रोजर फेडरर के 6th ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब के बीच मारिन सिलिच की चुनौती
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रोजर फेडरर के 6th ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब के बीच मारिन सिलिच की चुनौती

क्रोएशिया के 29 साल के सिलिच ने 2014 अमेरिकी ओपन में फेडरर को मात दी है.

मेलबॉर्न में कोर्ट पर अभ्यास सत्र के दौरान दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर. (AP/PTI/27 Jan, 2018)

मेलबर्न: दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर और उनके 20वें ग्रैंडस्लैम खिताब के बीच रविवार (28 जनवरी) को ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में मारिन सिलिच की चुनौती है. स्विट्जरलैंड के ‘एजलेस वंडर’ के नाम से जाने-जाने वाले 36 साल के गत चैम्पियन फेडरर का यह 30वां ग्रैंडस्लैम फाइनल है जिसमें वह अपने छठे ऑस्ट्रेलियाई ओपन के खिताब के लिए उतरेंगे. विश्व नंबर एक रफेल नडाल, ऑस्ट्रेलियाई ओपन के छह बार चैम्पियन रहे नोवाक जोकोविच और पूर्व चैम्पियन स्टान वावरिंका चोट के कारण टूर्नामेंट में आगे नहीं बढ़ पाए तो, वहीं पांच बार फाइनल में पहुंचने वाले एंडी मर्रे ने इसमें खेल ही नहीं सके.

  1. 36 साल के रोजर फेडरर का यह 30वां ग्रैंडस्लैम फाइनल है.
  2. सिलिच ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहली बार पहुंचे हैं.
  3. दोनों खिलाड़ियों के बीच हुए नौ मुकाबले में फेडरर ने आठ मैच जीते हैं.

इन सब के उलट फेडरर अब भी मजबूती से अपनी चुनौती पेश कर रहे है. क्रोएशिया के 29 साल के सिलिच ने 2014 अमेरिकी ओपन में फेडरर को मात दी है, लेकिन दोनों खिलाड़ियों के बीच हुए नौ मुकाबले में फेडरर बाकी आठ मैच जीतने में सफल रहे हैं.

फेडरर इस बात को लेकर आश्वस्त उनमें वह सारी खूबियां है जिससे वह इसमें जीत दर्ज कर जोकोविच और ऑस्ट्रेलिया के रॉय एमरसन के छह बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीतने के रिकॉर्ड की बाराबरी कर सके. उन्होंने फाइनल से पहले कहा, ‘‘यह किसी एक चीज में सुधार करने के बारे में नहीं है. मैं इस बात को लेकर खुश हूं कि टूर्नामेंट की शुरुआत से मेरा खेल अच्छा रहा है. मेरा कहने का मतलब यह है कि मैंने सभी मैच बिना किसी सेट गंवाएं जीता हैं.’’ यह पहली बार है जब 14वीं वरीयता प्राप्त सिलिच ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचे हैं.

अपने करियर के 30वें ग्रैंड स्लैम फाइनल में फेडरर का सामना क्रोएशिया के मारिन सिलिक से होगा. यह मुकाबला रविवार (28 जनवरी) को खेला जाएगा. सिलिक ने ब्रिटेन के केल एडमंड को 6-2, 7-6 (7-4), 6-2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई है. सिलिक ने क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नम्बर-1 स्पेन के राफेल नडाल को भी हराया था. नडाल हालांकि चोट के कारण मुकाबला पूरा नहीं कर सके थे.

 

वोज्नियाकी ने पहला आस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीता

वहीं दूसरी ओर कैरोलिन वोज्नियाकी ने रोमानिया की सिमोना हालेप को 7-6, 3-6, 6-4 से हराकर 43वें प्रयास में पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीता. डेनमार्क की वोज्नियाकी इस जीत के साथ ही दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी भी बन गई. मैराथन मुकाबले के बाद खिताब जीतने के साथ ही वह अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकी. भीषण गर्मी और उमस के बीच दो घंटे 49 मिनट तक चले मैच में दोनों खिलाड़ियों को मेडिकल सहायता लेनी पड़ी. वोज्नियाकी 2009 और 2014 में अमेरिकी ओपन फाइनल में पहुंची थी. वह 2010 में शीर्ष रैंकिंग तक भी पहुंची लेकिन कभी ग्रैंडस्लैम नहीं जीत पाई थी.

दोनों का यह तीसरा ग्रैंडस्लैम फाइनल था. वोज्नियाकी ने आक्रामक शुरुआत की और 3-0 की बढ़त बना ली. पिछले दो ग्रैंडस्लैम फाइनल में कोई सेट नहीं जीत सकी इस खिलाड़ी ने 5-3 की बढ़त कर ली. हालेप ने वापसी की कोशिश की लेकिन टाइब्रेक में पहला सेट वोज्नियाकी ने जीत लिया.

दूसरे सेट में हालेप ने अपने कोच को इशारा किया कि उसकी तबीयत बिगड़ रही है. उसका रक्तचाप चेक किया गया और बर्फ की पट्टी भी लगाई गई. उसने दूसरा सेट बेहतर खेल का प्रदर्शन करते हुए जीत लिया. तीसरे सेट में वोज्नियाकी को अपने फिजियो को बुलाना पड़ा. उसके बायें घुटने में पट्टी बांधी गई. उसने अपनी लय हासिल करते हुए यह सेट और मैच जीता.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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