रियो पैरालम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले झझारिया पर पुरस्कारों की बारिश
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रियो पैरालम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले झझारिया पर पुरस्कारों की बारिश

राजस्थान के चुरू जिले के सार्दुलपुर कस्बे के देवेन्द्र झझारिया के रियो पैरालम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही उनके पैतृक गांव और पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

रियो पैरालम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले झझारिया पर पुरस्कारों की बारिश

जयपुर : राजस्थान के चुरू जिले के सार्दुलपुर कस्बे के देवेन्द्र झझारिया के रियो पैरालम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही उनके पैतृक गांव और पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने झझारिया के स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। राजस्थान के खेल मंत्री गजेन्द्र सिंह खिवसर ने झझारिया के लिये 75 लाख रुपये नकद, जयपुर में 220 मीटर का प्लाट, इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 25 बीघा भूमि देने की घोषणा की है।

राजे ने बधाई सन्देश में कहा, ‘झझारिया ने अपने जज्बे और खेल प्रतिभा से एक नई मिसाल कायम की है। उनकी इस अविस्मरणीय उपलब्धि से न केवल राजस्थान बल्कि पूरा देश गौरवान्वित हुआ है। इस असाधरण प्रदर्शन से प्रदेश के अन्य खिलाड़ियों का भी मनोबल बढेगा और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी।’ गहलोत ने ट्वीट के जरिये कहा, ‘न केवल चुरू और राजस्थान बल्कि पूरा देश झझारिया के पैरालम्पिक खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर गौरवान्वित हो रहा है।’ 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने ट्वीट के जरिये कहा कि ‘झझारिया का अभिनंदन, जिन्होंने पैरालम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में अपना ही पिछला रिकार्ड तोडकर स्वर्ण पदक हासिल किया।’ झझारिया के पैतृक गांव में उनकी वयोवृद्व मां ने अपने बेटे के स्वर्ण पदक जीतने पर कहा, ‘मैं उसके लिये खुश हूं।’ इस एथलीट की पत्नी मंजू ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा था कि वे स्वर्ण पदक जीत कर लायेंगे। रात को मैंने परिवार के साथ उनकी स्पर्धा देखी।’ झझारिया के मुरलीपुरा क्षेत्र में स्थित घर पर बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र और प्रशंसक पहुंच कर एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं।

झझारिया ने करीब बारह साल पहले इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। बचपन में पेड़ पर चढते समय उच्चक्षमता की बिजली की लाइन के सम्पर्क में आने से झझारिया का एक हाथ बुरी तरह झुलस गया जिसे बाद में उपचार दौरान शरीर से अलग किया गया था।

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