IPL 10 : कभी पटरियों की मरम्मत और लोहे की रॉड उठाने वाले कर्ण शर्मा की ऐसे खुली किस्मत
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IPL 10 : कभी पटरियों की मरम्मत और लोहे की रॉड उठाने वाले कर्ण शर्मा की ऐसे खुली किस्मत

मुंबई इंडियंस ने शुक्रवार को हुए एकतरफा दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स को छह विकेट से हराकर चौथी बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। फाइनल मुकाबला रविवार को बेंगलुरु में होगा। फाइनल में मुम्बई के सामने होगी राइजिंग पुणे सुपरजाएंट टीम, जिसने पहले क्वालीफायर में उसे हराते हुए पहली बार इस लीग के फाइनल में कदम रखा है।

कभी पटरियों की मरम्मत और लोहे की रॉड उठाने वाले कर्ण शर्मा को IPL ने बनाया करोड़पति (PIC : IPL/BCCI)

नई दिल्ली : मुंबई इंडियंस ने शुक्रवार को हुए एकतरफा दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स को छह विकेट से हराकर चौथी बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। फाइनल मुकाबला रविवार को बेंगलुरु में होगा। फाइनल में मुम्बई के सामने होगी राइजिंग पुणे सुपरजाएंट टीम, जिसने पहले क्वालीफायर में उसे हराते हुए पहली बार इस लीग के फाइनल में कदम रखा है।

मुंबई को ये मैच जिताने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका कर्ण शर्मा ने अदा की. मुंबई को फाइनल का टिकट दिलाने वाले कर्ण शर्मा कभी रेल की पटरियों की मरम्मत करते थे और एक दिन आईपीएल ने अचानक उनकी किस्मत बदल दी. 

इस रिकॉर्ड में की अनिल कुंबले की बराबरी 

कोलकाता को 107 रनों तक समेटने में मैन ऑफ द मैच कर्ण शर्मा के चार विकटों की अहम भूमिका रही. कर्ण शर्मा ने 4 ओवर में 16 रन देकर 4 विकेट लिए हैं. जिसमें उन्होंने तेजी से रन बनाने की कोशिश कर रहे सुनील नरेन का विकेट लिया. खुद गुगली के उस्ताद नरेन कर्ण शर्मा की गुगली पर चकमा खा गए और स्टंप हो गए. इसके बाद गौतम गंभीर, ग्रांडहम और जग्गी का विकेट लिया. इसमें ग्रांडहाम तो बिना खाता खोले ही आउट हो गए. यह आईपीएल प्लेऑफ में किसी भी स्पिनर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. 

इससे पहले प्लेऑफ में किसी भी स्पिनर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अनिल कुंबले के नाम था. कुंबले ने साल 2009 में आरसीबी की ओर से खेलते हुए डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ जोहानेसबर्ग में 16 रन देकर 4 विकेट हासिल किए थे.

मैन ऑफ द मैच चुने गए कर्ण शर्मा के क्रिकेट के बड़े मंच पर अपने परफार्मेंस से करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के दिल जीतने तक का सफर आसान नहीं रहा.
 
कभी करते थे रेल की पटरियों की मरम्मत 

कर्ण 2005 में रेलवे से जुड़े थे. उस वक्त वह ग्रेड 4 कर्मचारी थे. ऐसे कर्मचारियों का काम पटरी की मरम्मत करना और लोहे की रॉड उठाने जैसा मशक्कत भरा होता है, लेकिन क्रिकेट खेलने की वजह से कर्ण को इनसे छूट मिलती रही थी. वह उस समय वाराणसी में पदस्थ थे.

आईपीएल सीजन सात के लिए अनकैप्ड खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा बोली रेलवे के कर्ण शर्मा पर लगी थी. कर्ण को सनराइजर्स हैदराबाद ने तीन करोड़ 75 लाख रुपयों में खरीदा था.

पत्नी ने फोन कर बताया कि वे करोड़पति बन गए

इतनी ऊंची कीमत मिलने पर कर्ण को पहली बार यकीन नहीं हुआ था. उनकी पत्नी ने जब फोन पर इसकी जानकारी दी तो कर्ण को लगा की वह मजाक कर रही है. कर्ण ने इसके बाद इंटरनेट पर जानकारी जुटाई और फिरकी गेंदबाज व दोस्त अमित मिश्रा का फोन आया तो कर्ण को यकीन हुआ कि उन्हें इतने ऊंचे दाम पर खरीदा गया है.

2014 में जब आईपीएल फ्रेंचाइजी में उन्हें खरीदने के लिए होड़ मची हुई थी, उस वक्त कर्ण नेट्स पर बल्लेबाजी कर रहे थे. बेंगलुरु में चल रही नीलामी का तनाव दूर करने के लिए कर्ण घर से निकल कर स्टेडियम चले गए थे. वहां उन्हें सबसे पहले पत्नी ने फोन कर यह खुशखबरी सुनाई.

कर्ण की तनख्वाह उस वक्त 17 हजार रुपए थी. उनके मुताबिक अपने जीवन में कभी उन्होंने इतनी बड़ी राशि नहीं देखी. इसके पहले 2009 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 20 लाख रुपयों में खरीदा था.

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