भारतीय मुक्केबाजों ने मेडल जीतकर फिनलैंड के हेलसिंकी में 38वें जीबी मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारतीय अभियान का अंत शानदार तरीके से किया.
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नई दिल्ली: कविंदर सिंह बिष्ट (56 kg) ने गोल्ड जबकि शिव थापा और तीन अन्य ने सिल्वर मेडल जीतकर फिनलैंड के हेलसिंकी में 38वें जीबी मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारतीय अभियान का अंत शानदार तरीके से किया. तीन बार के एशियाई पदक विजेता थापा (60 kg) के अलावा युवा गोविंद साहनी (49 kg), राष्ट्रमंडल खेलों के ब्रॉन्ज पदकधारी मोहम्मद हसमुद्दीन (56 kg) और दिनेश डागर (69 kg) ने रजत पदक अपने नाम किये.
भारतीयों के बीच हुए 56 किग्रा वर्ग के फाइनल में बिष्ट और हुसमुद्दीन आमने सामने थे. दोनों मुक्केबाज सेना खेल नियंत्रण बोर्ड (SSCB) के हैं और दोनों एक दूसरे की तकनीक से वाकिफ हैं. लेकिन बिष्ट ने आंख पर कट लगने के बावजूद फतह हासिल करने में सफल रहे.
फ्लाईवेट वर्ग में विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाले बिष्ट का यह बैंथमवेट मे आने के बाद पहला इंटरनेशनल गोल्ड मेडल है.
#KavinderSinghBisht wins at Helsinki
In an all final, Kavindra Bisht defeated @Hussamboxer with a unanimous verdict of 5ndia finished with a and a in the 56 Kg category.#PunchMeinHaiDum #boxing pic.twitter.com/HMtfOYSjM0
— Boxing Federation (@BFI_official) March 10, 2019
साहनी ने थाईलैंड के थितिसान पनमोद के खिलाफ मजबूत शुरूआत की. उन्होंने पहला दौर जीत. लेकिन अगले दो दौर में पनमोद को जजों के अंक मिले जिससे उन्होंने 3-2 से जीत हासिल कर ली.
विश्व चैंपियनशिप के पूर्व ब्रॉन्ज मेडल विजेता असम के थापा को स्थानीय दावेदार अर्सलान खातेव से 1-4 से हार मिली.
पिछले साल इंडिया ओपन के रजत पदकधारी डागर को सेमीफाइनल में आंख में चोट लगी थी जिससे उनकी आंख सूजी हुई थी. राष्ट्रमंडल खेलों के गोल्ड मेडल विजेता इंग्लैंड के पैट मैकोरमैक काफी आक्रामक थे जिससे तीसरे दौर में रैफरी ने काउंट करते हुए कुछ सेकेंड पहले नतीजा उनके पक्ष में कर दिया.
सुमित सांगवान (91 kg), पूर्व युवा विश्व चैंपियन सचिन सिवाच (52 kg) और नवीन कुमार (91 kg से अधिक) को हालांकि सेमीफाइनल में हार के साथ ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा.