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बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सोमवार को राज्य के 28वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने उन्हें कांतिराव स्टेडियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ-ग्रहण समारोह में सिद्धारमैया के परिजनों तथा रिश्तेदारों सहित करीब 50,000 लोग मौजूद थे। लोगों ने नृत्य-संगीत के साथ अपनी खुशी का इजहार किया।
सिद्धारमैया ने पूर्वाह्न् 11.40 बजे कन्नड़ में शपथ ली। भारद्वाज ने उन्हें सत्यनिष्ठा व संविधान की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थिति प्रमुख नेताओं में मल्लिकार्जुन खड़गे, एम. वीरप्पा मोइली, के. मुनियप्पा तथा रहमान खान मौजूद थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। मंच पर मौजूद कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में पूर्व विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा भी शामिल थे। इस समारोह में उनके गृह जिले मैसूर और आस-पास के इलाकों के हजारों लोग शरीक हुए।
गौर हो कि सिद्धारमैया को गत 10 मई को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था। गुप्त मतदान में उन्होंने इस पद के प्रबल दावेदार केंद्रीय श्रम मंत्री एम मल्लिकाजरुन खड़गे को पीछे छोड़ दिया था।
यद्यपि सिद्धारमैया इस पद की दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन उन्हें इस पद के लिए तभी चुना गया जब रक्षा मंत्री ए के एंटनी के नेतृत्व वाले कांग्रेस पर्यवेक्षकों के दल ने पार्टी विधायकों से लिखित में अपनी पसंद का इजहार करने को कहा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रजामंदी लेने के बाद एंटनी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सिद्धारमैया के निर्वाचन की घोषणा की। सिद्धारमैया छह साल पहले जद एस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह एन. धरम सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे।
एचडी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बन जान के बाद वर्ष 1996 में वकील से नेता बने सिद्धारमैया मुख्यमंत्री की ‘गद्दी’ पाते-पाते रह गए थे। सिद्धारमैया कुरूबा समुदाय के हैं। यह राज्य में तीसरी सबसे बड़ी जाति है। उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में तब जे एच पटेल ने पीछे छोड़ दिया था। देवगौड़ा और पटेल दोनों के मुख्यमंत्री काल में सिद्धारमैया वित्त मंत्री रहे।
सिद्धारमैया के अगले हफ्ते मंत्रिमंडल का गठन करने को तैयार होने के बीच मंत्री पद के लिए लामबंदी तेज हो गई है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि डी के शिवकुमार, आर वी देशपांडे, शमनूर शिवशंकरप्पा और टी बी जयचंद्र समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की उम्मीद है। बहरहाल, कैबिनेट का विस्तार और हर किसी को खुश रखना सिद्धारमैया के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। कांग्रेस के 121 विधायकों में से कम से कम 34 पूर्व मंत्री हैं। कनार्टक विधानसभा में 224 सीटें होने के कारण मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 34 सदस्य हो सकते हैं।
कैबिनेट विस्तार पर चर्चा करने वाले सिद्धारमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी परमेश्वर कल दिल्ली में पार्टी आलाकमान से मिल सकते हैं ताकि मंत्रिपरिषद के गठन में अंतिम सहमति ली जाए। राष्ट्रीय स्तर पर घोटालों के आरोपों से घिरी कांग्रेस ने बीते 8 मई को आए विधानसभा चुनावों के नतीजों में शानदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने राज्य की सत्ता से भाजपा को बेदखल तो किया ही, 121 सीटें भी हासिल की। भाजपा उम्मीदवार सनमोग्गेगौड़ा के निधन के कारण पेरियापटना सीट पर चुनाव टाल दिया गया है। अब इस सीट पर चुनाव 28 मई को होगा और वोटों की गिनती 31 मई को होगी। (एजेंसी)