IPL 10 : टीम बदली तो बदला इन खिलाड़ियों का भाग्य
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IPL 10 : टीम बदली तो बदला इन खिलाड़ियों का भाग्य

क्रिकेट खिलाड़ी अक्सर भाग्य पर यकीन रखते हैं. छोटे टोटके अपना कर वह सफल होने की कोशिश करते हैं. कई बार उन्हें इसमें सफलता भी मिलती है. आईपीएल का दसवां सीजन अपने अंतिम चरण में है. यह सीजन भी बताता है कि टीम बदलने से कैसे खिलाड़ियों का भाग्य भी बदल जाता है. यहां हम ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों की चर्चा करेंगे.

टीम बदलने के बाद इन खिलाड़ियों ने किया परफॉर्म (PIC : IPL/BCCI)

नई दिल्ली : क्रिकेट खिलाड़ी अक्सर भाग्य पर यकीन रखते हैं. छोटे टोटके अपना कर वह सफल होने की कोशिश करते हैं. कई बार उन्हें इसमें सफलता भी मिलती है. आईपीएल का दसवां सीजन अपने अंतिम चरण में है. यह सीजन भी बताता है कि टीम बदलने से कैसे खिलाड़ियों का भाग्य भी बदल जाता है. यहां हम ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों की चर्चा करेंगे.

रॉबिन उथप्पा

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उथप्पा ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत मुंबई इंडियंस के साथ की थी. लेकिन रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु में आने के बाद उनके आईपीएल करियर में बदलाव आना शुरू हुआ. दो साल आरसीबी के साथ रहने के बाद बेशक आरसीबी ने आईपीएल तो नहीं जीता लेकिन उथप्पा टीम के लिए एक उपयोगी और आक्रामक बल्लेबाज साबित हुए. इसके  बाद उथप्पा पुणे वारियर्स इंडिया के साथ जुड़े. उथप्पा का प्रदर्शन शानदार रहा. 2014 में उथप्पा केकेआर के साथ जुड़ गये. तब से उथप्पा का भाग्य उनका साथ दे रहा है और उनका प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा है. आईपीएल के इस सीजन में उथप्पा ने 14 मैचों में 388 रन बनाए हैं. उनका अधिकतम स्कोर 87 रहा है. क्वालिफाइंग राउंड तक पहुंचने में उथप्पा का अहम योगदान रहा है. यूं तो उथप्पा हमेशा ही एक बेहतर बल्लेबाज साबित हुए हैं लेकिन केकेआर के साथ जुड़ने से उनकी बल्लेबाजी में खासा निखार आया है. 

क्रिस गेल

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क्रिस गेल एक तूफानी बल्लेबाज हैं. जमैका के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से आईपीएल के पहले तीन सीजन खेले लेकिन कोलकाता की ओर से खेलते हुए वह कभी अपनी लय में नजर नहीं आए. 2011 में गेल को रॉयस चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से खेलने का मौका मिला. आरसीबी के लिए अपने पहले ही मैच में गेल ने तूफानी शतक जड़ दिया और टीम को बड़ी जीत दिलाई. इसके बाद आईपीएल के 2013 के सीजन में भी गेल का बल्ला जमकर बरसा. गेल ने आईपीएल का सर्वश्रेष्ठ निजी स्कोर (175 रन) बनाया. 2013 और 2016 की फाइनलिस्ट रहने के बाद भी आरसीबी चैंपियन नहीं बन पाई. लेकिन आईपीएल का दसवां सीजन गेल के लिए भी बहुत खराब साबित हुआ. आरसीबी सबसे निचले पायदान पर रही. गेल का बल्ला भी कुछ खास नहीं कर पाया. इस सीजन में खेले 9 मैचों में गेल ने केवल 200 रन बनाए. उनका अधिकतम स्कोर 77 रन रहा. इसी सीजन को छोड़ दें तो गेल के लिए आरसीबी हमेशा ही भाग्यशाली टीम रही है. 

ड्वेन ब्रावो

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ड्वेन ब्रावो को मुंबई इंडियंस ने 2008 के आईपीएल के पहले सीजन में अपने साथ जोड़ा था. वह लगातार तीन सीजन मुंबई के लिए खेलते रहे. लेकिन 2011 के आईपीएल ऑक्शन में इस ऑलराउंडर को चैन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में शामिल किया. चेन्नई के लिए ब्रावो अहम खिलाड़ी साबित हुए. मानो उनका भाग्य अपने उनके साथ था. पहले ही सीजन में ब्रावो के शानदार योगदान के दम पर चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल चैंपियन बनने में कामयाब रही. 2011 के अगले सीजन तक ब्रावो चैन्नई के लिए गेंद और बल्ले से ही नहीं अपने शानदार डांस से भी दर्शकों का मनोरंजन करते रहे. 2016 में ब्रावो आईपीएल फ्रैचाइजी गुजरात लायंस से जुड़े. लेकिन इस बार उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिला. मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए ब्रावो ने 30 मैचो में 457 रन बनाए और 30 विकेट लिए. जबकि चैन्नई सुपर किंग्स (2011-15) तक खेले 75मैचों में ब्रावो ने 982 रन बनाए और 93 विकेट लिये. यानी चैन्नई सुपर किंग्स उनके लिए भाग्यशाली टीम रही. 

डेविड वॉर्नर

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ऑस्ट्रेलिया के इस विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ की थी. वॉर्नर 4 साल तक दिल्ली की टीम का हिस्सा रहे. दिल्ली की ओर से खेलते हुए उनका प्रदर्शन औसत रहा. 2013 में वह हैदराबाद की टीम से जुड़ गये. हैदराबाद में शामिल होने के बाद ना सिर्फ वॉर्नर की बल्लेबाजी में निखार आया बल्कि उनकी लीडरशिप में जबरदस्त निखार देखा गया. आईपीएल 2016 में वॉर्नर की कप्तानी में सनराइजर्स हैदराबाद ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली बार आईपीएल इतिहास में खिताब जीता. दिल्ली डेयरडेविल्स (2009-12) की तरफ से वार्नर ने 57 मैचों में 1456 रन बनाए. जबकि सनराइज हैदराबाद की तरफ से (2013-से अब तक) वह 57 मैचों में 2473रन बना चुके हैं. यानी हैदराबाद उनके लिए भाग्यशाली साबित हुई. 

गौतम गंभीर

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गौतम तीन साल तक दिल्ली के लिए खेले. इस दौरान उनका प्रदर्शन ठीक ठाक रहा. गंभीर टॉप आर्डर में वीरेंद्र सहवाग के साथ टीम को अच्छी शुरुआत दिलाते रहे. लेकिन 2011 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने गौतम को अपने साथ जोड़ा. टीम का यह निर्णय पूरी तरह सही साबित हुआ. गंभीर की कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने दो बार आईपीएल का खिताब अपने नाम किया. गंभीर ने हमेशा टीम को आगे बढ़कर लीड किया और साथी खिलाड़ियों के लिए उदाहरण पेश किया. आईपीएल दस में केकेआर एलीमिनेटर मुकाबले में हैदराबाद को 7 विकेट से हराकर क्वालीफायर 2 तक पहुंची. इस क्वालीफायर मुकाबले  में वह मुंबई से हार गई, लेकिन केकेआर गौतम के लिए बेहद भाग्यशाली टीम साबित हुई. गौतम ने दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए (2008-10) 44 मैचों में 1115 रन बनाए और केकेआर की तरफ से (2011 से अब तक) 119 मैचों  में 3280 रन बनाये. यानी केकेआर गौतम के लिए लकी टीम साबित हुई. 

(सभी तस्वीरें : IPL/BCCI)

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