दारा सिंह को रेसलिंग के अलावा अभिनय की दुनिया में भी खूब कामयाबी मिली. खासकर रामायण में हनुमान जी भूमिका के बाद तो वह घर घर में इसी रूप में पहचाने जाने लगे.
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नई दिल्ली : रेसलिंग की दुनिया में भारत का परचम लहराने वाले महानतम रेसलर और अभिनेता दारा सिंह का लोहा अब WWE ने भी माना है. इस लीग ने दारा सिंह को अपनी हॉल ऑफ फेम की लेगेसी विंग में शामिल किया है. डब्ल्यूडब्ल्यूई की इस विंग में उन विशेष हस्तियों को शामिल किया जाता है, जिन्होंने रेसलिंग की दुनिया में सफलता के नए कीर्तिमान बनाए हैं. इस हॉल ऑफ फेम की घोषणा रेसलमेनिया 34 के दौरान की गई. दारा सिंह के नाम ऐसा रिकॉर्ड है जिसे आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है. उन्हें कुश्ती में 500 मैचों में कोई हरा नहीं पाया. रेसलिंग के अलावा अभिनय की दुनिया में भी उन्हें जमकर कामयाबी मिली. खासकर रामायण में हनुमान जी भूमिका के बाद तो वह घर घर में इसी रूप में पहचाने जाने लगे.
दारा सिंह के अलावा ये सम्मान पाने वालों में WWF चैंपियन स्टेन स्टेसिआक, लॉर्ड अल्फ्रेड हायस, कोरा कॉम्ब्स, जिम लेंडोस, रुफुस जोन्स और बोरिस मलेंको शामिल हैं. 12 जुलाई 2012 को मुंबई में हार्ट अटैक से दारा सिंह की मौत हो गई थी.
Congratulations to the 2018 #WWEHOF LEGACY inductees! pic.twitter.com/Kh8AERCJiV
— WWE (@WWE) April 7, 2018
दारा सिंह को ये सम्मान मिलने पर उनके बेटे और फिल्म अभिनेता बिंदु दारा सिंह ने भी ट्विटर एक वीडियो शेयर करते हुए खुशी जताई.
A very PROUD moment for our COUNTRY & my family!
Dara Singh ji inducted in the @wwe #HallOfFameLegacy in 2018!THE UNBEATEN CHAMPION IN OVER 500 MATCHES! pic.twitter.com/tDhe0XOeeT
— Vindu Dara Singh (@RealVinduSingh) April 9, 2018
19 नवंबर 1928 को पंजाब में जन्मे दारा सिंह रंधावा ने शुरुआती दिनों में अपने गांवों के आसपास कुश्तियां जीतकर धूम मचा दी थी. बाद में वह 1947 में सिंगापुर गए. यहां दारा सिंह ने तारलोक सिंह को हराकर चैंपियन ऑफ मलेशिया का खिताब जीता. मलेशियन खिताब जीतने के बाद 1954 में वह भारतीय चैंपियन बन गए. उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को हरा विश्व चैम्पियनशिप जीती. 1968 में वे अमेरिका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर विश्व चैम्पियन बन गए. उन्होंने 55 की उम्र तक पहलवानी की और 500 मुकाबलों में किसी एक में भी हार का मुंह नहीं देखी.
दारा सिंह को किंग कांग के साथ हुए मुकाबले के लिए याद किया जाता है. इतिहास के सबसे हैरतअंगेज मुकाबलों में से एक इस मुकाबले में दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के 200 किलो वजनी किंग कांग को सर से ऊपर उठाया और घुमा के फेंक दिया था. यह भी तब किया, जब खुद दारा सिंह का वजन 130 किलो था.
रेसलिंग में अपना परचम लहराने के बाद रुस्तम-ए-हिंद दारा सिंह ने 1983 में रेसलिंग से संन्यास ले लिया. हालांकि इससे पहले वह भारतीय सिनेमा की ओर रुख कर चुके थे. 50 के दशक में उन्होंने कई एक्शन फिल्मों में काम किया. पर्दे पर मुमताज और उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया. उन्हें सबसे बड़ी पहचान रामानंद सागर के ऐतिहासिक सीरियल रामायण में हनुमान की भूमिका अदा करने के बाद मिली.