जानिए क्रिकेटर हरमनप्रीत की 84 नंबर की जर्सी का राज!
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जानिए क्रिकेटर हरमनप्रीत की 84 नंबर की जर्सी का राज!

हरमनप्रीत कौर किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, अपनी शानदार बल्‍लेबाजी के चलते उन्‍हें काफी सराहना मिल रही है.आईसीसी महिला विश्‍व कप में हाल ही में खेली गई उनकी 171 रनों की धमाकेदार पारी ने उन्‍हें स्‍टार बना दिया है. हरमनप्रीत कौर 84 नंबर की जर्सी पहनती हैं लेकिन क्या आपको इसकी वजह पता है.

आईसीसी महिला विश्‍व कप में हाल ही में खेली गई उनकी 171 रनों की धमाकेदार पारी ने उन्‍हें स्‍टार बना दिया है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: हरमनप्रीत कौर किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, अपनी शानदार बल्‍लेबाजी के चलते उन्‍हें काफी सराहना मिल रही है.आईसीसी महिला विश्‍व कप में हाल ही में खेली गई उनकी 171 रनों की धमाकेदार पारी ने उन्‍हें स्‍टार बना दिया है. हरमन ने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ भी धमाकेदार पारी खेली थी लेकिन जब मैच निर्णायक मोड़ की ओर था तभी वो कैच आउट हो गईं थीं गौरतलब है कि हरमनप्रीत कौर 84 नंबर की जर्सी पहनती हैं लेकिन क्या आपको इसकी वजह पता है.

हरमनप्रीत कौर की मां ने टूर्नामेंट के शुरुआत में एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा था कि हरमनप्रीत के 84 नंबर जर्सी पहनने का टीम या क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है बल्कि इसका कारण भावनात्मक है.

इसके बाद उन्होंने अपनी बात को विस्तार से समझाते हुए हरमन की इस 84 नंबर जर्सी के राज का खुलासा किया.

हरमनप्रीत की मां ने इसके पीछे का कारण ये बताया

हरमनप्रीत कौर की मां ने कहा, 'जब उसे जर्सी चुननी थी तो उसने 84 नंबर वाली जर्सी चुनाव किया. वैसे तो पंजाबियों के लिए 84 का अंक साल 1984 में हुए दंगों की याद दिलाता है, लेकिन उसने इसे पॉजीटिव रुप में लिया और अब हम देख रहे है कि वह इस नंबर के साथ बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. उसने टीम की सभी जीतों को अपनी तरफ से 1984 के दंगा पीड़ितों को समर्पित किया है.'

हरमनप्रीत साल 84 के दंगा पीड़ितों की एकजुटता के लिए यह जर्सी पहनती हैं. इस मामले में वे बहुत स्‍पष्‍ट हैं और हमेशा मुखर होकर बोलती हैं.

गौरतलब है कि 84 के सिख विरोधी दंगे भारतीय इतिहास का एक दुखद अध्‍याय था, तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद ये दंगे हुए थे. हरमनप्रीत कौर अपनी सफलता को उन लोगों को भी समर्पित करती हैं जो इसके पीड़ित हैं.

और पढ़ें- कभी पंजाब पुलिस ने हरमनप्रीत को नौकरी से किया था इनकार, अब CM ने दिया DSP का ऑफर

यह भी दिलचस्प है कि 2011 में टीम इंडिया का हिस्सा होने के बावजूद हरमनप्रीत कौर ने पंजाब पुलिस में नौकरी से मना किया था. उस समय उन्हें इतना बड़ा पद नहीं दिया जा रहा था. उनके पिता के अनुसार एक अधिकारी ने उन्हें यह कहा था कि वह कोई हरभजन सिंह नहीं हैं जो डीएसपी बनाया जा सके.

देखने वाली बात यह होगी कि हरमनप्रीत इस पद को स्वीकार करती हैं अथवा नहीं क्योंकि फिलहाल वे इंडियन रेलवे में प्रमोशन के करीब हैं.  इससे पहले भी पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस खिलाड़ी के लिए 5 लाख रूपये इनामी राशि देने की घोषणा की है.

 

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