किंग्स इलेवन पंजाब ने अंपायर नितिन मेनन के विवादित ‘शॉर्ट रन’ कॉल के खिलाफ अपील की है, पूर्व खिलाड़ियों ने सही नतीजों के लिए तकनीक के अधिक उपयोग की मांग की.
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दुबई: किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाड़ियों ने दिल्ली कैपिल्टल के खिलाफ आईपीएल मैच के दौरान अहम समय पर मैदानी अंपायर नितिन मेनन के विवादित ‘शॉर्ट रन’ कॉल के खिलाफ अपील की है. वहीं पूर्व खिलाड़ियों ने सही नतीजों के लिए तकनीक के अधिक उपयोग की मांग की.
मैच के सुपर ओवर में जाने से पहले टीवी फुटेज से पता चला कि स्क्वेयर लेग अंपायर मेनन ने 19वें ओवर की तीसरी गेंद पर क्रिस जोर्डन को ‘ शॉर्ट रन’ के लिए टोका था. टीवी रिप्ले से हालांकि जाहिर था कि जोर्डन का बल्ला क्रीज के भीतर था जब उन्होंने पहला रन पूरा किया. मेनन ने कहा कि जोर्डन क्रीज तक नहीं पहुंचे हैं जिससे मयंक अग्रवाल और पंजाब के स्कोर में एक ही रन जोड़ा गया.
तकनीकी साक्ष्य होने के बावजूद फैसला नहीं बदला गया. आखिरी ओवर में पंजाब को 13 रन चाहिए थे और पहली तीन गेंद पर अग्रवाल ने 12 रन बनाए. पंजाब की टीम एक रन पीछे रह गई और मैच सुपर ओवर में चला गया जिसमें दिल्ली ने जीत दर्ज की.
किंग्स इलेवन पंजाब के सीईओ सतीश मेनन ने कहा, ‘हमने मैच रैफरी से अपील की है. इंसान से गलती हो सकती है लेकिन आईपीएल जैसे विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में इसकी कोई जगह नहीं है. वह एक रन हमें प्लेआफ से वंचित कर सकता है’.
उन्होंने कहा , ‘हार तो हार ही होती है. यह अनुचित है. उम्मीद है कि नियमों की समीक्षा होगी ताकि इस तरह की गलती की गुंजाइश नहीं रहे’.
अपील का हालांकि नतीजा निकलने की उम्मीद कम है क्योंकि आईपीएल नियम 2. 12 (अंपायर के फैसले) के तहत अंपायर फैसले को तभी बदल सकता है जब ये बदलाव तुरंत किये जाए. इसके अलावा अंपायर का फैसला अंतिम है’.
आस्ट्रेलिया के पूर्व हरफनमौला टॉम मूडी ने कहा कि तकनीकी की मदद लेने के लिए नियम में बदलाव करना होगा.
उन्होंने कहा कि, ‘तीसरे अंपायर को फैसला लेना चाहिए था लेकिन नियम कहते हैं कि यह नियम टूर्नामेंट शुरू होने से पहले बनाया जाना चाहिये था’.
भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा, ‘तीसरे अंपायर को दखल देकर मेनन को बताना चाहिए था कि यह शॉर्ट रन नहीं था. मेनन अगर फैसला बदल लेते तो किसी को ऐतराज नहीं होता क्योंकि वह सही फैसला था’.
किंग्स इलेवन पंजाब की सह मालिक अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने कहा, ‘मैं हमेशा जीत या हार को खेल भावना के साथ स्वीकार करने में यकीन रखती हूं लेकिन नियमों में बदलाव की जरूरत है. जो बीत गया, सो बीत गया लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए’.
(इनपुट-भाषा)