Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में रोमांच चरम पर देखने को मिल रहा है. भारत के पास 3 मेडल आ चुके हैं. ओलंपिक्स गेम्स की मेजबानी के सपने भी भारत देख रहा है. लेकिन इसकी मेजबानी के लिए किसी भी देश को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है.
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Olympics 2024: हर 4 साल में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों का दुनियाभर में गजब का क्रेज है. खेलों के इस महाकुंभ में दुनियाभर के देश और हजारों एथलीट भाग लेते हैं. ओलंपिक्स 2023 की मेजबानी पेरिस के हाथों में है, जहां हमें रंगारंग अंदाज में मेगा इवेंट का आगाज देखने को मिला. ओलंपिक खेलों के आयोजन पर हजारों करोड़ रुपये खर्च होते हैं. ऐसे में इसकी मेजबानी करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. चूंकि इसकी मेजबानी के सपने भारत देश भी देख रहा है, सवाल ये है कि क्या भारत का मिशन 2036 पूरा हो पाएगा?
2036 में ओलंपिक्स की मेजबानी की तैयारी
मिशन ओलंपिक 2036 की मेजबानी के लिए भारत में तैयारियां जोर-शोर से हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल के रवाना होने से पहले इस मुद्दे पर एथलीट्स से भी चर्चा की थी. इस बात का ऐलान पहले ही हो चुका है कि यदि सब सही रहा तो भारत 2036 ओलंपिक मेजबानी हासिल करने के लिए दावेदारी पेश करेगा. जिसके बाद से ही कई लोगों के जहन में सवाल होगा कि 2024 के पेरिस ओलंपिक की अनुमानित लागत क्या है और क्या भारत के लिए ये सपना साकार करना मुमकिन है?
मेजबानी में आता है कितना खर्च?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस ओलंपिक 2024 की मेजबानी करने के लिए अमूमन 10 बिलियन डॉलर यानि करीब 83,000 करोड़ रुपये का खर्च होता है. दरअसल, ओलंपिक खेलों में मोटा खर्चा स्टेडियम और सुविधाओं के विकास पर और इसके साथ ही पर्यटन, सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं पर आता है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अनुसार, खेलों की मेजबानी से अधिक नौकरियां पैदा होती हैं. मेजबान देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और शहर को आर्थिक लाभ मिलता है.
अभी तक किसने किया कितना खर्चा?
कम से कम 1960 के बाद से हर ओलंपिक मेजबान ने योजना से ज़्यादा खर्च किया है. ओलंपिक खेलों की मेजबानी से पहले हर देश को साथ साल पहले कैलेंडर तय किया जाता है, चाहे उस समय की आर्थिक स्थिति कैसी भी हो. रिपोर्ट के अनुसार, लंदन ओलंपिक 2012 पर 16.8 बिलियन डॉलर (89,000 करोड़), रियो ओलंपिक 2016 पर 23.6 बिलियन डॉलर (1.55 लाख करोड़) और टोक्यो ओलंपिक 2020 पर 13.7 बिलियन डॉलर (1.04 लाख करोड़ रुपये) खर्च हुए थे. इसलिए भारत को मेजबानी करनी है, तो एक मोटी रकम जोड़नी होगी.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में खर्च हुए थे हजारों करोड़
भारत ने साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी. इस दौरान खेल की आड़ में एक बड़ा घोटाला भी देखने को मिला था. यह देश में अब तक के सबसे बड़े स्कैम में से एक है. ऐसे में सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए भारत ओलंपिक की मेजबानी के लिए एक मजबूत दावेदार है. लेकिन भारत के सामने कई चुनौतियां होंगी और इसके लिए मजबूत प्लान तैयार करना होगा.