रियो परालंपिक : गोल्ड मेडल जीतने वाले मरियप्‍पन ने दी गरीबी को मात, मां बेचती हैं सब्जियां
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रियो परालंपिक : गोल्ड मेडल जीतने वाले मरियप्‍पन ने दी गरीबी को मात, मां बेचती हैं सब्जियां

रियो परालंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले तमिलनाडु के एथलीट मरियप्पन थंगावेलू का जीवन बेहद गरीबी में गुजरा है लेकिन आज उन्होंने अपनी लगन और मेहनत के बल पर देश का नाम रोशन किया है। बेहद गरीब परिवार से आने वाले मरियप्पन एक बस हादसे में अपना पैर गवां बैठे। महज पांच साल की उम्र में एक बस उनके घुटने को कुचलता हुआ निकल गया। उस दिन के बाद से वह हमेशा के लिए दिव्यांग की श्रेणी में आ गए।

रियो परालंपिक : गोल्ड मेडल जीतने वाले मरियप्‍पन ने दी गरीबी को मात, मां बेचती हैं सब्जियां

नई दिल्ली : रियो परालंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले तमिलनाडु के एथलीट मरियप्पन थंगावेलू का जीवन बेहद गरीबी में गुजरा है लेकिन आज उन्होंने अपनी लगन और मेहनत के बल पर देश का नाम रोशन किया है। बेहद गरीब परिवार से आने वाले मरियप्पन एक बस हादसे में अपना पैर गवां बैठे। महज पांच साल की उम्र में एक बस उनके घुटने को कुचलता हुआ निकल गया। उस दिन के बाद से वह हमेशा के लिए दिव्यांग की श्रेणी में आ गए।

मरियप्पन परालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं। उन्होंने परालंपिक में ऊंची कूद में गोल्‍ड मेडल जीत कर इतिहास रच है। वे भारत के पहले गोल्‍ड मेडलिस्‍ट हैं जिन्‍होंने परालंपिक में ऊंची कूद में गोल्‍ड जीता। मरियप्पन की इस उपलब्धि के चलते भारत पदक की सूची में शीर्ष 30 देशों की सूची में शामिल हो गया है। वहीं, दूसरी ओर उनका परिवार राज्य परिवहन निगम के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।

तमिलनाडु के सलेम जिले के पेरियावडमगेट्टी गांव में जन्‍मे थंगावेलू का परिवार काफी गरीब है। मरियप्पन का जीवन काफी आर्थिक तंगी में बीता है। पिता द्वारा परिवार को छोड़ देने के बाद सारी जिम्मेदारी मरियप्पन की मां के कंधों पर आ गई। मरियप्पन की मां सरोजा आजीविका चलाने के लिए वर्षों से दूसरों के घरों में काम करती आई हैं और सब्जियां बेचती हैं। मरियप्पन की मां खेल के प्रति उनके लगाव को बचपन में ही समझ गई थीं। मरियप्पन पहले वॉलीबॉल खेला करते थे।  

मरियप्पन के मेडल जीतने की खबर पाते ही उनके परिवार ने पटाखे छोड़े और मिठाइयां बाटीं। एथलीट की मां ने कहा कि वह उन सभी लोगों का धन्यवाद करती हैं जिन्होंने उनके लड़के का समर्थन किया है। चार बच्चों की मां सरोजा एक दिन में 75 से लेकर 100 रुपए तक की कमाई करती हैं।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने मरियप्पन के लिये दो करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है। उन्होंने थंगावेलू को बधाई पत्र में कहा, ‘तमिलनाडु राज्य की ओर से परालम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिये तमिलनाडु सरकार ने आपको दो करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने का फैसला किया है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह परालम्पिक खेलों में उनके स्वर्ण पदक जीतने से काफी खुश हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं समझती हूं कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय ने परालम्पिक में ऊंची कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है।’

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खेल मंत्री विजय गोयल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मरियप्पन को बधाई दी है।

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