नरसिंह यादव प्रकरण: खाने में मिलावट करने वाले की हुई पहचान, डोप टेस्‍ट को लेकर NADA की फाइनल सुनवाई आज
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नरसिंह यादव प्रकरण: खाने में मिलावट करने वाले की हुई पहचान, डोप टेस्‍ट को लेकर NADA की फाइनल सुनवाई आज

डोपिंग प्रकरण ने पहलवान नरसिंह यादव को लगभग ओलंपिक से बाहर कर दिया है। नरसिंह यादव के भविष्‍य पर बुधवार को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) की फाइनल सुनवाई के बाद फैसला होगा। डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद नरसिंह यादव के आगामी रियो ओलंपिक में भाग लेने पर संशय गहरा गया है।

नरसिंह यादव प्रकरण: खाने में मिलावट करने वाले की हुई पहचान, डोप टेस्‍ट को लेकर NADA की फाइनल सुनवाई आज

नई दिल्‍ली : डोपिंग प्रकरण ने पहलवान नरसिंह यादव को लगभग ओलंपिक से बाहर कर दिया है। नरसिंह यादव के भविष्‍य पर बुधवार को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) की फाइनल सुनवाई के बाद फैसला होगा। डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद नरसिंह यादव के आगामी रियो ओलंपिक में भाग लेने पर संशय गहरा गया है।

जानकारी के अनुसार, नरसिंह अब बुधवार को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ और नरसिंह के वकील नाडा के सामने कई सबूत पेश करेंगे। इसमें सीसीटीवी की वो फुटेज भी है, जिसमें पिछले दिनों एक अज्ञात शख्स खाने में कुछ मिलाने की कोशिश करता नजर आ रहा था। नाडा के सामने नरसिंह को यह साबित करना होगा कि उनके फंसने से सीधा फायदा उनके प्रतिद्वंद्वी को पहुंच रहा था।

पहलवान नरसिंह यादव को रियो ओलंपिक में जाने से रोकने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचा गया था। सूत्रों के मुताबिक, नरसिंह ने मंगलवार को उस संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर ली, जिसने उन्हें खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाकर दी थी। उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा। इस शख्‍स पर शक है कि उसने नरसिंह के खाने में प्रतिबंधित दवाएं मिलाई थीं। यह शख्‍स भी एक रेसलर ही है और वह एक मशहूर इंटरनेशनल रेसलर का छोटा भाई है। मंगलवार देर शाम इस शख्‍स की पहचान हुई। सूत्रों के अनुसार, नरसिंह के खाने में मिलावट करने वाले का नाम सामने आया। नीतेश नाम के शख्‍स ने खाने में मिलावट की। 

वाडा के नियम के अनुसार, नियम 10.4 कहता है कि यदि साजिश के तहत किसी को फंसाया गया है, तभी उसे निलंबन से छूट दी जाएगी। यदि नरसिंह पूरी तरह अपना पक्ष साबित नहीं कर सके तो उन्हें कम से कम एक साल का निलंबन झेलना होगा। नरसिंह को यदि क्‍लीनचिट नहीं मिली तो उनके स्थान पर प्रवीण राणा को 74 किलो वर्ग में रियो भेजा जा सकता है। हालांकि, कुश्ती संघ और भारतीय ओलंपिक संघ ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

गौर हो कि खेलों के महाकुंभ की शुरुआत से कुछ दिन पहले ही सुशील पर तरजीह पाने वाले नरसिंह को प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पाजीटिव पाए जाने पर अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया। नरसिंह ने डोप परीक्षण में विफल रहने के बाद कहा था कि वह साजिश का शिकार हुए है। इस पहलवान ने खुद को फंसाने के लिये की गयी ‘साजिश’ में साई अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाया और राष्ट्रीय महासंघ ने भी इस संदर्भ में उनका पूरा समर्थन किया है। नरसिंह और उनके साथ कमरे में रहने वाले संदीप यादव को प्रतिबंधित एनाबोलिक स्टेराइड मिथाएंडीनोन के लिए पाजीटिव पाया गया था, इसके एक दिन बाद भारतीय कुश्ती महासंघ ने इस पहलवान का पूरा साथ निभाते हुए जोर देते हुए कहा कि उसे रियो जाने से रोकने के लिये एक साजिश की गई।

भारत की ओलंपिक तैयारियों को सुशील कुमार पर तरजीह देकर चुने गए पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद झटका लगा लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके ओलंपिक प्रतिनिधित्व को खतरे में डालने वाला यह प्रकरण उनके खिलाफ साजिश है। नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की कि नरसिंह को प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पाजीटिव पाया गया है और वह नाडा के अनुशासनात्मक पैनल के समक्ष पेश हुआ। सूत्रों ने बताया कि उसे प्रतिबंधित अनाबालिक स्टेरायड मेथांडिएनोन के सेवन का दोषी पाया गया। पैनल ने इस मामले पर और रिपोर्ट मांगी है।

बता दें कि नरसिंह ने पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक के साथ 74 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल किया था और भारतीय कुश्ती महासंघ ने रियो खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्हें चुना था और सुशील की ट्रायल कराने की मांग ठुकरा दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी सुशील की यह मांग खारिज की थी।

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