकी के है. पुरूष और महिला टीम के 18-18 खिलाड़ियों से हाकी के कुल36 खिलाड़ी गोल्ड कोस्ट जाएंगे. इसके बाद एथलेटिक्स में 31 और निशानेबाजी में 27 खिलाड़ियों को भारतीय दल में चुना गया है. जिम्नास्टिक में सात( तीन पुरूष और चार महिला) खिलाड़ी बिना किसी कोच या सपोर्ट स्टाफ के इन खेलों में अपनी किस्मत आजमाएंगे.

विराट कोहली से ज्यादा एमएस धोनी के मार्गदर्शन पर है सहवाग को भरोसा

सरकार 221 एथलीट और 54 कोच को भत्ते के रूप में रोजाना 50 डालर देगी जबकि 16 चिकित्सकों एवं फिजियोथेरेपिस्ट और 19 अन्य अधिकारियों को प्रति दिन 25 डालर मिलेंगे. 

गौरतलब है कि इससे पहले  खेल मंत्रालय राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जाने वाले अधिकारियों के दल में कटौती करने की बात की थी जिससे  राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान अधिकारी और खिलाड़ियों के परिजन सरकारी खर्च पर तफरीह नहीं कर सकेंगे. रिपोर्टों के अनुसार साइना के पिता हरवीर सिंह और सिंधू की मां विजया पुरसाला सरकारी खर्चे पर गोल्ड कोस्ट जा रहे थे क्योंकि उनके नाम आईओए की अधिकारियों की सूची में है. लेकिन भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) ने आईओए को जो पत्र लिखा है उसमें इनके नामों का जिक्र नहीं है. बाइ ने कहा कि यह कहना अनुचित होगा कि साइना और सिंधू के माता पिता भारतीय दल के रूप में राष्ट्रमंडल खेलों में जा रहे हैं. इस तरह से एक भ्रम की स्थिति बन गई थी. 
इसी के चलते भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा था, ‘‘मैं नहीं जानता कि खेल मंत्रालय सिंधू और साइना के माता पिता को उनके साथ राष्ट्रमंडल खेलों में जाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहा है.’’

स्मिथ तो राजस्थान की कप्तानी से गए, लेकिन वार्नर को हटाने के मूड में नहीं हैदराबाद

उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया था ,‘‘जल्द ही फैसला आ जायेगा लेकिन यह तय है कि इस बार सरकारी खर्च पर कोई अधिकारी या खिलाड़ियों के परिजन राष्ट्रमंडल खेलों में सैर सपाटा नहीं कर सकेंगे. जिनकी कोई उपयोगिता खिलाड़ियों के लिए नहीं है, उन्हें कतई सूची में शामिल नहीं किया जायेगा.’’ अधिकारी ने कहा ,‘‘पहले भी ऐसी शिकायतें मिली है कि कई ऐसे अधिकारी दल में शामिल होते हैं जिन्हें खेल परिसर में प्रवेश की अनुमति तक नहीं होती. वे किस तरह से खिलाड़ियों की मदद करेंगे. इसके अलावा बड़े बड़े खिलाड़ी अपने परिजनों को मेंटर या मैनेजर बनाकर ले जाते हैं जबकि वे खुद उनका खर्च उठा सकते हैं.’’ 

उन्होंने कहा कि खेलमंत्री ने खुद इस मामले में सख्त रवैया अपनाने को कहा है जिसमें फोकस खिलाड़ियों पर रहेगा लेकिन सरकारी धन का दुरूपयोग मुफ्त के सैर सपाटे पर नहीं होगा. 

अब खेल मंत्रालय ने अपना फैसला भी स्पष्ट तौर पर बता दिया है. 

(इनपुट भाषा)

Trending news